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Tanda Hospital Kangra: टांडा अस्पताल का सराय भवन बनकर तैयार, मरीजों-तीमारदारों को मिलेगी सुविधा

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Published : Jan 21, 2023, 9:14 PM IST

टांडा अस्पताल का सराय भवन बनकर तैयार हो गया है. इस भवन को बनाने में 2.50 करोड़ रुपये की लागत आई है. सराय बनने से टांडा अस्पताल आने वाले मरीजों और उनके साथ आए तीमारदारों को बड़ी सुविधा मिलेगी और उनके ठहरने के लिए बेहतर व्यवस्था उपलब्ध होगी.(Sarai Bhawan ready in Tanda Hospital) (Tanda Hospital Kangra)

Sarai Bhawan ready in Tanda Hospital
Sarai Bhawan ready in Tanda Hospital

धर्मशाला: कांगड़ा जिले के सबसे बड़े सरकारी स्वास्थ्य संस्थान डॉ. राजेंद्र प्रसाद राजकीय मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल टांडा का सराय भवन बन कर तैयार है. 2.50 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित यह भवन बहुत जल्द जनता के उपयोग के लिए सौंपा जाएगा. इसके चालू होने पर टांडा अस्पताल आने वाले मरीजों और उनके साथ आए तीमारदारों को बड़ी सुविधा मिलेगी और उनके ठहरने के लिए बेहतर व्यवस्था उपलब्ध होगी. डॉ. राजेंद्र प्रसाद राजकीय मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल टांडा के प्रधानाचार्य डॉ. भानू अवस्थी ने बताया कि लोक निर्माण विभाग ने सराय भवन का काम पूरा कर लिया है. सराय भवन केे संचालन का जिम्मा जिला रेडक्रॉस सोसाइटी कांगड़ा को सौंपना प्रस्तावित है. इसे लेकर प्रदेश सरकार से अनुमति मांगी गई है. बहुत जल्द सराय का संचालन शुरू हो जाएगा. सराय में एक समय में 50 लोगों के रुकने की व्यवस्था है.

तीमारदारों की सुविधा के लिए प्रतिबद्ध: डॉ. अवस्थी ने कहा कि टांडा अस्पताल प्रबंधन सभी रोगियों की समुचित सेवा और स्वास्थ्य सुरक्षा तथा तीमारदारों की सुविधा के लिए प्रतिबद्ध है. यह अस्पताल प्रदेश के विभिन्न जिलों को सेवाओं प्रदान करता है. मरीजों के साथ आए तीमारदारों की अधिक संख्या के चलते सभी के लिए ठहरने की व्यवस्था करना एक चुनौती है. फिर भी इसे लेकर संस्थान द्वारा हर संभव प्रयास किए जाते हैं. सराय भवन के संचालन से इसमें और सहूलियत होगी.

रोगियों को दी जा रहीं बेहतर चिकित्सा सेवाएं: उन्होंने कहा कि अस्पताल ने लोगों को लगातार बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान कर उत्तर भारत के बड़े स्वास्थ्य संस्थानों में अपनी जगह बनाई है. यहां के अनुभवी डॉक्टर एवं पैरामेडिकल स्टाफ तथा अत्याधुनिक मशीनरी की उपलब्धता से रोगियों को बेहतर चिकित्सा सेवाएं दी जा रही हैं. अस्पताल में मरीजों को सभी जरूरी दवाएं निशुल्क उपलब्ध करवाई जा रही हैं. अस्पताल में आवश्यक सूची की 526 प्रकार की दवाएं उपलब्ध हैं, जिन्हें रोगियों को मुफ्त दिया जाता है. उन्होंने कहा कि निशुल्क दवाईयों के साथ-साथ अनेक प्रकार के टेस्ट और जांच भी संस्थान में निशुल्क उपलब्ध है.उन्होंने बताया कि इसके अलावा अस्पताल में हिमकेयर और आयुष्मान कार्ड धारकों के निशुल्क इलाज की सुविधा है.

क्या कहते हैं जिलाधीश: वहीं, जिलाधीश कांगड़ा निपुण जिंदल ने कहा कि टांडा अस्पताल जिले का सबसे बड़ा अस्पताल है और कांगड़ा के अलावा साथ लगते जिलों को भी सेवाएं प्रदान करता है, लिहाजा यहां लोगों की आमद ज्यादा है. उनकी स्वास्थ्य सुरक्षा, सेवा और सुविधा का ख्याल रखना प्राथमिकता है. अस्पताल प्रबंधन इसे लेकर पूरे समर्पण से काम कर रहा है. संस्थान में व्यवस्था को और बेहतर बनाने के लिए सभी जरूरी कदम उठाने को कहा गया है.

