ज्वालामुखी: जिला कांगड़ा के ज्वालामुखी अस्पताल की कार्यप्रणाली सवालों के घेरे में आ गई है. पिछले कई महीनों से यहां इलाज करवाने आ रहे मरीजों के साथ धोखा हो रहा है या यूं कहें कि एक तरह से मरीजों के साथ लूट की जा रही है. दरअसल ज्वालाजी अस्पताल इन दिनों कमाई का अड्डा बनकर रह गया है.
अस्पताल में सिक्योरिटी गार्ड तैनात ना होने के कारण निजी लैब के एजेंट अस्पताल में दाखिल होकर मरीजों पर टेस्ट अपनी लैब में करवाने का दवाब डालते रहते हैं. इसके चलते डॉक्टर के मरीज को लैब टेस्ट लिखने पर एजेंट दुगना कमीशन लेकर निजी लैब में टेस्ट करवा देते हैं.
इसके चलते अस्पताल की कार्यप्रणाली सवालों के घेरे में है. वहीं, विभाग के पदों पर बैठे उच्च अधिकारी भी इससे अछूते नहीं है. कई बार विभाग के आला अधिकारियों से मामले को लेकर शिकायत की जा चुकी है, लेकिन विभाग की ओर से इनकी मनमानी को रोकने के लिए कोई भी ठोस कदम नहीं उठाया जा रहा है.
इसके अलावा ज्वालाजी अस्पताल में मौजूद कुछ एक डॉक्टर भी मरीजों की परेशानी को कम करने की बजाए बढ़ा रहे हैं. अस्पताल के कुछे डॉक्टर मरीजों से दवाइयों के साल्ट नेम की जगह अपनी मनपसंद कंपनियों के ट्रेड नेम लिख रहे हैं जबकि सरकार ने साफ तौर पर स्पष्ट किया है कि डॉक्टर को दवाइयों का साल्ट नेम ही लिखना है.
इस मामले को लेकर सीएमओ धर्मशाला गुरदर्शन गुप्ता ने कहा कि ज्वालाजी अस्पताल में डॉक्टर मरीजों को अपनी मन पसंद कंपनियों के ट्रेड नेम दवाइयों के लिख रहे हैं. इसे लेकर जांच कमेटी बिठाई गई है, जल्द ही इस पर सख्त कार्रवाई अमल में लाई जाएगी.
वहीं, ज्वालाजी अस्पताल के बीएमओ डॉक्टर सतिंदर वर्मा ने कहा कि निजी लैब के एजेंट अस्पताल में मरीजों को परेशान कर रहे हैं. इसके बारे में एजेंटों से बात की गई है. साथ ही दोबारा अस्पताल में दाखिल ना होने के लिए सख्त हिदायत दी गई है.
इस मामले को लेकर विभाग के उच्च अधिकारियों से भी बात की गई है. इसके तहत कुछ ही दिनों में देहरा अस्पताल की तरह ज्वालाजी अस्पताल में भी सिक्योरिटी गार्ड तैनात किया जाएगा, ताकि इस तरह की गतिविधियों पर रोक लगाई जा सके.
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