किन्नौर: प्रदेश में कोरोना के मामले दिन-ब-दिन बढ़ते जा रहे हैं. साथ ही बाहरी राज्यों से लोगों के आने का सिलसिला भी लगातार जारी है. काफी समय से किन्नौर जिला कोरोना फ्री था, लेकिन यहां भी कोरोना ने दस्तक दे दी. किन्नौर में कोरोना के मामले सामने आने के बाद प्रशासन सख्त हो गया है.
कोविड-19 की रोकथाम को लेकर लगाए गए लॉकडाउन में मिली छूट के बाद बाजारों व ग्रामीण क्षेत्रों में भीड़ बढ़ने लगी है. जिला के अंदर इन दिनों सेनिटाइजर का छिड़काव भी नहीं किया जा रहा है. इसके चलते कोरोना संक्रमण का खतरा बढ़ा सकता है. कर्फ्यू के दौरान जिला में रोजाना सेनिटाइजर का छिड़काव किया जा रहा था, लेकिन लॉकडाउन में रियायत मिलने के बाद कोविड के कई प्रोटोकॉल को नहीं माना जा रहा है.
कोरोना के मामले आने के बाद डीसी किन्नौर ने शुक्रवार को व्यापार मंडल के साथ एक बैठक की. वहीं, डीसी किन्नौर गोपालचंद ने माना कि कुछ दिनों से जिला में सोडियम हाइपोक्लोराइट का छिड़काव नहीं किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि इन दिनों बाजार व दूसरे क्षेत्रों में वाहनों के साथ-साथ लोगों की भीड़ बढ़ने लगी है. अब रोजाना बाजार व सार्वजनिक स्थलों पर सोडियम हाइपोक्लोराइट का छिड़काव किया जाएगा.
डीसी ने कहा कि महामारी को फैलने से रोकने के लिए सख्ती बरती जाएगी. गोपालचन्द ने कहा कि प्रशासन के पास सोडियम हाइपोक्लोराइट, मास्क, हैंड ग्लव्ज व दूसरे स्वास्थ्य सम्बन्धी चीजें मौजूद हैं. जिला के सभी सरकारी कार्यालयों समेत सार्वजनिक स्थलों पर सोडियम हाइपोक्लोराइट के छिड़काव के साथ लोगों को बिना मास्क घर से बाहर निकलने पर भी पाबंदी है. साठ साल से अधिक व छोटे बच्चों को भी बेवजह घर से बाहर न निकलने की सलाह दी गई है.
बता दें कि हिमाचल में कोरोना के 481 मामले आ चुके हैं. 178 एक्टिव केस हैं. 286 लोग स्वस्थ होकर घर जा चुके हैं, जबकि छह लोगों की प्रदेश में मौत हो चुकी है. कोरोना का कहर सबसे ज्यादा हमीरपुर और कांगड़ा में बरपा है. यहां कोरोना के मामले 100 के पार जा चुके हैं. किन्नौर में 2 मामले सामने आ चुके हैं.