धर्मशाला: पुलिस लिखित परीक्षा फर्जीवाड़े के तार पुरानी भर्तियों से भी जुड़ने लगे हैं. मास्टर माइंड विक्रम चौधरी ने पुलिस पूछताछ में खुलासा किया है कि उसने पुलिस, एचआरटीसी और जेल विभाग में 12 लोगों को फर्जीवाड़े के माध्यम से सिलेक्ट करवाया है.
मास्टर माइंड के खुलासे के बाद अब वर्ष 2012 से 2017 तक हुई भर्तियों में भर्ती हुए पुलिस जवानों के डॉक्यूमेंट वेरीफाई करने की कार्रवाई पुलिस विभाग ने शुरू कर दी है. पुलिस विभाग में फर्जीवाड़ा कर सिलेक्ट हुए लोगों पर पुलिस विभाग कानूनी कार्रवाई भी करेगा.
एसपी कांगड़ा विमुक्त रंजन ने कहा कि मास्टर माइंड द्वारा किए गए खुलासे के अनुसार पुलिस विभाग में उसके माध्यम से 7 से 8 लोग भर्ती हुए हैं. 1-2 लोग एचआरटीसी में बतौर कंडक्टर और 1 व्यक्ति जेल वार्डन के पद पर उसके माध्यम से भर्ती हुआ है. उन्होंने बताया कि मास्टर माइंड ने खुद कबूला है कि उसने वर्ष 2012 से 2017 तक हुई भर्तियों में युवकों को भर्ती होने में मदद की है. विमुक्त रंजन ने बताया कि मास्टर माइंड ने जो लोग बताए हैं वो सभी जिला कांगड़ा से संबंधित हैं. उन्होंने बताया कि मास्टर माइंड के अनुसार उसने 12 लोगों की जगह परीक्षा दिलाकर उन्हें विभिन्न विभागों में सिलेक्ट करवाया है.
एसपी विमुक्त रंजन ने बताया कि पुलिस विभाग में फर्जीवाड़ा कर भर्ती हुए जवानों की जांच के लिए कार्रवाई शुरू कर दी गई है. डाक्यूमेंट वेरिफाई करके जो दोषी पाए जाएंगे, उन पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी, जरूरत पड़ी तो मामला भी दर्ज किया जाएगा. उन्होंने बताया कि मास्टर माइंड का बैकग्राउंड हरियाणा का है, जबकि वो काम कांगड़ा में ही करता था.
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