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ज्वालाजी अस्पताल में 2 वर्षों से धूल फांक रही है हाई मास्क लाइट, स्थानीय लोगों ने विधायक से मांगी मदद

ज्वालाजी अस्पताल में आए दिन चोरी के मामले सामने आने बाद भी अस्पताल प्रशासन ने 2 सालों से धूल फांक रही हाई मास्क लाइट को ठीक करवाने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठा रहा है. इस मामले को लेकर स्थानीय लोगों ने विधायक रमेश ध्वाला से भी मदद की मांग की है.

mismanagement of jwalaji hospital administration
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Published : Nov 22, 2019, 6:44 PM IST

ज्वालामुखी: जिला कांगड़ा के ज्वालाजी अस्पताल से आए दिन कोई ना कोई मामला सामने आता रहता है. ज्वालाजी अस्पताल में लगी हाई मास्क लाइट बीते 2 सालों से धूल फांक रही है, लेकिन इस लाइट को ठीक करवाने की कोई कोशिश अभी तक प्रसाशन ने नहीं की है.

अस्पताल में लगातार हो रही चोरियों से भी प्रशासन कोई सीख नहीं ले रहा है और आए दिन चोरियों के नए नए मामले सामने आ रहे हैं. स्थानीय लोगों की मानें तो हाई मास्क लाइट चालू न होने के चलते ये चोर रात के अंधेरे का फायदा उठाकर चोरी की वारदात को अंजाम दे रहे हैं.

आलम ये है कि ज्वालाजी अस्पताल में चोरियों का सिलसिला रुकने का नाम नहीं ले रहें हैं. लगभग 2 वर्षों से खराब पड़ी हाई मास्क लाइट को दुरुस्त न करने को लेकर प्रसाशन की कार्यप्रणाली पर लोगों ने सवाल उठाए हैं और मामले को लेकर स्थानीय विधायक रमेश धवाला से हस्तक्षेप करने की मांग उठाई है.

वीडियो.

बता दें कि हाल ही में ज्वालाजी अस्पताल में 2 चोरी के मामले सामने आए हैं. जिसमें एक व्यक्ति का कुछ दिन पहले अस्पताल के बाहर खड़ी गाड़ी से किसी ने मोबाइल फोन चोरी लिया था, जो उसे अभी तक नहीं मिला है. इसके बाद बीते 2 या 3 दिन पहले अस्पताल के ही कर्मचारी की बाइक को कुछ लोग उठाकर ले गए, जो उसे बाद में नजदीकी गर्ल्ज स्कूल के पास टूटी फूटी हालत में बरामद किया गया.

हैरानी की बात यह है कि जब चोरी की वारदात में संलिप्त लोगों को पकड़ने के लिए अस्पताल परिसर में लगे सीसीटीवी फुटेज को खंगाला गया तो अंधेरे के चलते इनकी पहचान साफ से नहीं हो पाई. स्थानीय लोगों का कहना है कि अस्पताल में लगी हाई मास्क लाइट चालू होने के बाद अस्पताल में हो रही चोरियों पर रोक लग सकती है.

हाई मास्क लाइट को चालू करवाने को लेकर अस्पताल प्रसाशन से लेकर नगर परिषद और मन्दिर प्रसाशन के अधिकारियों से बात की गई तो सभी एक दूसरे पर इस हाई मास्क लाईट का जिम्मा थोपते नजर आए और अपने क्षेत्राधिकारों से इसे बाहर बताया.

ज्वालामुखी: जिला कांगड़ा के ज्वालाजी अस्पताल से आए दिन कोई ना कोई मामला सामने आता रहता है. ज्वालाजी अस्पताल में लगी हाई मास्क लाइट बीते 2 सालों से धूल फांक रही है, लेकिन इस लाइट को ठीक करवाने की कोई कोशिश अभी तक प्रसाशन ने नहीं की है.

