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हिमाचल में चाय उत्पादन बढ़ाने पर जोर, पहली बार टी प्लकिंग और प्रूनिंग की मशीनों पर मिलेगी सब्सिडी

Tea Growers Grant for Tea Plucking and Pruning Machine: हिमाचल प्रदेश में चाय उत्पादकों को अब टी प्लकिंग और प्रूनिंग की मशीनों के लिए प्रदेश सरकार अनुदान दे रही है. जिसके तहत सरकार 140 मशीनें चाय उत्पादकों को बांटेगी. इसके लिए सरकार ने 44 लाख रुपए के बजट का प्रावधान किया है.

Kangra Tea Garden
कांगड़ा चाय बागान
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By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Nov 28, 2023, 7:39 AM IST

Updated : Nov 28, 2023, 10:21 AM IST

हिमाचल में टी प्लकिंग और प्रूनिंग की मशीनों पर सब्सिडी

धर्मशाला: हिमाचल प्रदेश में श्रमिक समस्या से जूझ रहे कांगड़ा चाय उद्योग में चाय उत्पादकों को टी प्लकिंग और प्रूनिंग के लिए इस साल 140 मशीनें आवंटित की जाएगी. इसके लिए 44 लाख रुपए के बजट का प्रावधान किया गया है. कांगड़ा चाय उत्पादकों के सामने पिछले कई सालों से श्रमिक समस्या एक प्रमुख समस्या बनकर उभरी है. श्रमिकों की कमी और इसके लिए महंगे दरों पर श्रमिकों की उपलब्धता के कारण अनेक छोटे चाय उत्पादक, चाय उत्पादन से किनारा करने लगे थे. ऐसे में प्रदेश सरकार ने पहली बार चाय उत्पादकों को मशीनों की उपलब्धता के लिए सब्सिडी देने का फैसला लिया है.

टी प्लकिंग पर कुल लागत का 70% खर्च: चाय विशेषज्ञ के अनुसार कि चाय उत्पादन में आने वाली कुल लागत का 70 प्रतिशत चाय की प्लकिंग (तोड़ना) पर आता है. ऐसे में श्रमिक लागत को कम करने और श्रमिकों की कमी की समस्या के समाधान के लिए चाय उत्पादकों को टी प्लकिंग और प्रूनिंग के लिए मशीन में मुहैया करवाने की कवायद शुरू कर दी है. हालांकि ये मशीनें पहले से ही बाजार में उपलब्ध है, लेकिन ये मशीनें इतनी महंगी हैं कि चाय उत्पादक इससे दूरी बनाकर रखते हैं.

Kangra Tea
कांगड़ा चाय

अब तक 52 मशीनें बांटी: इस बारे में जानकारी देते हुए चाय तकनीकी अधिकारी कृषि विभाग पालमपुर डॉ. सुनील पटियाल ने बताया कि हिमाचल प्रदेश कृषि विभाग के जरिए प्रदेश सरकार ने चाय उत्पादकों को मशीनरी खरीदने के लिए अनुदान देने का फैसला लिया है. इसके लिए बजट एलोकेशन कर दी गई है और चाय उत्पादकों के मशीनों के लिए अनुदान दिया जा रहा है. टी प्लकिंग और प्रूनिंग के लिए इस साल 44 लाख रुपए के बजट का प्रावधान किया गया है, जिसमें 140 मशीनें आवंटित की जाएगी, जिसमें 52 मशीनें बांटी जा चुकी हैं.

मशीनों पर दिया जाने वाला अनुदान: डॉ. सुनील पटियाल ने बताया कि टी प्लकिंग मशीन डबल मैन पर 50 प्रतिशत या अधिकतम 80,000 रुपए का अनुदान दिया जा रहा है. जबकि सिंगल मैन में 40,000 अधिकतम अनुदान का प्रावधान रहेगा. छोटे चाय बागान उत्पादकों के लिए बैटरी ऑपरेटेड टी प्लकिंग मशीन पर 8000 रुपए का अनुदान चाय बागान को मिलेगा. वहीं, प्रूनिंग मशीन पर डबल मैन पर 50 प्रतिशत या अधिकतम 80,000 रुपए, जबकि सिंगल मैन पर 30,000 अधिकतम अनुदान का प्रावधान दिया गया है. कांगड़ा चाय से 5900 टी प्लांटर इस उद्योग से जुड़े हुए हैं. वहीं, प्रत्यक्ष अप्रत्यक्ष रूप से कई अन्य परिवारों को कांगड़ा चाय उद्योग रोजगार उपलब्ध करवा रहा है.

