धर्मशाला: पठानकोट एयरबेस पर हुए आतंकी हमले के दौरान शाहपुर के शहीद संजीवन राणा ने आंतकियों से लोहा लेते हुए शहादात को चुना था. परिवार को गर्व है कि शहीद संजीवन राणा ने देश को पहले रखकर शहादत को चुना, लेकिन कहीं न कहीं एक टीस आज भी मन में हैं कि शहादत के चार साल बाद भी सरकार ने जो वादे किए थे उनमे से एक भी पूरा नहीं हुआ.
संजीवन राणा के परिवार ने कहा कि पूर्व सांसद शान्ता कुमार ने गांव में हैंडपंप लगाने की घोषणा की थी वो भी आज तक पूरी नहीं की गई. वहीं, इस मामले पर पूर्व सांसद शान्ता कुमार ने कहा कि उन्होंने पैसे उपलब्ध करवाये थे. जिला प्रशासन ने उन्हें काम पूरा होने की जानकरी दी थी. वहीं, ईटीवी भारत ने जब शहीद के परिवार की पीड़ा सरकार और प्रशासन के सामने रखी तो प्रशासन हरकत में आया. जिसके बाद पूर्व सांसद शान्ता कुमार ने डीसी कांगड़ा को जांच के आदेश दिए कि उन्हें जानकारी दी जाए कि उनकी ओर से स्वीकृत किया गया हैंडपंप लगाया गया है या नहीं.
इस पूरे मामले पर डीसी कांगड़ा राकेश कुमार प्रजापति ने कहा कि जहां पर हैंडपंप लगाया जाना था, वहां पर पानी नहीं निकला, लेकिन सांसद द्वारा दी गई राशि हैंडपंप में खर्च हो चुकी है. इसकी जानकारी शहीद के परिवार को भी दी गई है. वहीं, डीसी कांगड़ा ने कहा कि सहायक अभियंता आईपीएच उपमंडल शाहपुर से भी बात हुई है और शहीद के परिवार को पानी उपलब्ध है या नहीं इसके बारे में भी जानकारी ली गई है. उन्होंने कहा कि यह भी आदेश दिया गया है कि शहीद के परिवार को अलग से पानी भी उपलब्ध करवाया जाए. उन्होंने कहा कि शहीद के परिवार को कोई परेशानी है तो उसका हल प्रशासन की ओर से किया जाएगा.
बता दें कि ईटीवी भारत ने शहीद संजीवन राणा के परिवार का दर्द सरकार तक पहुंचाने की कोशिश की थी. शहीद के परिवार के मुताबिक जिला प्रशासन ने तीन साल बाद भी एक भी घोषणा पूरी नहीं की. उस समय नेताओं ने शहीद संजीवन राणा के नामपर शाहपुर कॉलेज का नामकरण, पार्क और प्रतिमा लगाने की घोषणा की थी, लेकिन आज तक वो पूरी नहीं हो पाई है. जिसको लेकर अब प्रशासन जागा है और शहीद के परिवार की सुध ली है.
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