किन्नौर: रिकांगपिओ में वन अधिकार संघर्ष समिति और हिमलोक जागृति मंच के बैनर तले एक रैली का आयोजन किया गया. वन अधिकार अधिनियम के तहत मिलने वाली जमीनी अधिकार और नौतोड़ को लेकर रैली निकाली गई.
वन अधिकार समिति के अध्यक्ष जियालाल नेगी ने कहा कि पिछले 11 वर्ष पूर्व से ही वन अधिकार अधिनियम 2006 लागू हुआ है, लेकिन किन्नौर में आज भी लोगों को इस अधिनियम के तहत भूमि नहीं मिली और ना ही कोई पट्टे जारी किए गए. जिसके चलते संघर्ष समिति के अधिकार के लिए संघर्ष कर रही है.
समिति के अध्यक्ष ने कहा कि उपायुक्त किन्नौर ने वन अधिकार अधिनियम लागू करने के बजाय किन्नौर में 47 लोगों के केस रिजेक्ट कर दिए, जबकि प्रदेश के जनजातीय जिला लाहौल स्पीति में 76 व भरमौर में इस अधिनियम के तहत 53 लोगों को पट्टे दिए गए हैं.
नेगी ने कहा कि जब विद्युत परियोजनाओं पर काम चलते हैं तो बिना किसी कंडीशन के परियोजना सरकार अपने काम इस अधिनियम के तहत कर रही है, लेकिन जब आम लोगों पर अधिकार अधिनियम के लागू होने की बात आती है तो प्रशासन व सरकार दोनों लोगों के सामने दीवार बनकर खड़े हो जाते हैं.