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250 क्विंटल आलू का बीज जालंधर से पहुंचा कुल्लू, लाहौल में किसानों को जल्द मुहैया कराने की तैयारी

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Published : Apr 27, 2020, 5:02 PM IST

मिली जानकारी के अनुसार 250 क्विंटल आलू का बीज जालंधर से कुल्लू पहुंचा दिया गया है. अब जैसे ही रोहतांग दर्रे से वाहनों की आवाजाही शुरू की जाती है तो आलू का बीज लाहौल घाटी पहुंचा दिया जाएगा, ताकि लोग समय पर अपने खेतों में आलू की फसल भी बो सकें.

250 quintal potato seed
कृषि मंत्री डॉ. रामलाल मारकंडा

कुल्लू: जिला कुल्लू में रह रहे लाहौल घाटी के लोगों को अब रोहतांग दर्रा के माध्यम से लाहौल घाटी पहुंचाया जा रहा है. वहीं, लाहौल पहुंचकर किसानों ने भी कृषि कार्यों को तेज कर दिया है, ऐसे में अब कृषि विभाग ने भी किसानों की मदद के लिए सभी प्रकार के बीज उन्हें देना शुरू कर दिए हैं.

लाहौल घाटी में इन दिनों कृषि कार्य जोरों पर है, जिसके चलते किसानों को बीज दवाई सहित अन्य कृषि संसाधनों की आवश्यकता पड़ती है. लाहौल घाटी बर्फबारी के चलते 6 माह तक बर्फ के आगोश में रहती है, ऐसे में प्रदेश सरकार ने बीते नवंबर माह में ही आवश्यक वस्तुओं को लाहौल घाटी पहुंचा दिया है. अब जल्द ही कृषि विभाग घाटी के किसानों को आलू का बीज मुहैया करवाने जा रहा है.

मिली जानकारी के अनुसार 250 क्विंटल आलू का बीज जालंधर से कुल्लू पहुंचा दिया गया है. अब जैसे ही रोहतांग दर्रे से वाहनों की आवाजाही शुरू की जाती है तो आलू का बीज लाहौल घाटी पहुंचा दिया जाएगा, ताकि लोग समय पर अपने खेतों में आलू की फसल भी बो सके.

वीडियो रिपोर्ट.

वहीं, कृषि मंत्री डॉ. रामलाल मारकंडा का कहना है कि किसानों की स्थिति को ध्यान में रखते हुए लाहौल घाटी में पहले ही बीज दवाइयां स्प्रे सहित अन्य चीजें पहुंचा दी गई है. जून माह में लाहुल घाटी के लोग आलू की बिजाई का कार्य शुरू करते हैं, ऐसे में किसानों के लिए आलू का बीज भी कुल्लू पहुंच गया है. जल्द ही उसे लाहुल घाटी पहुंचाया जाएगा और लोगों को आलू का बीज वितरित किया जाएगा.

गौर रहे कि लाहुल घाटी में किसान मटर गोभी और आलू को प्रमुख रूप से अपने खेतों में बीजते हैं. सितंबर माह के दौरान घाटी में कृषि सीजन समाप्त हो जाता है और आसमान से भी एक बार फिर से बर्फबारी का दौर शुरू हो जाता है.

ये भी पढ़ें: सोलन जिला हुआ कोरोना मुक्त, प्रदेश में घटकर 10 हुई कोरोना संक्रमितों की संख्या

कुल्लू: जिला कुल्लू में रह रहे लाहौल घाटी के लोगों को अब रोहतांग दर्रा के माध्यम से लाहौल घाटी पहुंचाया जा रहा है. वहीं, लाहौल पहुंचकर किसानों ने भी कृषि कार्यों को तेज कर दिया है, ऐसे में अब कृषि विभाग ने भी किसानों की मदद के लिए सभी प्रकार के बीज उन्हें देना शुरू कर दिए हैं.

लाहौल घाटी में इन दिनों कृषि कार्य जोरों पर है, जिसके चलते किसानों को बीज दवाई सहित अन्य कृषि संसाधनों की आवश्यकता पड़ती है. लाहौल घाटी बर्फबारी के चलते 6 माह तक बर्फ के आगोश में रहती है, ऐसे में प्रदेश सरकार ने बीते नवंबर माह में ही आवश्यक वस्तुओं को लाहौल घाटी पहुंचा दिया है. अब जल्द ही कृषि विभाग घाटी के किसानों को आलू का बीज मुहैया करवाने जा रहा है.

मिली जानकारी के अनुसार 250 क्विंटल आलू का बीज जालंधर से कुल्लू पहुंचा दिया गया है. अब जैसे ही रोहतांग दर्रे से वाहनों की आवाजाही शुरू की जाती है तो आलू का बीज लाहौल घाटी पहुंचा दिया जाएगा, ताकि लोग समय पर अपने खेतों में आलू की फसल भी बो सके.

वीडियो रिपोर्ट.

वहीं, कृषि मंत्री डॉ. रामलाल मारकंडा का कहना है कि किसानों की स्थिति को ध्यान में रखते हुए लाहौल घाटी में पहले ही बीज दवाइयां स्प्रे सहित अन्य चीजें पहुंचा दी गई है. जून माह में लाहुल घाटी के लोग आलू की बिजाई का कार्य शुरू करते हैं, ऐसे में किसानों के लिए आलू का बीज भी कुल्लू पहुंच गया है. जल्द ही उसे लाहुल घाटी पहुंचाया जाएगा और लोगों को आलू का बीज वितरित किया जाएगा.

गौर रहे कि लाहुल घाटी में किसान मटर गोभी और आलू को प्रमुख रूप से अपने खेतों में बीजते हैं. सितंबर माह के दौरान घाटी में कृषि सीजन समाप्त हो जाता है और आसमान से भी एक बार फिर से बर्फबारी का दौर शुरू हो जाता है.

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