धर्मशाला: एमडीएच मसाला कंपनी के मालिक स्व. महाशय धर्मपाल गुलाटी का धर्मशाला से विशेष लगाव था. वह अक्सर यहां पर आते जाते रहते थे. धर्मशाला में अंतिम बार दो साल पहले अपने ससुराल में साले के पोते की शादी में शामिल होने के लिए आये थे.
धर्मपाल के निधन से धर्मशाला में ससुराल में भी शोक का माहौल है. 98 वर्षीय धर्मपाल का वीरवार सुबह ही उनका दिल्ली में देहांत हो गया, जबकि उनकी पत्नी लीलावंती का करीब 20 साल पहले दिल्ली में देहांत हो गया था.
धर्मपाल और लीलावंती का विवाह सियालकोट पाकिस्तान में ही हो गया था और दोनों परिवारों को बंटवारे के वक्त भारत आना पड़ा था. जिसमें उनका ससुराल धर्मशाला में रहने लगा और वह दिल्ली और गुड़गांव में रहते थे.
महाशय धर्मपाल का धर्मशाला में था ससुराल
वहीं, धर्मशाला में स्वर्गीय नत्थू राम खरबंदा उनके ससुर थे, जबकि स्वर्गीय ओम प्रकाश खरबंदा उनकी पत्नी के भाई और स्वर्गीय कृष्णा खरबंदा उनकी भाभी थीं. वर्तमान में धर्मशाला में ओम प्रकाश खरबंदा के बेटे सुमेश खरबंदा, उनकी पत्नी पूनम खरबंदा, दो बेटे विक्रम व विक्रांत, ओम प्रकाश खरबंदा के दूसरे बेटे पंकज और उनकी पत्नी बीना, बेटे सोहेल व एकाग्र यहां रह रहे हैं.
अंत्येष्टि में न पहुंचने का दुख
सुमेश खरबंदा और पंकज खरबंदा ने बताया वे सभी बुआई जी के देहांत से आहत हैं. आज डेढ़ बजे अंत्येष्टि में नहीं पहुंच पाए. इसलिए अब चौथे में दिल्ली पहुंचेंगे. उनके बुआई अक्सर यहां पर आते रहते थे. धर्मशाला उन्हें पसंद था. बुआ का देहांत करीब बीस साल पहले ही हो गया था. दो साल पहले ही उनके बेटे की शादी में स्व. महाशय धर्मपाल धर्मशाला आये थे.
पाकिस्तान के सियालकोट में हुआ था विवाह
स्वर्गीय धर्मपाल से उनकी बुआ का विवाह पाकिस्तान के सियालकोट में ही हो गया था. भारत विभाजन के बाद दोनों परिवार दिल्ली आ गए थे, जिसमें से एक परिवार धर्मशाला बस गया व दूसरा दिल्ली में. दिल्ली में उन्होंने अपनी दुकान खोली थी, जिसका नाम महाशयां दी हट्टी रखा था, उसके बाद से ही लोग उन्हें एमडीएच के नाम से जानने लगे.
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