पालमपुर: कोरोना महामारी के दौर में कुछ लोग जीवनोपयोगी वस्तुओं और जीवनरक्षक दवाओं की कालाबाजारी कर मोटी कमाई करने से नहीं चूक रहे. वहीं, मुश्किलों के इस दौर में कुछ लोग ऐसा काम कर देते हैं जो दूसरों के लिए प्रेरणा बन जाते हैं. कुछ ऐसा ही अनुकरणीय काम पालमपुर की एक बेटी ने किया है जो आपदा के काल में निस्वार्थ सेवा के रास्ते पर चल निकली है.
आइसोलेशन में रह रहे मरीजों तक पहुंचा रहे खाना
पालमपुर की सुरभि सोनी ने पालमपुर क्षेत्र के आठ-दस किलोमीटर की परिधि में कोविड पॉजिटिव लोगों को अपने एनजीओ परिवर्तन के माध्यम से भोजन उपलब्ध करवाने का बीड़ा उठाया है. जो होम आइसोलेशन में रह रहे हैं और बीमारी के चलते खाना बना नहीं पा रहे हैं, उन लोगों को खाना दिया जा रहा है.
सोशल मीडिया के जरिए लोगों तक पहुंच रहीं सुरभि
जिन परिवारों में खाना बनाने वाला संक्रमित हो जाए तो उनके लिए बड़ी समस्या पैदा हो जाती है. सुरभि सोनी ने ऐसे ही लोगों के बारे में सोचा और अपने माता पिता से इस विषय में बात की. माता पिता ने इस पुण्य कार्य के लिए अपनी स्वीकृति दे दी. परिजनों की स्वीकृति मिलने पर सुरभि और उनके पिता ने सोशल मीडिया के माध्यम से जरूरतमंदों से उनसे संपर्क साधने के लिए कहा. सोशल मीडिया में इस सूचना को देख सुरभि से लोगों ने संपर्क साधना शुरू किया. सुरभि ने इन लोगों के पते लेकर इन लोगों के घर गर्म और ताजा खाना पहुंचाने की शुरुआत कर दी.
सुरभि के पिता और भाई पहुंचाते हैं दो वक्त का खाना
सुरभि की माता अंजना सोनी ने बताया कि अगर संख्या अधिक हो गई तो वह इस काम के लिए आसपास की स्वयंसेवी महिलाओं से सहयोग की अपील करेंगी. सुरभि के पिता संजीव सोनी और उनका भाई तैयार लंच एक से डेढ़ बजे के बीच और रात्रि भोजन सायं साढ़े सात से आठ बजे के बीच पहुंचाते हैं. उन्होंने बताया कि समाजसेवा करके उनको संतोष की अनुभूति होती है.
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