धर्मशाला: हिमाचल प्रदेश की सबसे बड़ी 54 पार्षदों वाली जिला परिषद के चुनाव की प्रक्रिया संपन्न हो चुकी है. अब जिला परिषद के अध्यक्ष, उपाध्यक्ष के लिए जोड़-तोड़ की सियासत शुरू हो चुकी है. जिला प्रशासन की ओर से भी अध्यक्ष और उपाध्यक्ष के चुनाव के लिए 30 जनवरी की तारीख तय कर दी गई है.
डीसी कांगड़ा राकेश कुमार प्रजापति ने बताया कि राज्य निर्वाचन आयोग और पंचायती राज विभाग के दिशा निर्देशों की हस्ताक्षरित कॉपी मिल चुकी है. जिसके तहत अब जल्द ही ये चुनाव करवाये जाएंगे. हालांकि 30 जनवरी को कोरम पूरा होने में कुछ संशय चल रहा है, जिस पर भी अपनी स्थिति स्पष्ट करते हुए डीसी राकेश प्रजापति ने कहा कि अगर उस दिन ये चयन नहीं हो पाया तो भी जल्द ही इस चयन को पूरा किया जाएगा.
इस तरह के हैं समीकरण
बता दें कि हाल ही में हुए जिला परिषद के चुनावों में जीत कर आए पार्षदों में से 32 पार्षद भाजपा के जबकि 19 कांग्रेस और 3 पार्षद निर्दलीय हैं. हालांकि भाजपा के पास जिला परिषद का अध्यक्ष उपाध्यक्ष चुनने के लिए जादूई आंकड़ा पूरा है. फिर भी अध्यक्ष की कुर्सी पर काबिज होने के लिए ललायित कई जिला परिषद सदस्यों ने अपने स्तर पर भी जोड़-तोड़ का काम करने शुरू कर दिया है.
हॉर्स ट्रेडिंग शुरू
इतना ही नहीं भावी विधानसभा के चुनावों को मद्देनजर रखते दोनों दलों की नज़रें इन ओहदों पर अपना ही अध्यक्ष उपाध्यक्ष बिठाने की है और इसके लिए हॉर्स ट्रेडिंग भी शुरू हो चुकी है. बावजूद इसके जो अंदर खाते इन कुर्सियों पर काबिज होने के लिए ललायित हैं, वो पार्टियों द्वारा थोपे जाने वाले अध्यक्षों उपाध्यक्षों को कितना पसंद-नापसंद करते हैं. यह बड़ा सवाल है.
देखने को मिल सकता है क्रॉस वोटिंग का खेल
कयास ये भी लगाए जा रहे हैं कि हो सकता है कि इन ओहदों के चाहवान ओहदा न मिलने पर क्रॉस वोटिंग का खेल भी खेल कर अपने ही दलों को गच्चा भी दे सकते हैं. जिस पर अब बड़े नेताओं की भी नजर है. शायद यही वजह है कि सत्ताधारी भाजपा सरकार व कांग्रेस दोनों की नजरें इस हॉट सीट पर टिकी हुई हैं और अपने पार्षदों के भी दिल जीत कर सियासत का केंद्र समझे जाने वाले कांगड़ा जिला में सबसे बड़ी जिला परिषद में अपनी पार्टी का अध्यक्ष और उपाध्यक्ष बनाया जा सके.
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