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बरसात की दस्तक से ही सहमे लोग, कितना तैयार है प्रशासन? देखिए ETV BHARAT की स्पेशल रिपोर्ट

पिछले साल बरसात के दौरान प्रदेश को1900 करोड़ का नुकसान हुआ था और कई लोग हादसों का शिकार होकर काल का ग्रास बने थे. इस बार प्रदेश में बरसात से निपटने के लिए प्रशासन बेहतर तैयारियों के दावे कर रहा है.

ground report of administration prepration for monsoon
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Published : Jul 7, 2019, 11:47 PM IST

कांगड़ा: हिमाचल में बरसात आते ही लोग सहम उठे हैं. हर साल प्रदेश प्रकृति के कहर का गवाह बनता है. भारी बारिश देवभूमि में अफरा तफरी का माहौल खड़ा कर देती है. लोगों का घरों से बाहर निकलना भी मुश्किल हो जाता है.


पिछले साल बरसात के दौरान प्रदेश को1900 करोड़ का नुकसान हुआ था और कई लोग हादसों का शिकार होकर काल का ग्रास बने थे. इस बार प्रदेश में बरसात से निपटने के लिए प्रशासन बेहतर तैयारियों के दावे कर रहा है.

स्पेशल रिपोर्ट


जिला को 200 करोड़ का हुआ था नुकसान
पिछली बरसात में कांगड़ा जिला को 200 करोड़ का नुकसान हुआ था. भारी बरसात के कारण कई लोग बेघर हो गए थे. 1517 परिवारों पर बरसात कहर बनकर बरसी थी. कई कच्चे मकान और झुगियां भारी बारिश से क्षतिग्रस्त हुई और इस दौरान जिले में 27 लोग काल का ग्रास बने थे.
इस बार प्रशासन दावा कर रहा है कि बरसात से निपटने के लिए बेहतर इंतजाम किए गए हैं. डीसी कांगड़ा राकेश प्रजापति ने बताया कि किसी भी स्थिति से निपटने के लिए सभी विभागों को अलर्ट पर रखा गया है.
जिला में नदियों किनारे फेंसिंग न होना भी हादसों का कारण बनता है. हालांकि प्रशासन ने जगह-जगह चेतावनी के बोर्ड लगाए हैं, लेकिन धार्मिक पर्यटन के लिए पहुंचे टूरिस्ट अक्सर नियमों की अवहेलना करते देखे जाते हैं. जिसके कारण कई बार हादसे होते रहे हैं.

कांगड़ा: हिमाचल में बरसात आते ही लोग सहम उठे हैं. हर साल प्रदेश प्रकृति के कहर का गवाह बनता है. भारी बारिश देवभूमि में अफरा तफरी का माहौल खड़ा कर देती है. लोगों का घरों से बाहर निकलना भी मुश्किल हो जाता है.


पिछले साल बरसात के दौरान प्रदेश को1900 करोड़ का नुकसान हुआ था और कई लोग हादसों का शिकार होकर काल का ग्रास बने थे. इस बार प्रदेश में बरसात से निपटने के लिए प्रशासन बेहतर तैयारियों के दावे कर रहा है.

स्पेशल रिपोर्ट


जिला को 200 करोड़ का हुआ था नुकसान
पिछली बरसात में कांगड़ा जिला को 200 करोड़ का नुकसान हुआ था. भारी बरसात के कारण कई लोग बेघर हो गए थे. 1517 परिवारों पर बरसात कहर बनकर बरसी थी. कई कच्चे मकान और झुगियां भारी बारिश से क्षतिग्रस्त हुई और इस दौरान जिले में 27 लोग काल का ग्रास बने थे.
इस बार प्रशासन दावा कर रहा है कि बरसात से निपटने के लिए बेहतर इंतजाम किए गए हैं. डीसी कांगड़ा राकेश प्रजापति ने बताया कि किसी भी स्थिति से निपटने के लिए सभी विभागों को अलर्ट पर रखा गया है.
जिला में नदियों किनारे फेंसिंग न होना भी हादसों का कारण बनता है. हालांकि प्रशासन ने जगह-जगह चेतावनी के बोर्ड लगाए हैं, लेकिन धार्मिक पर्यटन के लिए पहुंचे टूरिस्ट अक्सर नियमों की अवहेलना करते देखे जाते हैं. जिसके कारण कई बार हादसे होते रहे हैं.

