धर्मशाला: लोकसभा चुनाव के लिए प्रदेश में राजनीतिक पार्टियों ने प्रचार अभियान शुरू कर दिया है. वरिष्ठ नेता शांता कुमार ने शनिवार को धर्मशाला में भाजपा के संसदीय कार्यालय का उद्घाटन किया. इस दौरान उन्होंने कहा कि उन्होंने हाईकमान से टिकट की मांग नहीं की थी.
कांगड़ा संसदीय सीट से चार बार सांसद रहे शांता कुमार ने अब राजनीति को अलविदा कह दिया है. शांता कुमार ने कहा कि पिछली बार भी वे चुनाव नहीं लड़ना चाहते थे, लेकिन हाईकमान के कहने पर वे चुनाव में उतरे थे. इस बार भी टिकट की मांग नहीं की थी और खुशी है कि पार्टी ने किशन कपूर को कांगड़ा सीट से टिकट दिया है और इस बार खुद प्रत्याशी न बनकर चुनाव लड़वाऊंगा.
शांता कुमार ने कहा कि उन्होंने चुनावी राजनीति से सन्यास ले लिया है और अब वह विवेकानंद ट्रस्ट के साथ बुजुर्गों की सेवा कर अपना जीवन बिताएंगे. उन्होंने कहा कि विवेकानंद ट्रस्ट 100 बेड का बिश्रान्ति आश्रम बना रहा है. जहां बुजुर्ग अपने जीवन को बिता सकते हैं. उन्होंने कहा कि अब वह भी वहां सेवा करना चाहते हैं.
आपको बता दें कि कांगड़ा संसदीय सीट पर शांता कुमार का बहुत प्रभाव रहा है. वे प्रत्यक्ष रूप से चुनाव में उतरे या नहीं, लेकिन प्रत्याशी की जीत में उनका अहम योगदान रहा है. इस बार भाजपा ने किशन कपूर पर दांव खेला है वहीं कांग्रेस ने पवन काजल को चुनावी मैदान में उतारा है.
गौर रहे कि पवन काजल का राजनीतिक करियर भाजपा से ही शुरू हुआ है. ऐसे में माना जा रहा है कि कांगड़ा सीट पर शांता कुमार के दो चेलों के बीच इस बार सियासी घमासान होने वाला है.