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प्रदेश में दूसरी से पांचवीं के स्टूडेंटस भी पढ़ेंगे संस्कृत, स्कूल शिक्षा बोर्ड ने तैयार किया पाठयक्रम - 40 बच्चों पर एक इनविजिलेटर

शिक्षा मंत्री सुरेश भारद्वाज ने प्रदेश में दूसरी से पांचवीं कक्षा के छात्र भी संस्कृत पढ़ेंगे. संस्कृत को प्रदेश की दूसरी राजभाषा बनाया गया है.इसके साथ ही स्टूडेंटस में हैप्पीनेस को बढ़ाने के लिए योग, शतरंज और संगीत विषय को पाठ्यक्रम में शामिल किया जाएगा.

प्रदेश में दूसरी से पांचवीं के स्टूडेंटस भी पढ़ेंगे संस्कृत.
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Published : Nov 19, 2019, 11:24 PM IST

कांगड़ा: प्रदेश में दूसरी से पांचवीं कक्षा के छात्र भी संस्कृत पढ़ेंगे. इसके लिए स्कूल शिक्षा बोर्ड ने संस्कृत विषय का पाठयक्रम तैयार कर लिया है. संस्कृत को प्रदेश की दूसरी राजभाषा बनाया गया है.
इसके साथ-साथ प्रदेश में स्कूल शिक्षा बोर्ड के सूचना पटों को हिंदी के साथ संस्कृत में भी लिखा जाएगा. वहीं, प्रार्थना सभा में राष्ट्रभक्ति से संबंधित विचार, प्राणायाम, नशे से दूर रहने की सलाह, पर्यावरण संरक्षण, यातायात नियमों की जानकारी, माता-पिता और गुरुओं का आदर करने के बारे में जागरूक किया जाएगा.

प्रदेश में डम्मी एडमिशन करवाने वाले स्कूलों की जांच के लिए कमेटी का गठन किया जाएगा. कमेटी निजी स्कूलों की जांच करेगी, जिस स्कूल में स्टूडेंटस की डम्मी एडमिशन मिलेगी, उसकी मान्यता रद्द की जाएगी.

वीडियो.
इसके साथ ही स्टूडेंटस में हैप्पीनेस को बढ़ाने के लिए योग, शतरंज और संगीत विषय को पाठ्यक्रम में शामिल किया जाएगा. एकेडमिक समिति की बैठक में केंद्र सरकार की ओर से नियुक्त अकादमी सदस्य अतुल कोठारी प्रमुख रूप से मौजूद रहे. बैठक में शिक्षा की गुणवत्ता बनाने, संस्कार युक्त शिक्षा देने पर कई फैसले हुए हैं. स्कूल शिक्षा बोर्ड ने अपनी गतिविधियों के लिए न्यूज लेटर छापने का फैसला लिया है, जो हिंदी, संस्कृत और अंग्रेजी भाषा में प्रकाशित होगा.

शिक्षा बोर्ड ने की 3 करोड़ की बचत

शिक्षा मंत्री ने कहा कि जहां पहले 40 बच्चों पर एक इनविजिलेटर लगाया था, जिसमें कई स्कूलों में कमरे छोटे होते हैं और उसमें 40 बच्चे भी नहीं बैठ पाते, ऐसे में 25 बच्चों पर एक इनविजिलेटर रखा जाएगा.

शिक्षा मंत्री ने बताया कि इस मर्तबा प्रिंटिंग के टेंडर में अच्छा कागज लेकर पिछले वर्षों की अपेक्षा 3 करोड़ रुपये की बचत की गई है. उन्होंने कहा कि जो कागज पहले 77 हजार रुपये प्रति मीट्रिक टन लिया जाता था, उसे इस वर्ष 69 हजार प्रति मीट्रिक टन लिया गया है. इसके अतिरिक्त अन्य परीक्षा संबंधी विषयों पर विचार किया गया. स्कूलों में शिक्षा का स्तर अच्छा हो, इसके लिए भी शैक्षणिक कमेटी की बैठक में जो निर्णय लिए गए, उन्हें एप्रूव किया गया है.
शिक्षा मंत्री ने कहा कि प्रार्थना सभा में बदलाव करने सहित बैग फ्री डे पर विद्यार्थियों को क्या-क्या करना है, इस बारे विद्यार्थियों को बताने का निर्णय लिया गया.

कांगड़ा: प्रदेश में दूसरी से पांचवीं कक्षा के छात्र भी संस्कृत पढ़ेंगे. इसके लिए स्कूल शिक्षा बोर्ड ने संस्कृत विषय का पाठयक्रम तैयार कर लिया है. संस्कृत को प्रदेश की दूसरी राजभाषा बनाया गया है.
इसके साथ-साथ प्रदेश में स्कूल शिक्षा बोर्ड के सूचना पटों को हिंदी के साथ संस्कृत में भी लिखा जाएगा. वहीं, प्रार्थना सभा में राष्ट्रभक्ति से संबंधित विचार, प्राणायाम, नशे से दूर रहने की सलाह, पर्यावरण संरक्षण, यातायात नियमों की जानकारी, माता-पिता और गुरुओं का आदर करने के बारे में जागरूक किया जाएगा.

प्रदेश में डम्मी एडमिशन करवाने वाले स्कूलों की जांच के लिए कमेटी का गठन किया जाएगा. कमेटी निजी स्कूलों की जांच करेगी, जिस स्कूल में स्टूडेंटस की डम्मी एडमिशन मिलेगी, उसकी मान्यता रद्द की जाएगी.