Intro:धर्मशाला- प्रदेश में गर्मियों के बाद बरसात का मौसम शुरू होता हैं । हर साल बरसात प्रदेश के लिए आफत बन कर आती है वही जिला कांगड़ा की बात की जाए तो जिले में बरसात के दौरान करोड़ो रूपये का नुकसान दर्ज होता है और विभाग दोबार पेश किए जाने वाले दावे भी जिले के केई स्थानों में धाराशाही नजर आते है । बरसात शुरू होने से पहले जिले में बरसात से होने वाले नुकसान से बचने के लिए रणनीति बनाई जाती है ताकि जिले में होने वाले बरसात के नुकसान से बचा जा सके ।


पिछले साल भी जिले में हुआ था करोड़ो का नुकसान। 

जिला कांगड़ा में पिछले साल बरसात में हुए नुकसान की बात की जाए तो जिले में भर 200 करोड़ो रूपये का नुकसान हुआ था। जिसमे से जिले भर में 1517 कच्चे पके ओर झुगियोँ वाले मकानों को नुकसान हुआ था। जिले के 730 सरकारी योजनाओं को बरसात की वजह से नुकसान हुआ था। जिले की 2896.44 किलोमीटर छोटी बड़ी सड़को को नुकसान हुआ था। तो बरसात में 27 लोगो की जान भी चली गई थी। 




Body:पालमपुर में सौरव वन बिहार को हुआ था नुकसान।

पिछली बरसात की बात की जाए तो पालमपुर में बनाया गया सौरव वन बिहार जो कि शहीद कैप्टन सौरव कालिया के यादगार में बनाया गया था वो बरसात में बादल फटने की वजह से सौरव वन बिहार में पूरी तरह नष्ट हो गया था । 

बड़ा भंगाल में आई थी आफत की बारिश।

जिले के सबसे दुर्गम इलाके बड़ा भंगाल में भी पिछले साल वारिश की आफत आई थी। बड़ा भंगाल को बीड़ की तरफ से जाने वाला रास्ता बारिश की वजह से उस रास्ते मे लैंड स्लाइड हो गया था और बड़ा भंगाल में तय समय तक वहां के लोगो राशन नही पहुच पाया था जिस वजह से वहां पर मौजूद लोगो को काफी परेशानी हुई थी। वही राशन को मंडी के नेर चोक ओर चम्बा से होकर भेजा गया था। बड़ा भंगाल के लोग पिछली बरसात में काफ़ी परेशान हुए थे। 

पर्यटक करते है नियमो की अवेहलना।

बरसात के मौसम में जिले में पर्यटक भी बहुत आते है गुप्त नवरात्रों के दौरान मन्दिरो में भी श्रद्धालुओं की तादाद बढ़ जाती है। वही पर्यटक नदियों की तरफ रुख करते है अक्सर देखा जाता है कि नदियों में पर्यटक नहाते है वही केई बार पानी का बहाब तेज होता है और केई बार यह बहाब जान ले जाता है। प्रशासन दोबार नदियों के आस पास बोर्ड तो लागये जाते है लेकिन उनकी अनदेखी की जाती है। 


Conclusion:क्या है इस बार की तैयारी। 

इस बार बरसात से जिले में नुकसान न हो उस के लिए जिला कांगड़ा जिला के सभी उपमंडलाधिकारियों को मानसून से पहले आपदा प्रबंधन का फुल प्रूफ प्लान तैयार करने के दिशा निर्देश दिए गए हैं। डीसी कांगड़ा राकेश प्रजापति ने कहा कि सभी क्षेत्रों में पानी की उचित निकासी के प्रबंध किए जाएं इसके साथ ही बाढ़ की दृष्टि से संवेदनशील क्षेत्रों की सूची भी तैयार की जाए।
उन्होंने कहा कि सभी उपमंडलाधिकारी अपने अपने क्षेत्रों में मानसून सीजन को लेकर लोगों को जागरूक करने के लिए प्लान भी तैयार करें। डीसी ने कहा कि जिले में छोटी नालियां नालों को सफाई करने के आदेश दिए है। उन्होंने कहा कि एसडीएम बेजनाथ को कमेटी बनाने को कहा है और निर्देश दिए है कि बड़ा भंगाल मे राशन पहुचाया जाए। उन्होंने कहा कि लोक निर्माण विभाग को बोला गया है कि नदियों नालों के तटों के पास सूचना
बोर्ड लागये। उन्होंने कहा कि पुलिस और होम गार्ड की टीम गठित की गई है। उन्होंने कहा कि के एनडीआरएफ ओर सेना से भि सम्पर्क है ताकि कोइबड़ी घटना होने पर मदद ली जा सके। वही किसी भी प्रकार के आपात में 1077में सम्पर्क कर सकते है।

पूर्व मुख्यमंत्री शान्ता कुमार ने कहा कि बरसात आ रही है और उससे क्या क्या नुकसान हो सकता है इससे सावधानी सरकार ने बरतनी है। उन्होंने कहा कि सरकार सभी विभागों को सतर्क कर दे यदि किसी प्रकार की घटना समय से पहले हो जाये तो उससे निपटा जा सके। शान्ता कुमार ने कहा कि इस समन्वय में सरकार के अलावा समाज को भी जागरूक होना चाहिए ।

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