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किन्नौर उपायुक्त के तबादले की मांग तेज, भूमि पट्टे रद्द करने के बाद लोग हुए लामबंद

किन्नौर उपायुक्त के तबादले की मांग अब तेज होने लगी है. जनजातीय जिले में कई महीनों से एफआरए को लेकर उपायुक्त का विरोध किया जा रहा है. वन अधिकार संघर्ष समिति सदसयों के साथ कई बार उपायुक्त गोपालचंद की बहसबाजी भी हो चुकी है.

Demand for transfer of Deputy Commissioner of Kinnaur intensified
किन्नौर उपायुक्त के तबादले की मांग
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Published : Dec 10, 2019, 12:27 PM IST

Updated : Dec 10, 2019, 3:22 PM IST

किन्नौर: जनजातीय जिले में उपायुक्त के तबादले की मांग जोर पकड़ने लगी है. पुरबनी पंचायत के पूर्व उप प्रधान और वन अधिकार संघर्ष समिति के सदस्यों के बीच कईं बार बहसबाजी हो चुकी है.

वन अधिकार संघर्ष समिति के सदस्य दुर्गाचंद्र ने बताया उपायुक्त नहीं चाहते जनजातीय लोगों का विकास हो इसलिए सरकार से तबादले की मांग कर रहे हैं. लिप्पा गांव में 47 गरीब लोगों के भूमि के पट्टे रद्द कर दिए. विद्युत परियोजनाओं को बिना पंचायतों के एनओसी भूमि दे रहे हैं. पूर्व के सभी उपायुक्तों ने एफआरए व नोतोड़ के कागजी कार्यों पर कोई बाधा उत्पन्न नहीं की पर अब ऐसा हो रहा है.

वीडियो रिपोर्ट

उन्होंने कहा किन्नौर में नोतोड़ को लेकर भी कोई काम नहीं कर रहे हैं जबकि पूरे हिमाचल में नोतोड़ व एफआरए के तहत एफसीए कानून लागू हुआ है लेकिन एफसीए कानून को लागू नहीं किया जा रहा है. सब मझधार में फंस गए हैं. लोगों के पास अपनी भूमि नहीं होने के कारण वनों में बाग बगीचे तैयार कर दिए और अब उपायुक्त लोगों से रहने का प्रमाण पत्र मांग रहे हैं.

ये भी पढ़ें: प्रदेश में मौसम ने बदली करवट, 12-13 दिसम्बर को भारी बारिश और बर्फबारी की संभावना

किन्नौर: जनजातीय जिले में उपायुक्त के तबादले की मांग जोर पकड़ने लगी है. पुरबनी पंचायत के पूर्व उप प्रधान और वन अधिकार संघर्ष समिति के सदस्यों के बीच कईं बार बहसबाजी हो चुकी है.

वन अधिकार संघर्ष समिति के सदस्य दुर्गाचंद्र ने बताया उपायुक्त नहीं चाहते जनजातीय लोगों का विकास हो इसलिए सरकार से तबादले की मांग कर रहे हैं. लिप्पा गांव में 47 गरीब लोगों के भूमि के पट्टे रद्द कर दिए. विद्युत परियोजनाओं को बिना पंचायतों के एनओसी भूमि दे रहे हैं. पूर्व के सभी उपायुक्तों ने एफआरए व नोतोड़ के कागजी कार्यों पर कोई बाधा उत्पन्न नहीं की पर अब ऐसा हो रहा है.

वीडियो रिपोर्ट

उन्होंने कहा किन्नौर में नोतोड़ को लेकर भी कोई काम नहीं कर रहे हैं जबकि पूरे हिमाचल में नोतोड़ व एफआरए के तहत एफसीए कानून लागू हुआ है लेकिन एफसीए कानून को लागू नहीं किया जा रहा है. सब मझधार में फंस गए हैं. लोगों के पास अपनी भूमि नहीं होने के कारण वनों में बाग बगीचे तैयार कर दिए और अब उपायुक्त लोगों से रहने का प्रमाण पत्र मांग रहे हैं.

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Intro:किन्नौर न्यूज़ ।


उपायुक्त किन्नौर के तबादले की मांग,डीसी किन्नौर गो बैक के लगे नारे, किन्नौर के पुरबनी पँचायत के उपप्रधान व वन अधिकार संघर्ष समिति के सदस्य दुर्गा चन्द हुए मुखर,कहा उपायुक्त नही चाहते जनजातीय लोगो का विकास,सरकार से उपायुक्त किन्नौर को तबादला करने की मांग।



जनजातीय जिला किंन्नौर में पिछले कई महीनों से एफआरए को लेकर उपायुक्त किन्नौर के खिलाफ खूब विरोध हो रहा है जिला वन अधिकार संघर्ष समिति के सदसयो के साथ कई बार
उपायुक्त किन्नौर गोपालचन्द के बीच नोकझोंक भी हुई।





किन्नौर के पुरबनी ग्राम पंचायत के पूर्व उपप्रधान व वन अधिकार समिति किन्नौर के सदस्य दुर्गा चन्द ने कहा कि उपायुक्त किन्नौर ने किंन्नौर के लिप्पा गाँव मे 47 गरीब लोगो के भूमि के पट्टे रद्द कर दिए लेकिन विद्युत परियोजनाओं को बिना पँचायतो के एनओसी के भूमि दे रहे है।

दुर्गा चन्द ने कहा कि इससे पूर्व के सभी उपायुक्तों ने एफआरए व नोतोड़ के कागज़ी कार्यो पर कोई बाधा उतपन नही किया था जो वर्तमान के उपायुक्त बाधा उतपन कर रहे है।




Body:उन्होंने कहा कि उपायुक्त किंन्नौर जनजातीय लोगो के साथ पिछले दो वर्षों से भेदभाव कर रहे है और किंन्नौर में नोतोड़ को लेकर भी कोई काम नही कर रहे है जबकि पूरे हिमाचल में आज नोतोड़ व एफआरए के तहत एफसीए कानून लागू हुआ है लेकिन किन्नौर में एफसीए कानून को लागू नही किया जा रहा है।
उनका कहना है कि आज किंन्नौर मजधार में फस गया है लोगो के पास अपनी भूमि नही होने के कारण वनों में बाग बगीचे तैयार कर दिए है और ऐसे में अब उपायुक्त किंन्नौर किन्नौर के लोगो से किंन्नौर में रहने का प्रमाण पत्र मांगने लगे है जिससे उनके काम करने की मंशा पर भी शक्क हो रहा है।





Conclusion:उन्होंने चैतावनी दी है कि समय रहते किंन्नौर में वन अधिकार अधिनियम 2006 के तहत कानून को लागू नही किया और लोगो के नोतोड़ की समस्या नही सुलझी तो जिला वन अधिकार संघर्ष समिति जिला स्तर पर उपायुक्त किन्नौर व प्रदेश सरकार के खिलाफ बहुत बड़ा आंदोलन करेगी।

बता दे कि उपायुक्त किन्नौर के खिलाफ गो बैक के नारे भी लगाए गए।


बाईट----दुर्गा चन्द---पूर्व उपप्रधान पुरबनी एवं सदस्य वन अधिकार सघर्ष समिति किन्नौर ।
Last Updated : Dec 10, 2019, 3:22 PM IST
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