अस्पताल में लगातार हो रही चोरियों से भी प्रशासन कोई सीख नहीं ले रहा है और आए दिन चोरियों के नए नए मामले सामने आ रहे हैं. स्थानीय लोगों की मानें तो हाई मास्क लाइट चालू न होने के चलते ये चोर रात के अंधेरे का फायदा उठाकर चोरी की वारदात को अंजाम दे रहे हैं.

आलम ये है कि ज्वालाजी अस्पताल में चोरियों का सिलसिला रुकने का नाम नहीं ले रहें हैं. लगभग 2 वर्षों से खराब पड़ी हाई मास्क लाइट को दुरुस्त न करने को लेकर प्रसाशन की कार्यप्रणाली पर लोगों ने सवाल उठाए हैं और मामले को लेकर स्थानीय विधायक रमेश धवाला से हस्तक्षेप करने की मांग उठाई है.

वीडियो.

बता दें कि हाल ही में ज्वालाजी अस्पताल में 2 चोरी के मामले सामने आए हैं. जिसमें एक व्यक्ति का कुछ दिन पहले अस्पताल के बाहर खड़ी गाड़ी से किसी ने मोबाइल फोन चोरी लिया था, जो उसे अभी तक नहीं मिला है. इसके बाद बीते 2 या 3 दिन पहले अस्पताल के ही कर्मचारी की बाइक को कुछ लोग उठाकर ले गए, जो उसे बाद में नजदीकी गर्ल्ज स्कूल के पास टूटी फूटी हालत में बरामद किया गया.

हैरानी की बात यह है कि जब चोरी की वारदात में संलिप्त लोगों को पकड़ने के लिए अस्पताल परिसर में लगे सीसीटीवी फुटेज को खंगाला गया तो अंधेरे के चलते इनकी पहचान साफ से नहीं हो पाई. स्थानीय लोगों का कहना है कि अस्पताल में लगी हाई मास्क लाइट चालू होने के बाद अस्पताल में हो रही चोरियों पर रोक लग सकती है.

हाई मास्क लाइट को चालू करवाने को लेकर अस्पताल प्रसाशन से लेकर नगर परिषद और मन्दिर प्रसाशन के अधिकारियों से बात की गई तो सभी एक दूसरे पर इस हाई मास्क लाईट का जिम्मा थोपते नजर आए और अपने क्षेत्राधिकारों से इसे बाहर बताया.

Intro:ज्वालाजी अस्पताल में बीते 2 वर्षों से धूल फांक रही हाईमास्क लाइट, ठीक करवाने को प्रसाशन ने साधी चुप्पी

