किन्नौर: जिला किन्नौर के रिकांगपिओ में हुए फॉरेस्ट टेंडर को लेकर कांग्रेस के कुछ ठेकेदारों ने डीएफओ किन्नौर पर गलत तरीके से टेंडर भरने की आरोप लगाया है.
वहीं, प्रदेश वन निगम उपाध्यक्ष ने डीएफओ किन्नौर का पक्ष लेते हुए कहा कि पिछले दिनों रिकांगपिओ डीएफओ कार्यालय में फॉरेस्ट टेंडर भरे गए थे और सारी प्रक्रिया फॉरेस्ट के नियमानुसार हुई थी. उन्होंने कहा कि कांग्रेस के लोगों की ओर से गलत बयानबाजी की जा रही है.
वन निगम उपाध्यक्ष सूरत नेगी ने कहा कि प्रदेश में बीजेपी की सरकार आने के बाद किन्नौर में भरपूर विकास हो रहा है और जिला में सभी अधिकारी बहुत मेहनती है. इसमें कांग्रेस के विधायक और कुछ कांग्रेसी नेता अधिकारियों को काम करने से रोकने की कोशिश करते रहते हैं. उन्होंने कहा कि किन्नौर में कांग्रेस की सरकार में धांधलियां हुई है, लेकिन अब पारदर्शिता के साथ काम किया जा रहा है.
सूरत नेगी ने कहा कि किन्नौर में फॉरेस्ट विभाग के कार्यप्रणाली पर कांग्रेस नेता बार-बार उंगली खड़ी करते हैं, लेकिन पिछली सरकार में किन्नौर में फॉरेस्ट विभाग में करोड़ों के गफले हुए हैं. उस समय के डीएफओ ने जिला किन्नौर में मनमर्जी काम किया है और इससे आम जनता को भारी नुकसान हुआ है. नेगी ने कहा कि जगत सिंह नेगी के समय फॉरेस्ट में जितनी भी गड़बड़ियां हुई हैं, उसका काला चिट्ठा भी जल्द लोगों के सामने आने वाला है और इसकी जांच अभी जारी है.
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