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गुड गवर्नेंस में हिमाचल का यह जिला रहा अव्वल, 50 लाख रुपये का मिला ईनाम

हिमाचल प्रदेश में सुशासन सूचकांक को लेकर विभिन्न जिलों का आंकड़ा सामने आया है. डिटेल में पढ़ें खबर...

गुड गवर्नेंस में कांगड़ा अव्वल
गुड गवर्नेंस में कांगड़ा अव्वल (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Nov 11, 2024, 7:10 PM IST

कांगड़ा: जिला कांगड़ा ने लगातार तीसरी बार सुशासन सूचकांक में प्रथम पुरस्कार हासिल कर राज्य में अपने उत्कृष्ट प्रदर्शन को दोहराया है. राजधानी शिमला में मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में आयोजित एक कार्यक्रम में उपायुक्त कांगड़ा हेमराज बैरवा ने ‘गुड गवर्नेंस’ के लिए 50 लाख रुपये का प्रथम पुरस्कार हाासिल किया.

सोमवार को उपायुक्त हेमराज बैरवा ने अपने कार्यालय में गुड गर्वेनेंस के लिए प्रथम पुरस्कार मिलने पर कांगड़ा जिला के अधिकारियों के प्रयासों की सराहना की. जिले में विभागों के बेहतर आपसी समन्वय के चलते गवर्नेंस सुगम और सरल हुई है.

डीसी ने कहा जिले में जनता की सुविधा और सरकार के उद्देश्यों की पूर्ति के लिए तन्मयता और निष्ठा से कार्य कर रहे अधिकारी-कर्मचारियों को इस पुरस्कार का श्रेय जाता है. उन्होंने भविष्य में भी इस प्रदर्शन को बरकरार रखने के लिए जिले में कार्यरत अधिकारी-कर्मचारियों से आपसी समन्वय के साथ कार्य करने की अपील की ताकि आम जनमानस को बेहतर सुविधाएं मिल सकें.

इन बिंदुओं पर हुआ मूल्यांकन

उल्लेखनीय है कि जिला सुशासन सूचकांक (डिस्ट्रिक्ट गुड गवर्नेंस इंडेक्स) शासन की गुणवत्ता के आकलन का एक उपक्रम है. इसकी रिपोर्ट सभी जिलों के आंकड़ों के आधार पर तैयार की जाती है और इसमें सभी जिलों के तुलनात्मक मूल्यांकन के लिए 8 मुख्य विषयों, 19 फोकल बिन्दुओं और 76 संकेतकों पर डाटा एकत्रित किया जाता है.

उपायुक्त ने बताया कि इसमें बुनियादी ढांचा, पारदर्शिता, जवाबदेही, मानव संसाधन विकास, स्वास्थ्य, शिक्षा, पेयजल, सड़क सुविधा कानून व्यवस्था जैसे कई पैरामीटर शामिल होते हैं.

सुदृढ़ होगी कार्यप्रणाली

डीसी ने कहा कि भले ही जिला कांगड़ा ने सुशासन सूचकांक में लगातार तीसरी बार पहला स्थान हासिल किया है लेकिन हर कार्य में सुधार की गुंजाइश हमेशा रहती है. शासन की गुणवत्ता का आकलन करने में यह सूचकांक मददगार साबित होगा.

इसकी रिपोर्ट के आधार पर भविष्य में जिला प्रशासन और विभिन्न विभागों द्वारा अपनी कार्यप्रणाली में और सुधार के लिए आवश्यक कदम उठाये जा सकेंगे. जिला सुशासन सूचकांक में प्रथम आने पर प्रशासन को 50 लाख रुपये प्राप्त हुए हैं. ये धनराशि जिले में सभी विभागों की कार्य निष्पादन क्षमता के विकास पर खर्च की जाएगी.

ये भी पढ़ें: 'हिमाचल सरकार ने 3000 अध्यापकों की बैचवाइज भर्ती की, तीन हजार की प्रक्रिया जारी'

कांगड़ा: जिला कांगड़ा ने लगातार तीसरी बार सुशासन सूचकांक में प्रथम पुरस्कार हासिल कर राज्य में अपने उत्कृष्ट प्रदर्शन को दोहराया है. राजधानी शिमला में मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में आयोजित एक कार्यक्रम में उपायुक्त कांगड़ा हेमराज बैरवा ने ‘गुड गवर्नेंस’ के लिए 50 लाख रुपये का प्रथम पुरस्कार हाासिल किया.

सोमवार को उपायुक्त हेमराज बैरवा ने अपने कार्यालय में गुड गर्वेनेंस के लिए प्रथम पुरस्कार मिलने पर कांगड़ा जिला के अधिकारियों के प्रयासों की सराहना की. जिले में विभागों के बेहतर आपसी समन्वय के चलते गवर्नेंस सुगम और सरल हुई है.

डीसी ने कहा जिले में जनता की सुविधा और सरकार के उद्देश्यों की पूर्ति के लिए तन्मयता और निष्ठा से कार्य कर रहे अधिकारी-कर्मचारियों को इस पुरस्कार का श्रेय जाता है. उन्होंने भविष्य में भी इस प्रदर्शन को बरकरार रखने के लिए जिले में कार्यरत अधिकारी-कर्मचारियों से आपसी समन्वय के साथ कार्य करने की अपील की ताकि आम जनमानस को बेहतर सुविधाएं मिल सकें.

इन बिंदुओं पर हुआ मूल्यांकन

उल्लेखनीय है कि जिला सुशासन सूचकांक (डिस्ट्रिक्ट गुड गवर्नेंस इंडेक्स) शासन की गुणवत्ता के आकलन का एक उपक्रम है. इसकी रिपोर्ट सभी जिलों के आंकड़ों के आधार पर तैयार की जाती है और इसमें सभी जिलों के तुलनात्मक मूल्यांकन के लिए 8 मुख्य विषयों, 19 फोकल बिन्दुओं और 76 संकेतकों पर डाटा एकत्रित किया जाता है.

उपायुक्त ने बताया कि इसमें बुनियादी ढांचा, पारदर्शिता, जवाबदेही, मानव संसाधन विकास, स्वास्थ्य, शिक्षा, पेयजल, सड़क सुविधा कानून व्यवस्था जैसे कई पैरामीटर शामिल होते हैं.

सुदृढ़ होगी कार्यप्रणाली

डीसी ने कहा कि भले ही जिला कांगड़ा ने सुशासन सूचकांक में लगातार तीसरी बार पहला स्थान हासिल किया है लेकिन हर कार्य में सुधार की गुंजाइश हमेशा रहती है. शासन की गुणवत्ता का आकलन करने में यह सूचकांक मददगार साबित होगा.

इसकी रिपोर्ट के आधार पर भविष्य में जिला प्रशासन और विभिन्न विभागों द्वारा अपनी कार्यप्रणाली में और सुधार के लिए आवश्यक कदम उठाये जा सकेंगे. जिला सुशासन सूचकांक में प्रथम आने पर प्रशासन को 50 लाख रुपये प्राप्त हुए हैं. ये धनराशि जिले में सभी विभागों की कार्य निष्पादन क्षमता के विकास पर खर्च की जाएगी.

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