कुल्लू: जिला कुल्लू के मुख्यालय के साथ लगते महाराजा कोठी के दोहरानाला इलाके में लोगों की सुविधा के लिए नाले पर एक पुल का निर्माण (Bridge Construction) किया जा रहा है, लेकिन बीते 4 सालों से पुल का निर्माण कार्य पूरा नहीं हो पाया है. घाटी के लोगों की समस्या को देखते हुए अब आम आदमी पार्टी भी इस मामले में कूद पड़ी है और इस मामले में प्रदर्शन करने की भी बात कही है.
दोहरानाला क्षेत्र के विभिन्न गांवों को इस पुल से सुविधा मिलनी थी. हालांकि नाले के ऊपर भी एक कच्ची सड़क का प्रावधान किया गया है, लेकिन जब बरसात में नाले का पानी उफान पर होता है तो हर बार यह सड़क बह जाती है और लोगों को नाला पार करने में काफी दिक्कतें आती है. इन दिनों भी कुल्लू के नदी नाले उफान पर है और कभी भी वह कच्ची सड़क पानी की भेंट चढ़ सकती है.
वहीं, किसानों और बागवानों को भी अपने उत्पादन नाले के दूसरी और पक्की सड़क तक पहुंचाने में दिक्कतें उठानी पड़ रही है. दोहरा नाला पुल के लंबित कार्य को लेकर अब आम आदमी पार्टी भी प्रदर्शन करने के मूड में है.
आम आदमी पार्टी (Aam Aadmi Party) के कुल्लू ब्लॉक के अध्यक्ष सुरेश नेगी का कहना है कि लंबे समय से इस पुल के बारे में ना तो प्रशासन सोच रहा है और ना ही जनप्रतिनिधि इसकी कोई सुध ले रहे हैं. जबकि छोटे से पुल को बनाने के लिए इतना लंबा समय लगना बिल्कुल भी ठीक नहीं है. ऐसे में अब अगर जल्द ही पुल का निर्माण कार्य नहीं किया गया तो स्थानीय लोगों के साथ मिलकर कुल्लू में आम आदमी पार्टी के द्वारा धरना प्रदर्शन किया जाएगा.
वहीं, स्थानीय जिला परिषद सदस्य गुलाब दास का कहना है कि पुल निर्माण की बात को उन्होंने भी प्रशासन के समक्ष रखा है. उन्होंने कहा कि अगर ठेकेदार इस मामले में लेटलतीफी कर रहे हैं तो उसका टेंडर रद्द कर देना चाहिए और किसी अन्य ठेकेदार को पुल निर्माण का कार्य सौंपा जाना चाहिए, ताकि जल्द से जल्द पुल का निर्माण कार्य पूरा किया जा सके.
वहीं, पुल के बनने से शगाड़, चेष्टा, भाखली, पिची, खारका, शेलगी, कावा शांगली, कोट, तेनसेरी सहित अन्य पंचायतों के लोगों को लाभ मिलना है. लोगों ने बताया कि दोहरानाला पुल बनाने में जिस ठेकेदार को टेंडर दिया गया था वह धीमी गति से कार्य कर रहा है. ठेकेदार ने पहले कार्य को अधूरा छोड़ काम बंद कर दिया था. जिस पर विभाग ने ठेकेदार को पेनल्टी भी लगाई है.
ये भी पढ़ें- करगिल की विजय में चमक रहा देवभूमि के बांकुरों का खून, अब तो हिमालयन रेजिमेंट दे दो सरकार