धर्मशाला: हिमाचल प्रदेश में पूर्व परिवहन मंत्री जीएस बाली के पोस्टर फाड़ने का सिलसिला लगातार जारी है. आज धर्मशाला में पेट्रोल पंप से नीचे कैंची मोड़ पर लगाए गए जीएस बाली के पोस्टर को फाड़ा गया है.
प्रदेश भर के अलग-अलग जिलों में पहले भी जीएस बाली के पोस्टर फाड़े जा चुके हैं. पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के जन्मदिवस के उपलक्ष्य पर कांग्रेस ने कोरोनाकाल में लोगों तक राहत पहुंचाने के लिए रिलिफ कमेटी बनाई थी. इस कमेटी का अध्यक्ष जीएस बाली को बनाया गया था. जीएस बाली की अध्यक्षता वाली इस कमेटी के पोस्टर प्रदेशभर में लगाए हैं, लेकिन ये पोस्टर कुछ लोगों को रास नहीं आ रहे हैं. अब धर्मशाला में लोगों ने इन पोस्टरों को फाड़ा है. इससे पहले शिमला, मंडी, कांगड़ा में ये पोस्टर फाड़े गए थे. प्रदेश हाईकमान ने इस बारे में रिपोर्ट भी तलब की थी.
'पोस्टर कांड' के पीछे किसका हाथ
इन पोस्टर्स को फाड़ने के पीछे किसका हाथ है ये तो अभी पता नहीं चल पाया है, लेकिन बताया जा रहा है कि वीरभद्र सिंह को इन पोस्टर में जगह नहीं दी गई है. इसी को लेकर वीरभद्र समर्थक भड़के हुए हैं. पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के खेमे के तीन वरिष्ठ नेताओं की मंत्रणा ने भी इस मामले में आग में घी डालने का काम कर दिया है. इस मंत्रणा के बाद धर्मशाला में जीएस बाली के पोस्टर फटने की घटना ने आग को और भड़का दिया है.
जनता के सामने आई कांग्रेस की लड़ाई
इस पोस्टर वॉर से कांग्रेस की अंतर्कलह प्रदेश की जनता के सामने आ गई है. कांग्रेस की ये लड़ाई कहां जाकर रुकेगी या तो कोई नहीं जानता, लेकिन इतना जरूर है कि पहली बार प्रदेशभर में एक नेता के पोस्टर इस तरह से फाड़े गए हैं.
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