ये भी पढे़ं: Republic Day in Shimla: गणतंत्र दिवस की तैयारियां शुरू, रिज पर भव्य परेड के लिए जवानों ने बहाया पसीना

धर्मशाला: कांगड़ा जिले के सबसे बड़े सरकारी स्वास्थ्य संस्थान डॉ. राजेंद्र प्रसाद राजकीय मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल टांडा का सराय भवन बन कर तैयार है. 2.50 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित यह भवन बहुत जल्द जनता के उपयोग के लिए सौंपा जाएगा. इसके चालू होने पर टांडा अस्पताल आने वाले मरीजों और उनके साथ आए तीमारदारों को बड़ी सुविधा मिलेगी और उनके ठहरने के लिए बेहतर व्यवस्था उपलब्ध होगी. डॉ. राजेंद्र प्रसाद राजकीय मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल टांडा के प्रधानाचार्य डॉ. भानू अवस्थी ने बताया कि लोक निर्माण विभाग ने सराय भवन का काम पूरा कर लिया है. सराय भवन केे संचालन का जिम्मा जिला रेडक्रॉस सोसाइटी कांगड़ा को सौंपना प्रस्तावित है. इसे लेकर प्रदेश सरकार से अनुमति मांगी गई है. बहुत जल्द सराय का संचालन शुरू हो जाएगा. सराय में एक समय में 50 लोगों के रुकने की व्यवस्था है.

तीमारदारों की सुविधा के लिए प्रतिबद्ध: डॉ. अवस्थी ने कहा कि टांडा अस्पताल प्रबंधन सभी रोगियों की समुचित सेवा और स्वास्थ्य सुरक्षा तथा तीमारदारों की सुविधा के लिए प्रतिबद्ध है. यह अस्पताल प्रदेश के विभिन्न जिलों को सेवाओं प्रदान करता है. मरीजों के साथ आए तीमारदारों की अधिक संख्या के चलते सभी के लिए ठहरने की व्यवस्था करना एक चुनौती है. फिर भी इसे लेकर संस्थान द्वारा हर संभव प्रयास किए जाते हैं. सराय भवन के संचालन से इसमें और सहूलियत होगी.

रोगियों को दी जा रहीं बेहतर चिकित्सा सेवाएं: उन्होंने कहा कि अस्पताल ने लोगों को लगातार बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान कर उत्तर भारत के बड़े स्वास्थ्य संस्थानों में अपनी जगह बनाई है. यहां के अनुभवी डॉक्टर एवं पैरामेडिकल स्टाफ तथा अत्याधुनिक मशीनरी की उपलब्धता से रोगियों को बेहतर चिकित्सा सेवाएं दी जा रही हैं. अस्पताल में मरीजों को सभी जरूरी दवाएं निशुल्क उपलब्ध करवाई जा रही हैं. अस्पताल में आवश्यक सूची की 526 प्रकार की दवाएं उपलब्ध हैं, जिन्हें रोगियों को मुफ्त दिया जाता है. उन्होंने कहा कि निशुल्क दवाईयों के साथ-साथ अनेक प्रकार के टेस्ट और जांच भी संस्थान में निशुल्क उपलब्ध है.उन्होंने बताया कि इसके अलावा अस्पताल में हिमकेयर और आयुष्मान कार्ड धारकों के निशुल्क इलाज की सुविधा है.

क्या कहते हैं जिलाधीश: वहीं, जिलाधीश कांगड़ा निपुण जिंदल ने कहा कि टांडा अस्पताल जिले का सबसे बड़ा अस्पताल है और कांगड़ा के अलावा साथ लगते जिलों को भी सेवाएं प्रदान करता है, लिहाजा यहां लोगों की आमद ज्यादा है. उनकी स्वास्थ्य सुरक्षा, सेवा और सुविधा का ख्याल रखना प्राथमिकता है. अस्पताल प्रबंधन इसे लेकर पूरे समर्पण से काम कर रहा है. संस्थान में व्यवस्था को और बेहतर बनाने के लिए सभी जरूरी कदम उठाने को कहा गया है.

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