धर्मशाला: कोरोना वायरस के बढ़ते खतरे को देखते हुए जिला कांगड़ा में धारा 114 लागू की गई है. धारा 144 जिला में 15 अप्रैल तक लागू रहेगी. जिला दंडाधिकारी कांगड़ा ने अपनी शक्तियों का इस्तेमाल करते हुए इस संदर्भ में अधिसूचना जारी कर दी है.
जिला दंडाधिकारी राकेश प्रजापति ने बताया कि कोरोना वायरस के संदिग्धों को ध्यान में रखते हुए धारा 144 लागू की गई है. आम जनता को मास्क लगाने, सेनिटाइजर साथ रखने, एहतियात बरतने और जागरूक रहने की सलाह दी गई है.
इसके अलावा कोरोना वायरस को लेकर जागरूकता अभियान चलाने के भी निर्देश जारी किए गए हैं. कोरोना वायरस के चलते बसों में सफर करने वाले यात्रियों के स्वास्थ्य को देखते हुए बसों में व्यापक सफाई व्यवस्था रखने के निर्देश जारी किए गए हैं. इसके अलावा चालकों व परिचालकों को मास्क पहनने और सेनिटाइजर साथ रखने की बात कही गई है.
कोरोना वायरस के संदिग्धों द्वारा अपने लक्षणों को छिपाने और सहयोग न करने के चलते धारा 144 लगाने की जरूरत पड़ी है. कोरोना वायरस का खतरा बढ़ता जा रहा है और विदेशों से भी लोग यहां आ रहे हैं. ऐसे में कई लोग खुद में कोरोना वायरस के लक्षणों को छिपाते हैं. इसी के चलते धारा 144 लागू की गई है, जिससे कि कोरोना वायरस के संदिग्ध खुद जांच के लिए आगे आएं.
वहीं, कोई कोरोना वायरस संदिग्ध व्यक्ति अपने या अपने संपर्क में आए लोगों की जानकारी छिपाता है या जांच करवाने में आनाकानी करता है और उसके मेडिकल परीक्षण में कोरोना के लक्षण होने की पुष्टि होती है तो उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी. डीसी राकेश कुमार प्रजापति ने कहा कि किसी व्यक्ति में कोरोना वायरस के लक्षण हैं, तो ऐसे व्यक्ति अपना इलाज करवाएं और इसकी सूचना जिला प्रशासन सहित स्वास्थ्य विभाग को दें.
अगर कोई कोरोना वायरस संदिग्ध अपने संबंध में लिखित या मौखिक तौर पर जानकारी नहीं देता है या उसके संपर्क में आए लोगों की जानकारी नहीं देता है और सहयोग में आनाकानी करता है तो उसके खिलाफ आईपीसी की धारा 270 के तहत भी कार्रवाई की जा सकती है. आईपीसी की धारा 270 के तहत सजा और जुर्माने का प्रावधान है.
डीसी कांगड़ा ने कहा कि संस्थानों, होटलों, होम स्टे इत्यादि में भी कोई कोरोना का संदिग्ध मामला उजागर होता है, तो ऐसे सभी संस्थानों को भी स्वास्थ्य विभाग के नियमानुसार स्वास्थ्य जांच प्रक्रिया में शामिल होना जरूरी है. जरूरत पडऩे पर ऐसे संस्थानों को बंद करने का प्रावधान भी किया गया है. ऐसे मामलों में अतिरिक्त उपायुक्त, एसीटूडीसी, डीआरओ, सभी उपमंडलाधिकारी, कार्यकारी दंडाधिकारी, मेडिकल सुपरिटेंडट, परियोजना अधिकारी डीआरडीए, जिला पंचायत अधिकारी, जिला आयुर्वेदिक अधिकारी, उपमंडल आयुर्वेदिक अधिकारी, खंड चिकित्सा अधिकारियों को आदेश करने के लिए प्राधिकृत किया गया है.
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