किन्नौर: जनजातीय जिला किन्नौर में भारी बर्फबारी के बाद मंगलवार को बर्फबारी का दौर थम गया है. जिसके बाद लोगों ने रोजमर्रा के काम शुरू कर दिए हैं. हालांकि अभी भी आसमान में काले बादल छाए हुए हैं. जिससे लोगों को एक बार फिर बर्फबारी की चिंता भी सताने लगी है.
बता दें कि किन्नौर में इस महीने लगातार हो रही बर्फबारी से किसानों और बागवानों के कई काम प्रभावित हुए हैं. वहीं भारी हिमपात के चलते बिजली पानी और सड़क की समस्या भी उत्पन्न हुई है. जिला किन्नौर में 80 से ज्यादा संपर्क मार्ग अवरुद्ध हैं. जिसके चलते लोगों को जिला मुख्यालय समेत अन्य इलाकों में अपने निजी कार्य के लिए आवाजाही में समस्याएं उठानी पड़ रही है.
बर्फबारी से प्रशासन और आम जनता का करोड़ों का नुकसान हुआ है. जिसका आंकलन अभी प्रशासन की तरफ से आना बाकी है. नए साल के शुरू होते ही किन्नौर में बर्फभारी का थमने का नाम ही नहीं है. बर्फबारी से समूचा किन्नौर ठंड की चपेट में आ गया है. भारी हिमपात की वजह से जहां लोगो में आने वाली फसल के लिए खुशी दिख रही है, वहीं अधिक बर्फबारी से बागवानों को सेब के बगीचों में पेड़ो के टूटने की चिंता भी सत्ता रही है
बर्फबारी के चलते अब किन्नौर के नदी नालों में ग्लेशियर भी गिरने शुरू हो गए हैं. अब तक किन्नौर में पांच बार ग्लेशियर आया है. जिसमें जंगी नाले और भगत नाले में एक बार, टिंकू नाले में तीन बार ग्लेशियर आ चुका है. एनएच पर चलने वाले लोगों को प्रशासन ने एतिहात बरतकर चलने की अपील भी की है. बर्फभारी के दौरान जिला के लोगों को भी बिना वजह सफर न करने के लिए प्रशासन ने अब तक दो बार अपील की है.
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