कांगड़ा: हिमाचल प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शांता कुमार ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को एक पत्र लिखा है. पत्र के माध्यम से शांता कुमार ने कहा कि कोरोना का सब से बढ़िया इलाज सब लोगों को वैक्सीन लगाना है. परन्तु टीकों की इतनी कमी है कि आज की गति से पूरे देश के लोगों को दो साल में भी टीका नहीं लगाया जा सकेगा.
स्वदेशी कम्पनियों को कंपलसरी लाइसेंस देने की मांग
शांता कुमार ने कहा कि सरकार भारत की 10 स्वदेशी कम्पनियों को टीका बनाने का कंपलसरी लाइसेंस दें. जिससे करोड़ों की संख्या में टीके बनेंगे और बहुत सस्ते दाम पर बिकेंगे. कुछ ही महीनों में पूरे भारत के लोगों को टीका लगाकर राहत दिलाई जा सकती है.
उच्च न्यायालय ने सरकार के पक्ष में दिया था फैसला
शांता कुमार ने याद दिलवाया कि वह 2011-12 में संसद की स्थाई समिति के अध्यक्ष थे. उस समय समिति ने दवाई उद्योग पर सरकार को एक रिपोर्ट दी थी. उस में कहा गया था कि विदेशी वायर कम्पनी कैंसर की एक दवाई मैक्साबार 2 लाख 80 हजार रुपये में बेचती है. जिससे लोग बहुत परेशान हैं.
उस समय सरकार ने भारत की स्वदेशी कम्पनी हैदराबाद की नैटको को कंपलसरी लाइसेंस दिया. जिसके बाद 2 लाख 80 हजार रुपये की दवाई उसी गुणवत्ता के 8 हजार 8 सौ रुपये में बिकने लगी और दवाई की कमी भी नहीं रही. कम्पनी ने पेटेंट कन्ट्रोलर से लेकर उच्च न्यायालय तक मुकदमा लड़ा. उच्च न्यायालय ने अपने ऐतिहासिक निर्णय में सरकार के पक्ष में फैसला दिया.
भारत सरकार से आग्रह
शांता कुमार ने भारत सरकार से आग्रह किया है कि अति शीघ्र स्वदेशी कम्पनियों को कंपलसरी लाइसेंस दिया जाए. यदि सरकार ऐसा नहीं करती तो उसके कारण बताए. जो अटल विहारी बाजपेयी के समय सरकार कर सकती थी, वह आज की सरकार क्यों नहीं कर सकती.
सिर्फ दवाई ही बचा सकती है
पूर्व मुख्यमंत्री शांता कुमार ने कहा की सरकार से मैं पहले भी इस बात पर चर्चा कर चुका हूं और अब फिर मैंने देश के प्रधानमंत्री को पत्र लिखा है. अगर सरकार इस सुझाब को मान लेती है तो देश की जनता को जल्द ही टीका मुहैया करवाने में सरकार कामयाब हो जाएगी और इस महामारी से बचाव सिर्फ दवाई ही रह गया है.
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