किन्नौर: जनजातीय जिला किन्नौर के मुख्यालय रिकांगपिओ स्पेशल एरिया डवलेपमेंट अथॉरिटी द्वारा रिकांगपिओ के साडा क्षेत्र के कूड़े को डिस्पोज करने के लिए डिस्पोज मशीन पवारी के नजदीक स्थापित की गई है, लेकिन प्रशासन द्वारा पूरे क्षेत्र के कूड़े को सतलुज नदी में फेंका जा रहा है. जिससे नदी भी प्रदूषित हो रही है.
बता दें कि रिकांगपिओ क्षेत्र का कूड़ा पिछले कई वर्षों से सतलुज नदी के समीप फेंका जा रहा है. जिससे नदी का पानी भी प्रदूषित हुआ है और पानी के अंदर कई जीवों को भी खतरा हो रहा है. रिकांगपिओ क्षेत्र के कूड़े को एकत्रित कर इस वर्ष एक कूड़ा डिस्पोज मशीन में डिस्पोज करने के लिए प्रशासन ने दावे किये थे जो खोखले होते नजर आ रहे हैं.
फिलहाल अभी तक इस मशीन का प्रयोग नहीं किया जा रहा है और रिकांगपिओ का सारा कूड़ा सतलुज नदी समीप फेंका जा रहा है और इस कूड़े में कई पशु इस प्रदूषित कूड़े कर्कट को खाकर मौत के घाट भी उतर रहे हैं.
बता दें कि एनजीटी के दिशानिर्देशों अनुसार किसी भी नदी पर कूड़ा-कचरा या अन्य गंदगी नहीं फेंक सकते, लेकिन जिला किन्नौर में इन सब कानूनों को ताक पर रखकर रिकांगपिओ की गन्दगी को सतलुज में फेंककर नदी के साथ वायु को भी प्रदूषित किया जा रहा है.
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