कांगड़ा: प्रदेश में दूसरी से पांचवीं कक्षा के छात्र भी संस्कृत पढ़ेंगे. इसके लिए स्कूल शिक्षा बोर्ड ने संस्कृत विषय का पाठयक्रम तैयार कर लिया है. संस्कृत को प्रदेश की दूसरी राजभाषा बनाया गया है.
इसके साथ-साथ प्रदेश में स्कूल शिक्षा बोर्ड के सूचना पटों को हिंदी के साथ संस्कृत में भी लिखा जाएगा. वहीं, प्रार्थना सभा में राष्ट्रभक्ति से संबंधित विचार, प्राणायाम, नशे से दूर रहने की सलाह, पर्यावरण संरक्षण, यातायात नियमों की जानकारी, माता-पिता और गुरुओं का आदर करने के बारे में जागरूक किया जाएगा.
प्रदेश में डम्मी एडमिशन करवाने वाले स्कूलों की जांच के लिए कमेटी का गठन किया जाएगा. कमेटी निजी स्कूलों की जांच करेगी, जिस स्कूल में स्टूडेंटस की डम्मी एडमिशन मिलेगी, उसकी मान्यता रद्द की जाएगी.
शिक्षा बोर्ड ने की 3 करोड़ की बचत
शिक्षा मंत्री ने कहा कि जहां पहले 40 बच्चों पर एक इनविजिलेटर लगाया था, जिसमें कई स्कूलों में कमरे छोटे होते हैं और उसमें 40 बच्चे भी नहीं बैठ पाते, ऐसे में 25 बच्चों पर एक इनविजिलेटर रखा जाएगा.
शिक्षा मंत्री ने बताया कि इस मर्तबा प्रिंटिंग के टेंडर में अच्छा कागज लेकर पिछले वर्षों की अपेक्षा 3 करोड़ रुपये की बचत की गई है. उन्होंने कहा कि जो कागज पहले 77 हजार रुपये प्रति मीट्रिक टन लिया जाता था, उसे इस वर्ष 69 हजार प्रति मीट्रिक टन लिया गया है. इसके अतिरिक्त अन्य परीक्षा संबंधी विषयों पर विचार किया गया. स्कूलों में शिक्षा का स्तर अच्छा हो, इसके लिए भी शैक्षणिक कमेटी की बैठक में जो निर्णय लिए गए, उन्हें एप्रूव किया गया है.
शिक्षा मंत्री ने कहा कि प्रार्थना सभा में बदलाव करने सहित बैग फ्री डे पर विद्यार्थियों को क्या-क्या करना है, इस बारे विद्यार्थियों को बताने का निर्णय लिया गया.