ये भी पढे़ं: Kangra Tea के उत्पादन में बड़ा उछाल, कोलकाता की गलियों में छाई कांगड़ा चाय की महक

हिमाचल में टी प्लकिंग और प्रूनिंग की मशीनों पर सब्सिडी

धर्मशाला: हिमाचल प्रदेश में श्रमिक समस्या से जूझ रहे कांगड़ा चाय उद्योग में चाय उत्पादकों को टी प्लकिंग और प्रूनिंग के लिए इस साल 140 मशीनें आवंटित की जाएगी. इसके लिए 44 लाख रुपए के बजट का प्रावधान किया गया है. कांगड़ा चाय उत्पादकों के सामने पिछले कई सालों से श्रमिक समस्या एक प्रमुख समस्या बनकर उभरी है. श्रमिकों की कमी और इसके लिए महंगे दरों पर श्रमिकों की उपलब्धता के कारण अनेक छोटे चाय उत्पादक, चाय उत्पादन से किनारा करने लगे थे. ऐसे में प्रदेश सरकार ने पहली बार चाय उत्पादकों को मशीनों की उपलब्धता के लिए सब्सिडी देने का फैसला लिया है.

टी प्लकिंग पर कुल लागत का 70% खर्च: चाय विशेषज्ञ के अनुसार कि चाय उत्पादन में आने वाली कुल लागत का 70 प्रतिशत चाय की प्लकिंग (तोड़ना) पर आता है. ऐसे में श्रमिक लागत को कम करने और श्रमिकों की कमी की समस्या के समाधान के लिए चाय उत्पादकों को टी प्लकिंग और प्रूनिंग के लिए मशीन में मुहैया करवाने की कवायद शुरू कर दी है. हालांकि ये मशीनें पहले से ही बाजार में उपलब्ध है, लेकिन ये मशीनें इतनी महंगी हैं कि चाय उत्पादक इससे दूरी बनाकर रखते हैं.

Kangra Tea
कांगड़ा चाय

अब तक 52 मशीनें बांटी: इस बारे में जानकारी देते हुए चाय तकनीकी अधिकारी कृषि विभाग पालमपुर डॉ. सुनील पटियाल ने बताया कि हिमाचल प्रदेश कृषि विभाग के जरिए प्रदेश सरकार ने चाय उत्पादकों को मशीनरी खरीदने के लिए अनुदान देने का फैसला लिया है. इसके लिए बजट एलोकेशन कर दी गई है और चाय उत्पादकों के मशीनों के लिए अनुदान दिया जा रहा है. टी प्लकिंग और प्रूनिंग के लिए इस साल 44 लाख रुपए के बजट का प्रावधान किया गया है, जिसमें 140 मशीनें आवंटित की जाएगी, जिसमें 52 मशीनें बांटी जा चुकी हैं.

मशीनों पर दिया जाने वाला अनुदान: डॉ. सुनील पटियाल ने बताया कि टी प्लकिंग मशीन डबल मैन पर 50 प्रतिशत या अधिकतम 80,000 रुपए का अनुदान दिया जा रहा है. जबकि सिंगल मैन में 40,000 अधिकतम अनुदान का प्रावधान रहेगा. छोटे चाय बागान उत्पादकों के लिए बैटरी ऑपरेटेड टी प्लकिंग मशीन पर 8000 रुपए का अनुदान चाय बागान को मिलेगा. वहीं, प्रूनिंग मशीन पर डबल मैन पर 50 प्रतिशत या अधिकतम 80,000 रुपए, जबकि सिंगल मैन पर 30,000 अधिकतम अनुदान का प्रावधान दिया गया है. कांगड़ा चाय से 5900 टी प्लांटर इस उद्योग से जुड़े हुए हैं. वहीं, प्रत्यक्ष अप्रत्यक्ष रूप से कई अन्य परिवारों को कांगड़ा चाय उद्योग रोजगार उपलब्ध करवा रहा है.

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Last Updated : Nov 28, 2023, 10:21 AM IST
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