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इसके साथ ही स्टूडेंटस में हैप्पीनेस को बढ़ाने के लिए योग, शतरंज और संगीत विषय को पाठ्यक्रम में शामिल किया जाएगा. एकेडमिक समिति की बैठक में केंद्र सरकार की ओर से नियुक्त अकादमी सदस्य अतुल कोठारी प्रमुख रूप से मौजूद रहे. बैठक में शिक्षा की गुणवत्ता बनाने, संस्कार युक्त शिक्षा देने पर कई फैसले हुए हैं. स्कूल शिक्षा बोर्ड ने अपनी गतिविधियों के लिए न्यूज लेटर छापने का फैसला लिया है, जो हिंदी, संस्कृत और अंग्रेजी भाषा में प्रकाशित होगा.

शिक्षा बोर्ड ने की 3 करोड़ की बचत

शिक्षा मंत्री ने कहा कि जहां पहले 40 बच्चों पर एक इनविजिलेटर लगाया था, जिसमें कई स्कूलों में कमरे छोटे होते हैं और उसमें 40 बच्चे भी नहीं बैठ पाते, ऐसे में 25 बच्चों पर एक इनविजिलेटर रखा जाएगा.

शिक्षा मंत्री ने बताया कि इस मर्तबा प्रिंटिंग के टेंडर में अच्छा कागज लेकर पिछले वर्षों की अपेक्षा 3 करोड़ रुपये की बचत की गई है. उन्होंने कहा कि जो कागज पहले 77 हजार रुपये प्रति मीट्रिक टन लिया जाता था, उसे इस वर्ष 69 हजार प्रति मीट्रिक टन लिया गया है. इसके अतिरिक्त अन्य परीक्षा संबंधी विषयों पर विचार किया गया. स्कूलों में शिक्षा का स्तर अच्छा हो, इसके लिए भी शैक्षणिक कमेटी की बैठक में जो निर्णय लिए गए, उन्हें एप्रूव किया गया है.
शिक्षा मंत्री ने कहा कि प्रार्थना सभा में बदलाव करने सहित बैग फ्री डे पर विद्यार्थियों को क्या-क्या करना है, इस बारे विद्यार्थियों को बताने का निर्णय लिया गया.

Intro:धर्मशाला- शिक्षा मंत्री सुरेश भारद्वाज ने कहा कि प्रदेश में अब दूसरी से पांचवीं कक्षा के स्टूडेंटस भी संस्कृत पढ़ेंगे। इसके लिए स्कूल शिक्षा बोर्ड ने संस्कृत विषय का पाठयक्रम तैयार कर लिया है। संस्कृत प्रदेश की दूसरी राजभाषा बनी है। स्कूल शिक्षा बोर्ड के प्रदेश में जितने भी बोर्ड लगे हैं, उनमें हिंदी के साथ संस्कृत में भी लिखा जाएगा, जैसे कि अन्य राज्यों में हिंदी के साथ प्रादेशिक भाषा में लिखा जाता है। वहीं प्रार्थना सभा में बदलाव करने की दिशा में कदम उठाते हुए प्रार्थना सभा में नियमित विषय जोडऩे का फैसला लिया। प्रार्थना सभा में राष्ट्रभक्ति से संबंधित विचार, प्राणायाम, नशा से दूर रहने की सलाह, पर्यावरण संरक्षण, यातायात नियमों की जानकारी, माता-पिता और गुरुओं का आदर करने के बारे में जागरूक किया जाएगा। 





Body:प्रदेश में डम्मी एडमिशन करवाने वाले स्कूलों की जांच के लिए कमेटी गठित की जाएगी। कमेटी निजी स्कूलों की जांच करेगी, जिस स्कूल में स्टूडेंटस की डम्मी एडमिशन मिलेगी, उसकी मान्यता रद्द की जाएगी। स्टूडेंटस में हैप्पीनैस को बढ़ाने के लिए योग, शतरंज और संगीत विषय को पाठ्यक्रम में शामिल किया जाएगा। एकैडमिक समिति की बैठक में केंद्र सरकार की ओर से नियुक्त अकादमी सदस्य अतुल कोठारी प्रमुख रूप से मौजूद रहे। बैठक में शिक्षा की गुणवत्ता बनाने, संस्कार युक्त शिक्षा देने पर कई फैसले हुए हैं। स्कूल शिक्षा बोर्ड ने अपनी गतिविधियों के लिए न्यूज लेटर छापने का फैसला लिया है, जो कि हिंदी संस्कृत और अंग्रेजी भाषा में प्रकाशित होगा। 







Conclusion:शिक्षा बोर्ड ने की 3 करोड़ की बचत

शिक्षा मंत्री ने कहा कि जहां पहले 40 बच्चों पर एक इनविजिलेटर लगाया था, क्योंकि कई स्कूलों में कमरे छोटे होते हैं, जिनमें 40 बच्चे नहीं बैठ पाते, ऐसे में अब 25 बच्चों पर एक इनविजिलेटर रखा जाएगा।  शिक्षा मंत्री ने बताया कि प्रिंटिंग के टेंडर में इस मर्तबा अच्छा कागज लेकर पिछले वर्षों की अपेक्षा 3 करोड़ रुपये की बचत की गई है। जो कागज पहले 77 हजार रुपये प्रति मीट्रिक टन लिया जाता था, उसे इस वर्ष 69 हजार प्रति मीट्रिक टन लिया गया है। इसके अतिरिक्त अन्य परीक्षा संबंधी विषयों पर विचार किया गया। स्कूलों में शिक्षा का स्तर अच्छा हो, इसके लिए भी शैक्षणिक कमेटी की बैठक में जो निर्णय लिए गए, उन्हें एपू्रव किया गया है।  इसके अतिरिक्त प्रार्थना सभा में बदलाव करने सहित बैग फ्री डे पर विद्यार्थियों को क्या-क्या किया जाए, इस बारे विद्यार्थियों को बताने का निर्णय लिया गया

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