लगातार हो रही चोरियों से भी प्रसाशन ने नही लिया सबक, हाल ही में आए चोरी के 2 मामले सामने
स्थानीय लोगों ने सबंधित विभाग की कार्यप्रणाली पर उठाए सवाल, मामले को लेकर स्थानीय विधायक से की हस्तक्षेप की मांगBody:
ज्वालामुखी, 21 नवम्बर (नितेश) : ज़्वालाजी अस्पताल में लगी हाईमास्क लाइट बीते 2 सालों से धूल फांक रही है, लेकिन इस लाइट को ठीक करवाने की जहमत अभी तक प्रसाशन द्वारा नही की गई है। अस्पताल में लगातार हो रही चोरियों से भी प्रसाशन सीख नही ले रहा है ओर आए दिन चोरियों के नए नए मामले सामने आ रहे हैं। स्थानीय लोगों की मानें तो हाईमास्क लाइट चालू न होने के चलते ये चोर रात के अंधेरे का फायदा उठाकर इस तरह की बारदात को अंजाम दे रहे हैं ओर इनके हौंसले लगातार बुलन्द होते जा रहे हैं। आलम ये है कि ज्वालाजी अस्पताल में चोरियों का सिलसिला बरकरार है। इतने वर्षों से खराब पड़ी हाईमास्क लाइट को दरुस्त न करने को लेकर प्रसाशन की भी कार्यप्रणाली पर लोगों ने सवाल उठाएं है ओर मामले को लेकर स्थानीय विधायक रमेश धवाला से हस्तक्षेप करने की मांग उठाई है।
दरअसल हाल ही में अस्पताल में 2 चोरी के मामले सामने आए हैं जिसमें एक व्यक्ति का कुछ दिन पहले अस्पताल के बाहर खड़ी गाड़ी से किसी ने मोबाइल फोन चुरा लिया था, जो उसे अभी तक नही मिला है। इसकी शिकायत उक्त व्यक्ति ने थाने में भी की है। इस बीच बीते 2 या 3 दिन पहले अस्पताल के ही कर्मचारी की यहाँ खड़ी बाइक को कुछ लोग उठाकर ले गए, जो उसे बाद में नजदीक गर्ल्ज स्कूल के पास टूटी फूटी हालत में मिली। अज्ञात चोरों द्वारा उक्त बाइक की नंबर प्लेट्स तोड़ दी गई थी। वहीं बाइक के मालिक का कहना है कि बाइक में ऑयल कम होने की बजह से चोर इसे दूर नही ले जा सके और तेल खत्म होने के चलते यहां छोड़ गए। हरैनी की बात ये है कि जब चोरी की बारदात में संलिप्त लोगों को पकड़ने के लिए अस्पताल परिसर में लगे सी सी टी वी फुटेज को खंगाला गया तो अंधेरे के चलते इनकी पहचान साफ से नही हो पाई। स्थानीय लोगों का कहना है कि अस्पताल में लगी हाईमास्क लाइट चालू होने के बाद अस्पताल में हो रही चोरियों पर रोक लग सकती है वहीं लोगों को भी राहत मिलेगी ओर लाइट होने के चलते अस्पताल से अंदर बाहर जाते समय परेशानी का सामना नही करना पड़ेगा।
लोगों का आरोप है कि अस्पताल परिसर में अंधेरा होने के चलते कई बार यहां घूम रहे आवारा पशु भी लोगों को घायल कर देते हैं। अंधेरे में इन पर लोगों की नज़र न पड़ने के चलते ये घटनाएं होते हुए भी अस्पताल में आम देखी गई हैं।

बन्द ही रहेगी तो इसे लगवाने का औचित्य क्या
लोगों का आरोप है कि यदि अस्पताल परिसर में लाखों रुपए खर्च करने के बाद भी हाईमास्क लाइट बन्द ही रहेगी तो इसके लगवाने का असल मे औचित्य क्या था। इस पर लोग कई सवाल खड़ा कर रहे हैं, वहीं इसे लाखों रुपए की बर्बादी कहने से भी परहेज नही कर रहें हैं। फिलहाल अब देखना ये होगा कि आखिर कुंभकर्ण की नींद में सो रहा प्रसाशन इस हाईमास्क लाइट को कब तक ठीक करबाने की जहमत करता है ओर लोगों को आ रही समस्याओं से निजात दिलाता है।

किस प्रसाशन के अंदर है हाईमास्क स्थिति ही स्प्ष्ट नही
हैरानी की बात ये है कि अस्पताल के बाहर लगी हाईमास्क लाइट किस प्रसाशन के अंदर है इसके बारे में ही स्थिति स्पष्ट नही हो पा रही है। इसे चालू करबाने को लेकर अस्पताल प्रसाशन से लेकर नगर परिषद ओर मन्दिर प्रसाशन के आलाअधिकारियों से बात की गई तो सभी ने एक दूसरे पर इस हाईमास्क का जिम्मा थोपा ओर अपने क्षेत्राधिकारों से इसे बाहर बताया। दिलचस्प बात ये है कि किसी भी विभाग ने इस लाइट को ठीक करवाने को लेकर कोई बात स्पष्ट नही की। अब अस्पताल के बाहर लगी हाईमास्कलाइट लाइट भी कहीं राजनीति का शिकार न हो जाए ये देखना बाकि होगा।
फ़ोटो
1. जवालामुखी : जवालाजी अस्पताल के बाहर लगी हाईमास्क लाइट जो बीते 2 बर्षों से बन्द पड़ी है।Conclusion:बाइट
जवालाजी अस्पताल के बी एम ओ डॉक्टर सतिंदर वर्मा
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