कांगड़ा: हिमाचल में बरसात आते ही लोग सहम उठे हैं. हर साल प्रदेश प्रकृति के कहर का गवाह बनता है. भारी बारिश देवभूमि में अफरा तफरी का माहौल खड़ा कर देती है. लोगों का घरों से बाहर निकलना भी मुश्किल हो जाता है.
पिछले साल बरसात के दौरान प्रदेश को1900 करोड़ का नुकसान हुआ था और कई लोग हादसों का शिकार होकर काल का ग्रास बने थे. इस बार प्रदेश में बरसात से निपटने के लिए प्रशासन बेहतर तैयारियों के दावे कर रहा है.
जिला को 200 करोड़ का हुआ था नुकसान
पिछली बरसात में कांगड़ा जिला को 200 करोड़ का नुकसान हुआ था. भारी बरसात के कारण कई लोग बेघर हो गए थे. 1517 परिवारों पर बरसात कहर बनकर बरसी थी. कई कच्चे मकान और झुगियां भारी बारिश से क्षतिग्रस्त हुई और इस दौरान जिले में 27 लोग काल का ग्रास बने थे.
इस बार प्रशासन दावा कर रहा है कि बरसात से निपटने के लिए बेहतर इंतजाम किए गए हैं. डीसी कांगड़ा राकेश प्रजापति ने बताया कि किसी भी स्थिति से निपटने के लिए सभी विभागों को अलर्ट पर रखा गया है.
जिला में नदियों किनारे फेंसिंग न होना भी हादसों का कारण बनता है. हालांकि प्रशासन ने जगह-जगह चेतावनी के बोर्ड लगाए हैं, लेकिन धार्मिक पर्यटन के लिए पहुंचे टूरिस्ट अक्सर नियमों की अवहेलना करते देखे जाते हैं. जिसके कारण कई बार हादसे होते रहे हैं.