शिमला: जयराम सरकार के तीन साल के कार्यकाल पर तकनीकी शिक्षा मंत्री डॉ. रामलाल मार्कंडेय ने ईटीवी भारत से खासबातचीत की. इस दौरान उन्हें मंत्रालयों और प्रदेश सरकार की उपलब्धियों को गिनाया.
हिमाचल में टोपी और क्षेत्रवाद की राजनीति खत्म
कैबिनेट मंत्री ने कहा कि वह साल 1998 से प्रदेश की राजनीति में हैं, लेकिन आजतक प्रदेश में अप्पर और लोअर हिमाचल की राजनीति होती रही है. ये पहली बार है जब जयराम सरकार के नेतृत्व में ये सब खाईयां खत्म हो गई हैं. सीएम ने टोपी की राजनीति को खत्म कर दिया है. उन्होंने कहा जयराम सरकार का ध्यान केवल विकास पर रहा है.
प्रदेश के लोगों का CM से मिलना हुआ आसान
सीएम जयराम की प्रशंसा करते हुए तकनीकी शिक्षा मंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री हर व्यक्ति का दर्द सुनते और समझते हैं. अब वो समय नहीं है जब लोगों को अपने काम के लिए मख्यमंत्री से मिलने को लेकर लाइनों में खड़े रहना पड़ता है. इस परंपरा को सीएम जयरम ने खत्म कर दिया है. हिमाचल का हर व्यक्ति आसानी से अब अपने मुख्यमंत्री से मिल सकता है.
आईटीआई में शुरू होंगे नए कोर्स
तकनीकी शिक्षा पर बोलते हुए कैबिनेट मंत्री ने कहा कि आज आईटीआई में नए ट्रेड शुरू करने की जरूरत है. कई वर्षों से प्रदेश की तकनीकि शिक्षा में कोई बदलाव नहीं हुआ है. ऐसे में जयराम सरकार आईटीआई संस्थानों में नए ट्रेड शुरू करने पर विचार कर रही है. वर्तमान में प्रदेश में 139 आईटीआई संस्थान, पांच इंजीनियर कॉलेज और फार्मा कॉलेज हैं. इस सबका आधुनीकरण किया जा रहा है.
अगले साल से सुंदरनगर और धर्मशाला में पॉलिटेक्निक कॉलेज में एमटैक की कक्षाएं शुरू होंगी. हैरानी की बात है कि इतने साल बीत जाने के बाद भी किसी ने पॉलटेक्निक कॉलेजों में एमटैक की कक्षाएं शुरू नहीं की. जयराम सरकार इसबार एमटैक की कक्षाएं शुरू करेगी.
साल 2021 में हाइड्रो इंजीनियरिंग कॉलेज में शुरू होगी कक्षाएं
तकनीकी शिक्षा मंत्री ने कहा प्रदेश सरकार आने वाले साल में बिलासपुर के बंदला में बन रहे हाइड्रो इंजीनियरिंग कॉलेज में कक्षाएं शुरू करने जा रही है. इसके अलाव हर आईटीआई में कैंपस इंटरव्यू करवाए जाएंगे, जिससे युवाओं को रोजगार मिल सके. इसके अलावा प्रदेश सरकार बच्चों के लिए करियर गाइडेंस की कार्यशालाएं आयोजित करवाएगी.
जयराम सरकार में जनजातीय क्षेत्रों का हो रहा विकास
कैबिनेट मंत्री ने कहा कि ट्राइबल क्षेत्रों में बीजेपी सरकार ने बजट में बढ़ोतरी की है. तीन सालों में पिछड़े क्षेत्रों में सड़कों का जाल बिछा है. किसानों और बागवानों को अपने उत्पादों को मंडियों तक पहुंचाने में आसानी हुई है. लाहौल-स्पीति के लोगों के लिए अटल रोहतांग टनल अब तक की सबसे बड़ी सौगात है. इसे घाटी में पर्यटन के साथ विंटर स्पोर्टस को बढ़ावा मिलेगा.