धर्मशाला: कांगड़ा जिला के धर्मशाला में14वें तिब्बती धार्मिक सम्मेलन का आयोजन किया जा रहा है. तीन दिवसीय कार्यक्रम का आयोजन केंद्रीय तिब्बती प्रशासन और धर्म संस्कृति विभाग के संयुक्त तत्वाधान में किया जा रहा है.
बुधवार को सम्मेलन के दौरान 15वें दलाई लामा के चयन को लेकर धर्मशाला में प्रस्ताव पारित कर वरिष्ठ बौद्ध लामाओं ने चीन सरकार के दलाई लामा के पुनर्जन्म पर अधिकार के दावे को नकार दिया. उन्होंने साफ कहा कि दलाई लामा के चयन को लेकर चीन का कोई हाथ नहीं है.
बता दें कि धर्मशाला में बुधवार शाम को निर्वासित तिब्बत सरकार के धर्म एवं संस्कृति विभाग की ओर से तीन दिवसीय तिब्बती धार्मिक सम्मेलन शुरू हुआ. इसमें दुनिया भर से वरिष्ठ बौद्ध लामाओं और निर्वासित तिब्बत सरकार के नेताओं ने भाग लिया.
इसमें दलाई लामा के पुनर्जन्म को लेकर सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित हुआ. इसमें कहा गया कि दलाई लामा के अगले पुनर्जन्म के विषय में निर्णय का अधिकार पूरी तरह से दलाई लामा का रहेगा.
किसी सरकार या अन्य व्यक्ति के पास ऐसा कोई अधिकार नहीं होगा, यदि चीन सरकार दलाई लामा के लिए उम्मीदवार चुनती है तो तिब्बती लोग उस उम्मीदवार का सम्मान नहीं करेंगे और न ही मान्यता देंगे.
सम्मेलन के माध्यम से धार्मिक प्रमुखों और प्रतिनिधियों ने संकल्प पारित करते हुए कहा कि दलाई लामा और तिब्बती लोगों के बीच का कार्मिक बंधन अविभाज्य रहा है और तिब्बती लोगों की वर्तमान स्थिति अत्यंत महत्वपूर्ण है, सभी तिब्बती वास्तव में भविष्य में दलाई लामा के संस्थान और पुनर्जन्म की निरंतरता की कामना करते हैं.
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