किन्नौर: हिमाचल प्रदेश में भारी बारिश ने तबाही मचाई (heavy rain in himachal) हुई है. हिमाचल में पिछले दो महीनों 29 जून से 29 अगस्त तक 284 लोगों की मौत हो गई है. वहीं, किन्नौर जिले में इस साल बरसात के दौरान भूसखलन (Landslide in kinnaur), बाढ़ और चट्टानों के गिरने से सरकारी व निजी संपत्ति को भारी नुकसान हुआ है. जिला के पूह खंड के ग्रामीणों क्षेत्रों में बादल फटने से सेब के लाखों के बगीचे और मटर की खेती को बाढ़ के साथ आये मलबे ने तबाह कर दिया. ऐसे में इस वर्ष जिले के अंदर बारिश के चलते 8 करोड़ की संपत्ति का नुकसान हुआ है. जिसमें सबसे अधिक नुकसान जिले के पूह खंड के शलखर, चांगो, चुलिंग और हांगो में हुआ है. इसके अलावा अन्य क्षेत्रों में सांगला गांव के मध्य नाले में बाढ़ से सेब के बगीचे तबाह हुए हैं.
डीसी किन्नौर आबिद हुसैन सादिक (DC Kinnaur Abid Hussain Sadiq) ने कहा कि जिले के सूखाग्रस्त क्षेत्र चुलिंग, हांगो, शलखर, चांगो ग्राम पंचायत में बारिश के चलते और बादल फटने से लाखों के सेब बगीचे को नुकसान (cloud burst in kinnaur) हुआ है. उन्होंने कहा कि इन क्षेत्रों में मटर की खेती को भी काफी नुकसान हुआ है. इसके अलावा ग्रामीणों के मकान, वाहन, सरकारी संपत्ति को करोड़ों का नुकसान हुआ है. उन्होंने कहा कि प्रशासन की तरफ से नुकसान का आकलन किया गया है.
वहीं, किन्नौर जिले के सांगला, कल्पा, निचार तहसील में भी बारिश (Heavy Rain in Kinnaur) के बाद ग्रामीणों के सेब बगीचे तबाह हुए हैं. इसके साथ ही सरकारी संपत्ति जिसमें पीडबल्यूडी, जलशक्ति विभाग की पाइप लाइन टूटी है. ऐसे में बरसात के मौसम में प्रशासन को भी भारी नुकसान उठाना पड़ा है. डीसी किन्नौर ने कहा कि जिले में जून माह से अगस्त माह तक बारिश के चलते कुल 8 करोड़ का नुकसान हुआ है. उन्होंने कहा कि इन सब नुकसानों की भरपाई के लिए भी प्रशासन द्वारा काम किया जा रहा है. वहीं अब जिले के अंदर फिलहाल जनजीवन समान्य बना हुआ है.
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