धर्मशाला: जब सर छुपाने को कहीं जमीन नहीं मिली तो थक हारकर दोहरे हत्याकांड के मुख्य आरोपी दीपक कुमार को न चाहते हुए भी पुलिस के सामने सरेंडर करना ही पड़ा. मामला जनपद कांगड़ा के उपमंडल नगरोटा बगवां के जसोर इलाके से जुड़ा हुआ है. यहां 2 नवंबर को जमीनी विवाद में भाई-भाभी को गोलियों से भूनने वाले डबल मर्डर के आरोपी दीपक कुमार ने 26 दिन बाद आज पुलिस के सामने आखिरकार सरेंडर कर ही दिया. इससे पहले आरोपी ने 6 राज्यों में भागकर कांगड़ा पुलिस को खूब छकाया, लेकिन पुलिस भी आरोपी के पीछे साए की तरह लगी रही. आखिर में दीपक को आत्मसमर्पण करने को मजबूर होना पड़ा.
कांगड़ा शालिनी अग्निहोत्री के मुताबिक आरोपी मर्डर करने के बाद अपनी गाड़ी लेकर कांगड़ा से फरार हो गया था. इसके बाद 25 दिन तक पुलिस टीम आरोपी की धरपकड़ के लिए उसके पीछे लगी रही. कांगड़ा से वो अपनी गाड़ी में दिल्ली पहुंचा. पुलिस ने कुछ दिन बाद दिल्ली के पहाड़गंज से आरोपी की गाड़ी सीज कर दी, लेकिन आरोपी यहां से भी भागने में कामयाब रहा और गोवा जा पहुंचा.
पुलिस की जांच CCTV फुटेज के बल पर आगे बढ़ती रही. आरोपी दीपक ने गोवा में भी पांच से छह दिन बिताए. जब तक पुलिस गोवा पहुंचती, तब तक वह गोवा से राजस्थान के जयपुर के लिए फरार हो गया. जयपुर से आरोपी मथुरा पहुंचा. मथुरा से नोएडा आया. इन तीनों जगह आरोपी ने 15 से 16 दिन बिताए. फिर वो अमृतसर पहुंचा. फिर अमृतसर से आरोपी होशियारपुर आया और होशियारपुर में वो बीती रात अपनी बहन के घर पहुंचा. यहां से जीजा व बहन उसे लेकर आधी रात को ही सीधे SP ऑफिस पहुंच गए. इस तरह आरोपी पुलिस से बचने के लिए कुछ-कुछ दिन में अपनी लोकेशन बदलता रहा और पुलिस भी CCTV फुटेज के आधार पर आरोपी के पीछे लगी रही.
गौरतलब है कि नगरोटा बगवां विधानसभा क्षेत्र के जसौर पंचायत में बीते 2 नवंबर को अपने सगे भाई-भाभी की हत्या करके आरोपी दीपक कुमार फरार हो गया था. जानकारी के मुताबिक ये मर्डर उसने जमीनी विवाद के कारण किया. इसी मामले में पुलिस ने आरोपी के पिता, पत्नी और बेटी को भी मर्डर की साजिश में शामिल होने के आरोपों में गिरफ्तार कर रखा है. अब मुख्य आरोपी भी पुलिस की गिरफ्त में आ चुका है. वहीं, आरोपी का भाई सरकारी स्कूल जमानाबाद में बतौर स्कूल लेक्चरर कार्यरत था और उसकी पत्नी गृहणी थीं. जबकि आरोपी दीपक कुमार अपना प्राइवेट स्कूल चलाता है. मृतक दंपति की 9 और 14 साल की 2 बेटियां हैं. जो कि हत्याकांड के दौरान मौके पर मौजूद थीं.