मनाली: पूर्व प्रधानमंत्री और भारतीय जनता पार्टी के दिग्गज नेता अटल बिहारी वाजपेयी की आज 95वीं जयंती है. राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह और पूर्व उपप्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी समेत तमाम बड़े नेताओं ने उन्हें सदैव अटल स्मारक पर पूर्व प्रधानमंत्री को श्रद्धांजलि दी.
अटल जी की जयंती के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिल्ली स्थित विज्ञान भवन में 'अटल भूजल योजना' को लॉन्च किया. इस योजना के अंतर्गत सात राज्यों के 8,350 गांव लाभान्वित होंगे. इसके अलावा उन्होंने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि हिमाचल प्रदेश के मनाली को लेह से जोड़ने वाली रोहतांग सुरंग का नाम भी अटल जी के नाम पर अटल सुरंग रखा गया.
प्रदेश की जयराम सरकार के अनुरोध पर अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती से एक दिन पहले ही मंगलवार को केंद्र सरकार ने रोहतांग सुरंग का नाम अटल सुरंग करने को मंजूरी दी. मनाली को लेह से जोड़ने वाली ये सुरंग सामरिक दृष्टि से अति महत्वपूर्ण है. ये पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का ड्रीम प्रोजेक्ट भी था.
अभी इस सुरंग का 80 फीसदी काम पूरा हो चुका है वहीं, साल 2020 में इसका उद्घाटन होना है. ये सुरंग लाहौल स्पीति घाटी के लोगों के लिए वरदान की तरह होगी. सुरंग के निर्माण से जनजातीय जिला के मुख्यालय केलांग की दूरी मनाली के लिए 45 किलोमीटर कम हो जाएगी. इसके अलावा ये टनल लेह-लद्दाख में तैनात भारतीय सेना के लिए भी लाइफ लाइन साबित होगी.
अटल टनल की खास बात ये है कि समुद्रतल से इसकी ऊंचाई करीब 12 हजार फीट है. वहीं, इसकी लंबाई 8.8 किलोमीटर है. इस टनल के निर्माण के लिए लगभग चार हजार करोड़ रुपये खर्च होंगे. हालांकि शुरुआती दौर में इसके खर्च के लिए अनुमानित राशि 1400 करोड़ थी.
पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने की थी घोषणा
तीन जून 2002 को तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने केलांग में एक जनसभा में रोहतांग टनल निर्माण की घोषणा की थी. जून 2010 में सोनिया गांधी ने रोहतांग टनल का विधिवत शिलान्यास कर निर्माण कार्य शुरू किया था. इसके बाद अब साल 2020 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस सुरंग का उद्घाटन करेंगे.
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