ETV Bharat / bharat

कोरापुट पूरे देश में बाजरा की खेती के लिए सर्वोत्तम स्थान, सौम्या स्वामीनाथन ने कहा

सौम्या ने कहा, ओडिशा और कोरापुट का देश में कृषि जैव विविधता के लिए विशेष स्थान है.

ETV Bharat
सौम्या स्वामीनाथन से बातचीत (ETV Bharat)
author img

By ETV Bharat Hindi Team

Published : Nov 11, 2024, 7:27 PM IST

भुवनेश्वर: ओडिशा में बाजरे की खेती की काफी संभावनाएं हैं. यहां तक ​कि कोरापुट जिले की जलवायु पूरे देश में बाजरे की खेती के लिए सबसे बेहतर है. विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की पूर्व मुख्य वैज्ञानिक और एमएस स्वामीनाथन फाउंडेशन की अध्यक्ष डॉ. सौम्या स्वामीनाथन का मानना ​है कि दक्षिण भारतीय राज्य केरल और ओडिशा के कोरापुट जिले की जलवायु देश में बाजरे की खेती के लिए सबसे अनुकूल है.

रविवार को डॉ. सौम्या स्वामीनाथन राज्य सरकार के दो दिवसीय 'श्री अन्ना अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन' में भाग लेने के अवसर पर भुवनेश्वर आईं. इस दौरान सौम्या ने 'ईटीवी भारत' से एक्सक्लूसिव इंटरव्यू में बाजरे और देश के भविष्य के पोषण रोडमैप के बारे में विस्तार से चर्चा की. उन्होंने कहा कि, 'ओडिशा अपनी कृषि जैव विविधता के लिए प्रसिद्ध है'

ETV Bharat
सौम्या स्वामीनाथन एक कार्यक्रम के दौरान (ETV Bharat)

सौम्या ने कहा, "ओडिशा और कोरापुट का देश में कृषि जैव विविधता के लिए विशेष स्थान है. ऐसा वातावरण बाजरा और धान दोनों की खेती के लिए अनुकूल वातावरण है. पहले हमारी पिछली पीढ़ी संतुलित आहार लेती थी। लेकिन समय के बदलाव के कारण अब हमारी खाद्य प्रणाली पूरी तरह बदल गई है. पौष्टिक खाद्य पदार्थ धीरे-धीरे हमारी थाली में आ रहे हैं. इसकी वजह से हमें कई बीमारियों का सामना करना पड़ रहा है. इसलिए हमें मधुमेह, उच्च रक्तचाप, एनीमिया जैसी कई बीमारियों का सामना करना पड़ रहा है. उन्होंने कहा कि, हमें अपनी खेती प्रणाली, अपनी कृषि प्रणाली को बदलना होगा। मंडिया (रागी) एक ऐसा विकल्प है जो हमें सभी प्रकार की शारीरिक क्षमता प्रदान करेगा.

सौम्या ने आगे कहा, "केरल और ओडिशा का कोरापुट जिला देश में बाजरा की खेती के लिए सबसे अच्छा वातावरण है." ओडिशा सरकार अब बाजरा की खेती को बढ़ावा दे रही है. सिर्फ मंडिया (रागी) ही नहीं बल्कि अब भूले हुए खाद्य पदार्थों को वापस लाने के लिए ऐसे प्रयास शुरू किए गए हैं. हम 1990 से ओडिशा में काम कर रहे हैं. अब 'श्री अन्ना ओडिशा में 'बाजरा मिशन' (बाजरा मिशन) लागू होने जा रहा है. हम सभी को इस पर मिलकर काम करने की जरूरत है.”

ये भी पढ़ें: कोरापुट की महिलाओं ने बंजर क्षेत्र को हरे-भरे जंगल में बदला, प्रकृति मित्र पुरस्कार से सम्मानित

भुवनेश्वर: ओडिशा में बाजरे की खेती की काफी संभावनाएं हैं. यहां तक ​कि कोरापुट जिले की जलवायु पूरे देश में बाजरे की खेती के लिए सबसे बेहतर है. विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की पूर्व मुख्य वैज्ञानिक और एमएस स्वामीनाथन फाउंडेशन की अध्यक्ष डॉ. सौम्या स्वामीनाथन का मानना ​है कि दक्षिण भारतीय राज्य केरल और ओडिशा के कोरापुट जिले की जलवायु देश में बाजरे की खेती के लिए सबसे अनुकूल है.

रविवार को डॉ. सौम्या स्वामीनाथन राज्य सरकार के दो दिवसीय 'श्री अन्ना अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन' में भाग लेने के अवसर पर भुवनेश्वर आईं. इस दौरान सौम्या ने 'ईटीवी भारत' से एक्सक्लूसिव इंटरव्यू में बाजरे और देश के भविष्य के पोषण रोडमैप के बारे में विस्तार से चर्चा की. उन्होंने कहा कि, 'ओडिशा अपनी कृषि जैव विविधता के लिए प्रसिद्ध है'

ETV Bharat
सौम्या स्वामीनाथन एक कार्यक्रम के दौरान (ETV Bharat)

सौम्या ने कहा, "ओडिशा और कोरापुट का देश में कृषि जैव विविधता के लिए विशेष स्थान है. ऐसा वातावरण बाजरा और धान दोनों की खेती के लिए अनुकूल वातावरण है. पहले हमारी पिछली पीढ़ी संतुलित आहार लेती थी। लेकिन समय के बदलाव के कारण अब हमारी खाद्य प्रणाली पूरी तरह बदल गई है. पौष्टिक खाद्य पदार्थ धीरे-धीरे हमारी थाली में आ रहे हैं. इसकी वजह से हमें कई बीमारियों का सामना करना पड़ रहा है. इसलिए हमें मधुमेह, उच्च रक्तचाप, एनीमिया जैसी कई बीमारियों का सामना करना पड़ रहा है. उन्होंने कहा कि, हमें अपनी खेती प्रणाली, अपनी कृषि प्रणाली को बदलना होगा। मंडिया (रागी) एक ऐसा विकल्प है जो हमें सभी प्रकार की शारीरिक क्षमता प्रदान करेगा.

सौम्या ने आगे कहा, "केरल और ओडिशा का कोरापुट जिला देश में बाजरा की खेती के लिए सबसे अच्छा वातावरण है." ओडिशा सरकार अब बाजरा की खेती को बढ़ावा दे रही है. सिर्फ मंडिया (रागी) ही नहीं बल्कि अब भूले हुए खाद्य पदार्थों को वापस लाने के लिए ऐसे प्रयास शुरू किए गए हैं. हम 1990 से ओडिशा में काम कर रहे हैं. अब 'श्री अन्ना ओडिशा में 'बाजरा मिशन' (बाजरा मिशन) लागू होने जा रहा है. हम सभी को इस पर मिलकर काम करने की जरूरत है.”

ये भी पढ़ें: कोरापुट की महिलाओं ने बंजर क्षेत्र को हरे-भरे जंगल में बदला, प्रकृति मित्र पुरस्कार से सम्मानित

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.