कांगड़ा: प्रदेश स्वास्थ्य विभाग में हुए घोटाले को लेकर पूर्व परिवहन मंत्री जीएस बाली ने प्रदेश सरकार को सवालों के कटघरे में खड़ा किया है. बाली ने रविवार को पत्रकार वार्ता में कहा कि वह शुरू से मांग कर रहे थे कि स्वास्थ्य विभाग में हुए घोटालों की तह तक जांच की जाए.
पूर्व परिवहन मंत्री जीएस बाली ने कहा कि निदेशक की गिरफ्तारी के बाद दूसरे व्यक्ति की गिरफ्तारी में जितना समय लग उससे जाहिर है कि किसी ना किसी तरह का दबाव जांच को दबाने के लिए बनाया जा रहा है. बाली ने कहा कि इस समय सरकार को जहां पारदर्शिता अपनानी चाहिए थी वहीं, इस मामले में ढिलाई बरत कर सरकार अपनी कार्यप्रणाली पर प्रश्न चिन्ह खड़ा कर रही है.
उन्होंने कहा कि इस मामले में भाजपा प्रदेशाध्यक्ष भी इस्तीफा दे चुके हैं, लेकिन भाजपा अब इस मामले को दबाने की कोशिश में लगी है. उन्होंने कहा कि सरकार को चाहिए कि जो लोग इन घोटालों में संलिप्त हैं उन्हें पकड़ कर जेल भेजा जाए जिससे सरकार की नीयत सामने आ सके.
बाली ने कहा कि कोरोना की वजह से कई लोग बेरोजगार हो चुके हैं, होटल से लेकर ट्रासंपोर्ट इंडस्ट्री खत्म हो चुकी है. ऐसे में सरकार को एक नीति बनानी चाहिए जिसमें बेरोजगारों को भत्ता देने के साथ होटल कारोबारियों को राहत दी जाए.
उन्होंने सरकार पर भेदभाव करने का आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार हर तरह से निचले हिमाचल की अनदेखी कर रही है. बाली ने कहा कि फोर लेन का काम शिमला और मंडी में तो जारी है, लेकिन कांगड़ा में इस काम को अभी तक शुरू भी नहीं किया गया.
बाली ने इस दौरान प्रवासी मजदूरों का मामला उठाते हुए कहा कि प्रदेश में इस समय कई प्रवासी मौजूद है जो अपने घरों में जाना चाहते हैं, लेकिन प्रशासन चुनींदा लोगों को ही वापिस भेज रहा है जिसकी वह निंदा करते हैं.
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