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31 मई से पहले मनरेगा कामगारों के पंजीकरण के आदेश, विकासखंड अधिकारियों को पत्र प्रेषित

कोरोना महासंकट के बीच हिमाचल प्रदेश सरकार ने प्रदेशभर के मनरेगा कामगारों तक सरकारी सुविधाओं को पहुंचाने के लिए कमर कस ली है. सरकार ने सभी ब्लॉक खण्ड अधिकारियों को पत्र प्रेषित कर मनरेगा कामगारों को भवन एवं श्रमिक कल्याण बोर्ड के साथ जल्द पंजीकृत करने के सख्त आदेश दिए हैं.

registration of MNREGA workers
जारी की गई अधिसूचना.
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Published : May 10, 2020, 3:23 PM IST

ज्वालामुखी/कांगड़ा: सरकार के दिशा-निर्देशों के बावजूद मनरेगा कामगारों का समय पर श्रमिक कल्याण बोर्ड के साथ पंजीकरण न होने से पंचायती राज विभाग के निदेशक ललित जैन नाराज हैं. उन्होंने इस संदर्भ में प्रदेशभर के खंड विकास अधिकारियों को पत्र जारी कर निर्देश जारी किए हैं. निर्देशों के अनुसार 31 मई तक मनरेगा के पात्र परिवारों को बोर्ड के साथ पंजीकृत नहीं करने पर ग्राम रोजगार सेवकों का मई महीने का वेतन काट दिया जाएगा.

बता दें कि हिमाचल प्रदेश सरकार ने श्रमिक कल्याण बोर्ड के साथ पंजीकृत कामगारों को कोरोना संकट बीच राहत पहुंचाने के लिए दो हजार रुपये की आर्थिक सहायता सीधे कामगारों के खाते में डालने की अधिसूचना पहले ही जारी कर रखी थी. कामगारों को सरकार के दिशा निर्देशों के अनुसार बोर्ड ने हालांकि दो हजार रुपये सीधे खातों में डालने की प्रक्रिया भी शुरू कर दी थी, विभाग को जानकारी मिली थी कि अभी भी बहुत सारे ऐसे कामगार हैं, जिनका पंजीकरण ही नहीं हुआ है और ये लोग इस योजना के लाभ से वंचित रह रहे हैं.

योजना के मुताबिक मनरेगा में 90 दिन का काम पूरा करने वाले कामगारों को सरकार की तरफ से इंडक्शन चूल्हा, सोलर लैंप और महिलाओं को इन दोनों सुविधाओं के साथ साइकल उपलब्ध करवाने का प्रावधान था. विभाग का कहना है कि मनरेगा कामगारों को 90 दिन पूर्ण होने पर ही सरकार द्वारा दी गई यह सुविधाएं मिलती हैं, लेकिन सरकार ने तय किया था कि जो कामगार मनरेगा में 90 दिन का काम पूरा नहीं कर सका है और इन कामगारों ने 14वें वित्तायोग, सांसद निधि या फिर विधायक निधि के तहत किए जाने वाले कार्यों या फिर किसी ठेकेदार के पास भी काम किया है, तो उनको मनरेगा खाते में जोड़ा जाए, ताकि कामगार सरकार की योजनाओं का लाभ लेने से वंचित न रहें.

registration of MNREGA workers
जारी की गई अधिसूचना.

श्रम एवं रोजगार मंत्री विक्रम ठाकुर ने बताया कि संकट के इस समय में सरकार ने पंजीकृत कामगारों के खाते में दो हजार की आर्थिक सहायता का ऐलान किया था. उन्हें जानकारी मिली थी कि भारी संख्या में मनरेगा कामगारों का पंजीकरण ही नहीं हुआ है, जिससे उन तक आर्थिक मदद पहुंचाने में दिक्कत हो रही है. उन्होंने बताया कि श्रम एवं रोजगार विभाग को जल्द से जल्द मनरेगा के उन कामगारों को पंजीकृत करने के निर्देश जारी किए हैं. प्रदेशभर के विकासखण्ड कार्यालयों को इस बारे में पत्र जारी कर जल्द से जल्द कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं, ताकि कोई भी मनरेगा मजदूर सरकार की इस महत्वाकांक्षी योजना का लाभ लेने से वंचित न रहें

ग्रामीण विकास विभाग, मनरेगा के निदेशक एवं आयुक्त ललित जैन ने बताया कि मनरेगा के अंतगर्त सभी लाभार्थियों के साथ औपचारिकताएं पूरी कर मनरेगा कामगारों को जल्द से जल्द पंजीकरण करने हेतु आदेश जारी कर दिए हैं, ताकि सरकार द्वारा दी जाने वाली दो हजार रुपये की सहायता राशि से पात्र कामगार फायदा उठा सकें.

