नूरपुर/कांगड़ा: वन मंत्री राकेश पठानिया ने रविवार को नूरपुर में भाजपा कार्यकर्ताओं के साथ बैठक के बाद पत्रकारों को संबोधित किया. इस दौरान वन मंत्री राकेश पठानिया ने कहा कि नूरपुर और इंदौरा विधानसभा पड़ोसी राज्यों के सीमावर्ती क्षेत्रों के साथ सटा हुआ क्षेत्र है. आज के दौर में इन क्षेत्रों में नशे का कारोबार, खनन माफिया और बाकी क्राइम चरम सीमा पर हैं, जिन्हें धर्मशाला कार्यालय से कंट्रोल करना मुश्किल साबित हो रहा था. ऐसे में नूरपुर में एएसपी ऑफिस खुलने से इस क्षेत्र में पुलिस फोर्स की तादाद बढ़ने से नशे के साथ अन्य क्राइम पर लगाम में मदद मिलेगी.
वन मंत्री राकेश पठानिया ने कहा कि नूरपुर और इंदौरा थाने में पुलिसकर्मियों पर काम का इतना बोझ है कि उन्हें अपनी वर्दी बदलने का वक्त नहीं मिलता. ऐसे में कर्मियों की तादाद बढ़ने से जहां उन्हें ड्यूटी से आराम भी मिलेगा, वहीं काम का बोझ कम होने पर वो ज्यादा संजीदगी से अपने काम को अंजाम दे पाएंगे.
एक अक्टूबर से एएसपी नूरपुर में बैठेंगे. जैसे ही कोरोनकाल खत्म होता है तो उनकी प्राथमिकता रहेगी कि मुख्यमंत्री जयराम से बात करके पुलिस मुख्यालय खुलवाकर एसपी को नूरपुर में बिठाएं. पठानिया ने कहा कि नूरपुर को जिला बनाना उनकी प्राथमिकता में रहा है, ऐसे में नूरपुर में एएसपी कार्यालय की मंजूरी इसकी शुरुआत है.
पठानिया ने कहा नूरपुर, इंदौरा, ज्वाली, फतेहपुर और चम्बा जिला की भटियात विधानसभा को जोड़कर नूरपुर को जिले का रूप दिया जा सकता है. जिसके लिए वह मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर से गुहार करेंगे. उन्होंने कहा कि वो जिले की लड़ाई के लिए बहुत लंबे समय से लड़ते आ रहे हैं, लेकिन इस बार उनको विश्वास है कि भाजपा सरकार और मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के आशीर्वाद से वो जरूर नूरपुर को जिला बनाने में सफल होंगे.
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