धर्मशाला: दुनियाभर में अपनी खास महक और स्वाद के लिए मशहूर कांगड़ा चाय का उत्पादन इस बार पिछले दो वर्षों के मुकाबले ज्यादा रहा है. अप्रैल 2023 में कांगड़ा जिले में कुल 1 लाख 78 हजार किलो चाय का उत्पादन हुआ है. यह निश्चित तौर पर चाय उद्योग के लिए प्रोत्साहन का विषय है, क्योंकि अप्रैल में कांगड़ा चाय के दाम भी अच्छे मिलते हैं.
कांगड़ा चाय के उत्पादन में आया उछाल: टी बोर्ड ऑफ इंडिया पालमपुर के अधिकारी अभिमन्यु शर्मा ने जानकारी देते हुए बताया कि बड़े चाय उत्पादकों ने अप्रैल में जहां इस साल 1 लाख 70 हजार किलो कांगड़ा चाय तैयार की गई. वहीं, छोटे उत्पादकों ने भी 8 हजार किलो कांगड़ा चाय का उत्पादन किया. अप्रैल तोड़ चाय (कांगड़ा चाय) का आंकड़ा बढ़ने के साथ ही इस साल में चाय के कुल उत्पादन का ग्राफ बढ़ने की संभावना भी बन गई है. उन्होंने बताया कि अप्रैल के महीने में मौसम का पूरा साथ मिलता तो कांगड़ा चाय की पैदावार का आंकड़ा इससे भी ऊपर जा सकता था.
इस बार कोलकाता में छाई कांगड़ा चाय की महक: इस बार चाय उत्पादकों को कोलकाता में अच्छे दाम मिले हैं और 1500 रुपये किलो तक चाय बिकी है. वहीं, टी बोर्ड के प्रोत्साहन से छोटे चाय उत्पादकों ने भी अमृतसर की जगह कोलकाता मार्किट का रुख किया और उनकी चाय को 900 रुपये किलो तक का भाव मिला है.
'अप्रैल में तोड़ी गई चाय का स्वाद और महक सबसे गजब': अभिमन्यु शर्मा ने बताया कि कांगड़ा चाय की मांग हर सीजन में बनी रहती है पर अप्रैल तोड़ के नाम से चाय की डिमांड कुछ अधिक ही रहती है. अक्टूबर से मार्च तक तापमान कम रहने के बाद मार्च-अप्रैल में तापमान बढ़ता है और इस समय जो टी बड्स तैयार होते हैं, वो अनेक मायनों में बाकि सीजन से अलग गिने जाते हैं. इस समय जमीन में अधिक मात्रा में न्यूट्रिएंट्स होने का लाभ चाय के पौधों को मिलता है और मार्च तक जो ग्रोथ कम होती है वो अप्रैल में बढ़ जाती है. इस समय तैयार होने वाले बड्स और हरी पत्ती में पॉलीफेनोल्स की अधिक मात्रा होने के कारण अप्रैल तोड़ (कांगड़ा) की चाय की गुणवत्ता और महक बहुत बढ़िया होती है.
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