ज्वालामुखी/कांगड़ा: सरकार के दिशा-निर्देशों के बावजूद मनरेगा कामगारों का समय पर श्रमिक कल्याण बोर्ड के साथ पंजीकरण न होने से पंचायती राज विभाग के निदेशक ललित जैन नाराज हैं. उन्होंने इस संदर्भ में प्रदेशभर के खंड विकास अधिकारियों को पत्र जारी कर निर्देश जारी किए हैं. निर्देशों के अनुसार 31 मई तक मनरेगा के पात्र परिवारों को बोर्ड के साथ पंजीकृत नहीं करने पर ग्राम रोजगार सेवकों का मई महीने का वेतन काट दिया जाएगा.

बता दें कि हिमाचल प्रदेश सरकार ने श्रमिक कल्याण बोर्ड के साथ पंजीकृत कामगारों को कोरोना संकट बीच राहत पहुंचाने के लिए दो हजार रुपये की आर्थिक सहायता सीधे कामगारों के खाते में डालने की अधिसूचना पहले ही जारी कर रखी थी. कामगारों को सरकार के दिशा निर्देशों के अनुसार बोर्ड ने हालांकि दो हजार रुपये सीधे खातों में डालने की प्रक्रिया भी शुरू कर दी थी, विभाग को जानकारी मिली थी कि अभी भी बहुत सारे ऐसे कामगार हैं, जिनका पंजीकरण ही नहीं हुआ है और ये लोग इस योजना के लाभ से वंचित रह रहे हैं.

योजना के मुताबिक मनरेगा में 90 दिन का काम पूरा करने वाले कामगारों को सरकार की तरफ से इंडक्शन चूल्हा, सोलर लैंप और महिलाओं को इन दोनों सुविधाओं के साथ साइकल उपलब्ध करवाने का प्रावधान था. विभाग का कहना है कि मनरेगा कामगारों को 90 दिन पूर्ण होने पर ही सरकार द्वारा दी गई यह सुविधाएं मिलती हैं, लेकिन सरकार ने तय किया था कि जो कामगार मनरेगा में 90 दिन का काम पूरा नहीं कर सका है और इन कामगारों ने 14वें वित्तायोग, सांसद निधि या फिर विधायक निधि के तहत किए जाने वाले कार्यों या फिर किसी ठेकेदार के पास भी काम किया है, तो उनको मनरेगा खाते में जोड़ा जाए, ताकि कामगार सरकार की योजनाओं का लाभ लेने से वंचित न रहें.

registration of MNREGA workers
जारी की गई अधिसूचना.

श्रम एवं रोजगार मंत्री विक्रम ठाकुर ने बताया कि संकट के इस समय में सरकार ने पंजीकृत कामगारों के खाते में दो हजार की आर्थिक सहायता का ऐलान किया था. उन्हें जानकारी मिली थी कि भारी संख्या में मनरेगा कामगारों का पंजीकरण ही नहीं हुआ है, जिससे उन तक आर्थिक मदद पहुंचाने में दिक्कत हो रही है. उन्होंने बताया कि श्रम एवं रोजगार विभाग को जल्द से जल्द मनरेगा के उन कामगारों को पंजीकृत करने के निर्देश जारी किए हैं. प्रदेशभर के विकासखण्ड कार्यालयों को इस बारे में पत्र जारी कर जल्द से जल्द कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं, ताकि कोई भी मनरेगा मजदूर सरकार की इस महत्वाकांक्षी योजना का लाभ लेने से वंचित न रहें

ग्रामीण विकास विभाग, मनरेगा के निदेशक एवं आयुक्त ललित जैन ने बताया कि मनरेगा के अंतगर्त सभी लाभार्थियों के साथ औपचारिकताएं पूरी कर मनरेगा कामगारों को जल्द से जल्द पंजीकरण करने हेतु आदेश जारी कर दिए हैं, ताकि सरकार द्वारा दी जाने वाली दो हजार रुपये की सहायता राशि से पात्र कामगार फायदा उठा सकें.

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