धर्मशाला: हिमाचल प्रदेश के दो बार मुख्यमंत्री, सांसद और पूर्व केंद्रीय मंत्री शांता कुमार ने चुनावी राजनीति को अलविदा कहा है. प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शांता कुमार ने एक बार फिर से सोशल मीडिया के माध्यम से अपना एक भावनात्मक संदेश लोगों को दिया है.
शांता कुमार ने ट्विटर पर लिखा है कि '12 सितंबर को 85 वर्ष पूरा कर 86वें वर्ष में प्रवेश कर रह हूं. इस दिन को हमेशा की तरह घर परिवार और मित्रों के साथ मनाना चाहते हैं. उन्होंने लिखा है कि... यह दिन मेरे लिए कुछ और सोचने का दिन भी है.'
-
12 सितंबर को जीवन के 85 वर्ष पूरे करके 86वें वर्ष में प्रवेश कर रहा हूं खुशी मनाने का दिन है खूब मनाऊंगा सदा की तरह घर में परिवार और मित्रों के साथ । परंतु यह दिन मेरे लिए कुछ और सोचने का दिन भी है...... pic.twitter.com/aiOaXUC5dj
— Shanta Kumar (@shantakumarbjp) September 3, 2019 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
">12 सितंबर को जीवन के 85 वर्ष पूरे करके 86वें वर्ष में प्रवेश कर रहा हूं खुशी मनाने का दिन है खूब मनाऊंगा सदा की तरह घर में परिवार और मित्रों के साथ । परंतु यह दिन मेरे लिए कुछ और सोचने का दिन भी है...... pic.twitter.com/aiOaXUC5dj
— Shanta Kumar (@shantakumarbjp) September 3, 201912 सितंबर को जीवन के 85 वर्ष पूरे करके 86वें वर्ष में प्रवेश कर रहा हूं खुशी मनाने का दिन है खूब मनाऊंगा सदा की तरह घर में परिवार और मित्रों के साथ । परंतु यह दिन मेरे लिए कुछ और सोचने का दिन भी है...... pic.twitter.com/aiOaXUC5dj
— Shanta Kumar (@shantakumarbjp) September 3, 2019
शांता कुमार ने लिखा है कि 1967 में शुरू हुई चुनाव की राजनीति 52 वर्ष के बाद अलविदा कह दिया है. साथ ही शांता कुमार ने यह भी लिखा है कि उन्होंने राजनीति की शुरुआत 1953 में कश्मीर आंदोलन में सत्याग्रह करके 8 माह की जेल काटकर शुरू की थी, लेकिन 66 साल की राजनीति तो चलती रहेगी परंतु राजनीतिक की सक्रियता छोडूंगा उन्होंने कहा कि यह परिवर्तन मेरे जीवन का एक महत्वपूर्ण पड़ाव है.
-
जीवन के इस वर्ष में मैंने 1967 में शुरू की हुई चुनाव की राजनीति को अलविदा कह दिया। राजनीति तो 1953 में कश्मीर आंदोलन में सत्याग्रह करके और 8 माह जेल काटकर शुरू की थी 64 साल की राजनीति तो चलती रहेगी परंतु राजनीति की सक्रियता छोडूंगा यह परिवर्तन मेरे जीवन का महत्वपूर्ण पड़ाव है
— Shanta Kumar (@shantakumarbjp) September 3, 2019 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
">जीवन के इस वर्ष में मैंने 1967 में शुरू की हुई चुनाव की राजनीति को अलविदा कह दिया। राजनीति तो 1953 में कश्मीर आंदोलन में सत्याग्रह करके और 8 माह जेल काटकर शुरू की थी 64 साल की राजनीति तो चलती रहेगी परंतु राजनीति की सक्रियता छोडूंगा यह परिवर्तन मेरे जीवन का महत्वपूर्ण पड़ाव है
— Shanta Kumar (@shantakumarbjp) September 3, 2019जीवन के इस वर्ष में मैंने 1967 में शुरू की हुई चुनाव की राजनीति को अलविदा कह दिया। राजनीति तो 1953 में कश्मीर आंदोलन में सत्याग्रह करके और 8 माह जेल काटकर शुरू की थी 64 साल की राजनीति तो चलती रहेगी परंतु राजनीति की सक्रियता छोडूंगा यह परिवर्तन मेरे जीवन का महत्वपूर्ण पड़ाव है
— Shanta Kumar (@shantakumarbjp) September 3, 2019
ये भी पढ़ें: लखनऊ के जनाना पार्क से गांधी का था कुछ ऐसा रिश्ता
शांता कुमार ने कहा कि राजनीति और चुनाव की राजनीति के सफर में भगवान ने उन्हें बहुत कुछ करने का समय दिया है और वह इस सफर से पूरी तरह से संतुष्ट हैं. शांता कुमार ने लिखा है कि अब पूरा समय विवेकानंद सेवा केंद्र में लगाएंगे. शांता कुमार ने साथ में लिखा है कि वह इस वर्ष में अपनी आत्मकथा को भी पूरा करेंगे क्योंकि बहुत से मित्र और धर्मपत्नी का कहना है कि इसे शीघ्र पूरी कर