धर्मशालाः जयराम सरकार द्वारा भले ही धर्मशाला में ग्लोबल इन्वेस्टर मीट का आयोजन पूरा हो चुका है, लेकिन इस पर अब राजनीति जमकर शुरू हो गई है. प्रदेश कांग्रेस ने इन्वेस्टर मीट को लेकर सवाल उठाए हैं. पूर्व परिवहन मंत्री जीएस बाली ने आरोप लगाया कि जयराम सरकार ने बिना सोचे-समझे इन्वेस्टर मीट का आयोजन कर दिया.
जीएस बाली ने कहा कि इन्वेस्टर मीट पर खर्च की गई राशि के बारे में सरकार श्वेत पत्र जारी करे. सीएम जयराम ठाकुर की इन्वेस्टर मीट को लेकर निवेश लाने की सोच रही हो, लेकिन इसका सही मायने में मजाक बनकर रह गया. जयराम सरकार के दो साल में धर्मशाला और कांगड़ा को कुछ नहीं मिला.
बाली ने इन्वेस्टर मीट पर कहा कि प्रदेश सरकार बताए कि प्रदेश में जो उद्योग स्थापित हैं, उनमें से कितने चल रहे हैं, कितनों ने बंद करने का नोटिस दिया है और कितने जा चुके हैं. बेहतर होता सरकार उन उद्यमियों को ब्रांड एंबेसडर बनाती जो प्रदेश में उद्योग चल रहे हैं. इन्वेस्टर मीट में कोई बड़ा ग्रुप नहीं आया और जो आए, उनमें से किसी ने 500 करोड़ निवेश की हामी नहीं भरी.
विदेश से लाए जा रहे निवेशक, 118 तक की नहीं मिल रही परमिशन
बाली ने तंज कसते हुए कहा कि प्रदेश सरकार जहां विदेशों से निवेशक ला रही है, जबकि हिमाचल में पहले से काम कर रहे उद्यमियों को धारा 118 तक की परमिशन नहीं मिल रही है. अधिकारियों की टीम काम करती तो बेहतर होता, जबकि सरकार ने एक कंपनी को इसका कांट्रेक्ट दे दिया.
बाली ने कहा कि प्रदेश कुल जनसंख्या का 15 फीसदी यानि 10 लाख बेरोजगार सड़क पर हैं. प्रदेश में सीमेंट के दाम आसमान छू रहे हैं और आए दिन बिजली के कट लग रहे हैं. अब तक सरकार 4 हजार करोड़ से ज्यादा के लोन ले चुकी है और करोड़ों रुपये प्रचार प्रसार पर खर्च किए गए हैं.
इस प्रोग्राम से किसी का भला नहीं होने वाला है और न ही किसी को रोजगार मिलने वाला है. प्रदेश में 5 लाख लोग भी बढ़ गए तो सरकार के पास उन्हें देने के लिए पानी, बिजली व आधारभूत ढांचा तक नहीं है. बाली ने कहा कि जो उद्यमी आए थे, वो सही मायने में निवेश भी करेंगे या मात्र औपचारिकता निभाने आए थे, इस पर भी संशय है.