धर्मशाला: पूर्व मुख्यमंत्री शांता कुमार ने एक बार फिर कहा कि मध्य प्रदेश में हुए व्यापमं घोटाले में राष्ट्रीय भाजपा पार्टी ने उनका कहना मान लिया होता तो मध्य प्रदेश में आज सरकार भाजपा की होती.
मध्य प्रदेश के व्यापमं घोटाले में 31 लोगों को हुई सजा के बाद पत्रकारों के सवाल में शांता ने कहा कि उन्होंने व्यापमं घोटाले को लेकर एक पत्र राष्ट्रीय भाजपा को लिखा था. जिसे उनके कार्यालय से किसी ने मीडिया में लीक कर दिया था, जिसे लेकर उन्हें पार्टी के कोप का भाजन भी बनना पड़ा था. यहां तक कि मीडिया में वायरल उनके पत्र से खफा पार्टी के बड़े नेताओं ने यह कह दिया था कि उन्हें मध्य प्रदेश में व्यापमं घोटाला तो दिखता है, लेकिन हिमाचल में कांग्रेस का भ्रष्टाचार नहीं दिखता.
इस पर शांता कुमार पार्टी के निशाने पर रहे थे. अभी इस घोटाले में 31 लोगों को सजा के बाद पत्रकारों के सवालों पर शांता ने कहा कि उन्होंने इस बारे पार्टी को आगाह किया था. उनकी बात मानी होती तो आज एमपी में भाजपा की सरकार होती. पार्टी भले ही उनसे खफा हुई थी, लेकिन मैंने जो कहा था आई एम प्राइड ऑफ दैट.
वर्ष 2013 में पीटीएम परीक्षा में हुए इस घोटाले को लेकर शांता कुमार ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि उस समय यदि पार्टी उनके पत्र का संज्ञान लेकर एक्शन लेती तो मध्य प्रदेश में भाजपा की सरकार नहीं जाती. यह घोटाला मध्य प्रदेश से भाजपा की सरकार के जाने का एक बड़ा कारण बना. मेरे पत्र पर कुछ पार्टी नेता नाराज हुए थे लेकिन मैंने अपने कर्तव्य का पालन किया था और मुझे इस पर गर्व का अनुभव है. मेरी बात सुनी जाती तो न यह कलंक लगता और न ही मध्य प्रदेश से भाजपा सरकार की विदाई होती.
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