हमारे देश में अधिकांश लोगों को चाय पीना पसंद होता है, चाय अलग-अलग तरह की होती है जिसे लोग अपने अंदाज और पसंद के हिसाब से पीते हैं. सर्दियों के मौसम में चाय पीने का एक अलग ही मजा होता है. इसके सेवन से शरीर को गर्माहट का एहसास होता है. चाय पीने के फायदे हैं तो नुकसान भी बहुत है. हमारे घरों और कई चाय की दुकानों में हमारे चाय बनाने के लिए स्टील या एल्यूमीनियम के बर्तन का उपयोग होता है. ऐसे में क्या आपको पता है कि इनमें से कौन से बर्तन चाय बनाने के लिए सबसे अच्छा और सेहत के लिए लाभकारी है और कौन सा बर्तन नुकसानदेह. जानें....
दरअसल, चाय को हम जिस बर्तन में पकाते हैं उसका आपकी हेल्थ पर अच्छा या खराब इफेक्ट हो सकता है. क्योंकि कुछ बर्तनों में जहरीले केमिकल्स पाए जाते हैं, जो चाय के साथ रिएक्ट कर आपके शरीर को हानि पहुंचा सकते हैं. इस खबर में जानें कि चाय बनाने के लिए स्टील या एल्यूमीनियम के बर्तन का इस्तेमाल करना सबसे उत्तम होगा.
स्टेनलेस स्टील या एल्युमीनियम यूटेंसिल्स दोनों में कौन सही?
अगर सही तरीके से इस्तेमाल किया जाए तो स्टेनलेस स्टील यूटेंसिल्स को आम तौर पर खाना और चाय पकाने के लिए सुरक्षित माना जाता है. इसके कई फायदों की वजह से दुनिया भर की रसोई में इसका व्यापक रूप से इस्तेमाल किया जाता है, जिसमें इसकी टिकाऊपन, रस्ट रेसिस्टेंट और फूड आइटम्स के साथ नॉन रिएक्टिव गुण शामिल है. यह एसिडिक या अल्कलाइन फूड आइटम्स के साथ घुलता या रिएक्ट नहीं करता है, जिसका मतलब है कि इसमें यदि पका हुआ खाना या चाय लोगों की सेहत के लिए एकदम सुरक्षित है. स्टेनलेस स्टील यूटेंसिल्स में चाय पकाने से इसमें मेटल का स्वाद या हानिकारक पदार्थ घुलने की संभावना नहीं रहती है.
शोधकर्ताओं की मानें तो एल्युमीनियम के बर्तन में चाय, टमाटर प्यूरी, सांभर और चटनी आदि बनाने से बचना चाहिए. इन बर्तनों में खाना जितनी देर तक रहेगा, उसके केमिकल भोजन में उतने ही ज्यादा घुलने लगते हैं. नेशनल मेडिकल जर्नल ऑफ इंडिया के अनुसार, एल्युमीनियम के बर्तनों का इस्तेमाल हमारे जीवन के लिए खतरनाक रिस्क पैदा कर सकता है. दरअसल, एल्यूमिनियम बॉक्साइट से बना होता है, बता दें कि बॉक्साइट में थायरो टॉक्सिक मेटल होता है. इसमें बनी चाय या पकवान शरीर को सिर्फ नुकसान पहुंचाती है. जब खाना एल्युमीनियम के बर्तनों में पकाया जाता है, तो लगभग 1 से 2 मिलीग्राम यह मेटल अनजाने में आपके भोजन में मिल जाती है, जिससे डिमेंशिया, अल्जाइमर की बीमारी और यहां तक कि गुर्दे की बीमारियों जैसे कई स्वास्थ्य संबंधी खतरे हो सकते हैं.
विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, एक औसत एडल्ट 0.1 मिलीग्राम प्रति लीटर पीने के पानी में एल्यूमीनियम की सांद्रता वाले भोजन से लगभग 5 मिलीग्राम एल्युमीनियम प्रति दिन का सेवन कर सकता है. यदि मानव शरीर एल्युमीनियम की अनुमेय सीमा से ज्यादा का सेवन करता है, तो यह उनके जीवन के लिए गंभीर खतरा पैदा कर सकता है.
(डिस्क्लेमर: यहां आपको दी गई सभी स्वास्थ्य संबंधी जानकारी और सलाह केवल आपकी जानकारी के लिए है. हम यह जानकारी वैज्ञानिक अनुसंधान, अध्ययन, चिकित्सा और स्वास्थ्य पेशेवर सलाह के आधार पर प्रदान कर रहे हैं. बेहतर होगा कि इन पर अमल करने से पहले आप अपने निजी डॉक्टर की सलाह ले लें.)