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गांवों में खूब पसंद की जा रही स्वदेशी राखियां, पंचायत स्तर पर लगे सेल काउंटर

ज्वालामुखी में राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के अंतर्गत स्वयं सहायता समूह की महिलाएं स्वदेशी राखियां बनाकर विभिन्न ग्राम पंचायतों में स्टॉल लगा रही हैं. जानकारी के अनुसार राखियों को गांवों में काफी पसंद किया जा रहा.

Indigenous Rakhis
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Published : Jul 28, 2020, 5:25 PM IST

ज्वालामुखी: राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के अंतर्गत स्वयं सहायता समूह की महिलाओं ने स्वदेशी राखियां बनाकर विभिन्न ग्राम पंचायतों में स्टॉल लगाई है. जिसमें महिलाएं खुद स्वदेशी राखियां बेच रही हैं.

राखी पर्व के मद्देनजर महिलाओं को प्रेरित किया गया है कि वह अपने स्वयं सहायता समूह के माध्यम से ज्यादा से ज्यादा स्वदेशी राखियां बनाकर सेल काउंटर लगाएं. जिससे होने वाले लाभ का उनका फायदा मिलेगा और महिलाओं को आजीविका का साधन भी मिलेगा.

वीडियो.

खंड विकास अधिकारी देहरा डॉ. स्वाति गुप्ता के निर्देश पर महिला ग्राम विकास संयोजिका उत्तरा और सविता कुमारी ने हर पंचायत में जाकर महिलाओं को प्रोत्साहित किया. स्वदेशी राखियों के सेल काउंटर हर पंचायत में लगाए गए हैं.

स्वदेशी राखियां बाजारों के मुकाबले गांवों में खूब बिक रही हैं. उन्होंने कहा कि निकट भविष्य में भी इसी तरह से स्वदेशी उत्पाद तैयार किए जाएंगे और उनकी बिक्री की जाएगी. जिससे होने वाले लाभ का स्वयं सहायता समूह और उनकी महिलाओं को फायदा होगा.

ये भी पढ़ें : कांगड़ा में फिर बढ़ने लगे कोरोना के मामले, जिला प्रशासन ने जारी किए नए आदेश

ज्वालामुखी: राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के अंतर्गत स्वयं सहायता समूह की महिलाओं ने स्वदेशी राखियां बनाकर विभिन्न ग्राम पंचायतों में स्टॉल लगाई है. जिसमें महिलाएं खुद स्वदेशी राखियां बेच रही हैं.

राखी पर्व के मद्देनजर महिलाओं को प्रेरित किया गया है कि वह अपने स्वयं सहायता समूह के माध्यम से ज्यादा से ज्यादा स्वदेशी राखियां बनाकर सेल काउंटर लगाएं. जिससे होने वाले लाभ का उनका फायदा मिलेगा और महिलाओं को आजीविका का साधन भी मिलेगा.

वीडियो.

खंड विकास अधिकारी देहरा डॉ. स्वाति गुप्ता के निर्देश पर महिला ग्राम विकास संयोजिका उत्तरा और सविता कुमारी ने हर पंचायत में जाकर महिलाओं को प्रोत्साहित किया. स्वदेशी राखियों के सेल काउंटर हर पंचायत में लगाए गए हैं.

स्वदेशी राखियां बाजारों के मुकाबले गांवों में खूब बिक रही हैं. उन्होंने कहा कि निकट भविष्य में भी इसी तरह से स्वदेशी उत्पाद तैयार किए जाएंगे और उनकी बिक्री की जाएगी. जिससे होने वाले लाभ का स्वयं सहायता समूह और उनकी महिलाओं को फायदा होगा.

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