धर्मशाला: नगर निगम के तहत आने वाले वार्ड नंबर-7 में पसरी गंदगी के आलम ने यहां पर रहने वाले स्थानीय लोगों का जीना दुश्वार कर दिया है यही नहीं लोगों के घरों में जो पेयजल पाइप जा रही हैं उन नालियों में भी गंदगी का अंबार लगा हुआ है.
जिससे इस वार्ड में महामारी फैलने का खतरा भी मंडरा रहा है एक और तो नगर निगम के अधिकारियों द्वारा पैसा खर्च कर अंडरग्राउंड डस्टबिन का निर्माण करवाया जाता है और यह सुविधा इस वार्ड के लोगों को प्रदान की जाती है, लेकिन उन अंडरग्राउंड डस्टबिन की नियमित साफ-सफाई करवाना व डस्टबिन से इकठ्ठा हुआ कचरा उठाना विभाग भूल चुका है.
'गाड़ी कई दिनों के बाद इस वार्ड में कचरा उठाने के लिए आती है'
स्थानीय लोगों का कहना है कि नगर निगम की सफाई वाली गाड़ी कई दिनों के बाद इस वार्ड में कचरा उठाने के लिए आती है. कई दिनों से इकठ्ठे हुए कचरे से उठने वाली बदबू से यहां के लोग खासे परेशान हैं.
स्थानीय लोगों ने बताया की इस समस्या को उन्होंने कई बार विभाग के समक्ष रखा, लेकिन स्थिति ज्यो की त्यों बनी हुई है. इस वार्ड में पीने के पानी की टंकियों का प्रावधान भी किया गया है, लेकिन समय-समय पर उन टंकियों को साफ कराना तो दूर टंकियों के टूटे ढक्कन बदलने तक का समय विभाग के पास नहीं है. लोगों ने बताया कि कई बार तो इन टंकियों के टूटे ढक्कन होने से बंदरो का झुंड भी इन्ही टंकियों में उछल कूद करता है, जिससे यह पानी पीने लायक नहीं रहता.
गंदगी के माहौल में अपने जीवन को व्यतीत करने पर मजबूर
स्थानीय निवासियों का कहना था कि चुनाव के समय तो पार्षदों द्वारा बड़े-बड़े दावे किए गए थे कि अगर वह जीत जाएंगे तो इस वार्ड को अन्य वार्डों सहित विकास की डगर पर ले जाएंगे, लेकिन हकीकत में वह डगर कभी यहां के रहने वाले लोगों को दिखी ही नहीं वार्ड नंबर-7 के स्थानीय निवासी इस गंदगी के माहौल में अपने जीवन को व्यतीत करने पर मजबूर हैं.
उनका मानना है कि अब आगामी नगर नगर चुनावों में शायद जो ने पार्षद जीतकर आएंगे वह इस वार्ड की तस्वीर को बदलने में कामयाब हो सके और यहां पर रहने वाले स्थानीय लोगों को इस गंदगी से छुटकारा मिल सके.
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