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लॉकडाउन ने सुधारी चिड़ियाघरों के जानवरों की 'सेहत', तनाव मुक्त हुए जानवर

लॉकडाउन में प्रकृति समेत वन्य जीव खुली हवा में सांस ले रहे हैं. प्रदूषण मुक्त वातावरण और लोगों के हस्तक्षेप न करने से वातावरण पूरी तरह से शांत है. जू में लोगों का जमावड़ा देख पहले जहां जानवर कई बार तंग हो जाते थे. वहीं, अब मजे से विचरण कर रहे हैं.

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Published : Jun 7, 2020, 8:26 PM IST

Special story on Zoos of himachal, हिमाचल के चिड़ियाघरों पर न्यूज
फोटो.

धर्मशाला/नाहन: देश दुनिया में काफी लंबे समय से कोरोना महामारी फैली हुई है. दुनिया के तमाम देशों में लॉकडाउन लगाया गया, ताकि इस वायरस से बचा जा सके. वहीं, जानवरों में कहीं कोरोना वायरस ना फैल जाए जिसके चलते ऐहतियातन के तौर पर चिड़ियाघरों को बंद कर दिया गया था.

कोरोना महामारी के इस प्रकोप से बचाने के लिए जानवरों के लिए क्या कुछ तैयारियां की गई थी.. इसे जानने के लिए ईटीवी भारत जिला कांगड़ा के पालमपुर में स्थित गोपालपुर चिड़िया घर पहुंचा. जहां पहुंचने पर पता चला कि जू को लॉकडाउन से ठीक पहले बंद कर दिया था, ताकि किसी प्रकार का कोई संक्रमण न फैल सके. बताया गया कि जू के स्टाफ ने भी तमाम सावधानियां बरतीं जिससे कि महामारी फैलने का खतरा ना हो... वहीं, लॉकडाउन में जू में कुछ नए मेहमानों की एंट्री भी हुई है.

वीडियो.

वहीं, हिमाचल प्रदेश में सिरमौर की श्री रेणुका जी झील लोगों की आस्था का केंद्र है. लोग झील की परिक्रमा करते हैं. इसी झील के किनारे मिनी जू बनाया गया है. आस्था का केंद्र होने के चलते चिड़ियाघर में किसी भी तरह की एंट्री फीस नहीं लगती. ऐसे में लॉकडाउन से पहले लोग भारी संख्या में यहां हर रोज आते थे, लेकिन अब झील के गेट बंद होने से यहां पर लोगों की आवाजाही पूरी तरह से बंद है.

Special story on Zoos of himachal, हिमाचल के चिड़ियाघरों पर न्यूज
फोटो.

चिड़ियाघर में जू का स्टाफ जानवरों का पूरी तहर से ख्याल रख रहा है. समय-समय पर जानवरों के स्वास्थ्य की जांच की जा रही है. वहीं, मांसाहारी जानवारों समेत शाकाहारी जानवरों को नियमित अंतराल के बाद खाना उपलब्ध करवाया जा रहा है. बता दें कि जब भी जानवरों को खाना डाला जाता है तो स्टाफ पूरी पीपीई किट पहन कर ही अंदर जाते हैं ताकि जानवरों को वायरस का खतरा ना हो.

Special story on Zoos of himachal, हिमाचल के चिड़ियाघरों पर न्यूज
फोटो.

बता दें कि लॉकडाउन में प्रकृति समेत वन्य जीव खुली हवा में सांस ले रहे हैं. प्रदूषण मुक्त वातावरण और लोगों के हस्तक्षेप न करने से वातावरण पूरी तरह से शांत है. जू में लोगों का जमावड़ा देख पहले जहां जानवर कई बार तंग हो जाते थे. वहीं, अब मजे से विचरण कर रहे हैं.

ये भी पढ़ें- स्वास्थ्य विभाग में घोटाले को लेकर जीएस बाली ने उठाये सवाल, जांच को दबाने का लगाया आरोप

धर्मशाला/नाहन: देश दुनिया में काफी लंबे समय से कोरोना महामारी फैली हुई है. दुनिया के तमाम देशों में लॉकडाउन लगाया गया, ताकि इस वायरस से बचा जा सके. वहीं, जानवरों में कहीं कोरोना वायरस ना फैल जाए जिसके चलते ऐहतियातन के तौर पर चिड़ियाघरों को बंद कर दिया गया था.

कोरोना महामारी के इस प्रकोप से बचाने के लिए जानवरों के लिए क्या कुछ तैयारियां की गई थी.. इसे जानने के लिए ईटीवी भारत जिला कांगड़ा के पालमपुर में स्थित गोपालपुर चिड़िया घर पहुंचा. जहां पहुंचने पर पता चला कि जू को लॉकडाउन से ठीक पहले बंद कर दिया था, ताकि किसी प्रकार का कोई संक्रमण न फैल सके. बताया गया कि जू के स्टाफ ने भी तमाम सावधानियां बरतीं जिससे कि महामारी फैलने का खतरा ना हो... वहीं, लॉकडाउन में जू में कुछ नए मेहमानों की एंट्री भी हुई है.

वीडियो.

वहीं, हिमाचल प्रदेश में सिरमौर की श्री रेणुका जी झील लोगों की आस्था का केंद्र है. लोग झील की परिक्रमा करते हैं. इसी झील के किनारे मिनी जू बनाया गया है. आस्था का केंद्र होने के चलते चिड़ियाघर में किसी भी तरह की एंट्री फीस नहीं लगती. ऐसे में लॉकडाउन से पहले लोग भारी संख्या में यहां हर रोज आते थे, लेकिन अब झील के गेट बंद होने से यहां पर लोगों की आवाजाही पूरी तरह से बंद है.

Special story on Zoos of himachal, हिमाचल के चिड़ियाघरों पर न्यूज
फोटो.

चिड़ियाघर में जू का स्टाफ जानवरों का पूरी तहर से ख्याल रख रहा है. समय-समय पर जानवरों के स्वास्थ्य की जांच की जा रही है. वहीं, मांसाहारी जानवारों समेत शाकाहारी जानवरों को नियमित अंतराल के बाद खाना उपलब्ध करवाया जा रहा है. बता दें कि जब भी जानवरों को खाना डाला जाता है तो स्टाफ पूरी पीपीई किट पहन कर ही अंदर जाते हैं ताकि जानवरों को वायरस का खतरा ना हो.

Special story on Zoos of himachal, हिमाचल के चिड़ियाघरों पर न्यूज
फोटो.

बता दें कि लॉकडाउन में प्रकृति समेत वन्य जीव खुली हवा में सांस ले रहे हैं. प्रदूषण मुक्त वातावरण और लोगों के हस्तक्षेप न करने से वातावरण पूरी तरह से शांत है. जू में लोगों का जमावड़ा देख पहले जहां जानवर कई बार तंग हो जाते थे. वहीं, अब मजे से विचरण कर रहे हैं.

ये भी पढ़ें- स्वास्थ्य विभाग में घोटाले को लेकर जीएस बाली ने उठाये सवाल, जांच को दबाने का लगाया आरोप

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