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देहरा: कोरोना के कारण पोंग डैम के मछुआरों की हालत दयनीय

पूर्व कर्मचारी कल्याण बोर्ड के उपाध्यक्ष सुरिंदर मनकोटिया ने प्रदेश सरकार के हितों की गुहार लगाई है. कल्याण बोर्ड के उपाध्यक्ष सुरिंदर मनकोटिया ने कहा कि जिस तरह से बाकी दुकानदारों को सरकार की तरफ से ढील दे गई है उसी तरह पोंग डैम के किनारे लगते सभी मछुआरों को मछली पकड़ने की अनुमति भी दी जाए ताकि वह अपना गुजारा कर सकें.

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कोरोना के कारण पोंग डैम के मछुआरों की हालत दयनीय
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Published : Apr 29, 2020, 5:13 PM IST

देहरा: कोरोना बीमारी में हुए लॉकडाउन की वजह से पोंग डैम के मछुहारे आजकल दयनीय स्थिति से गुजर रहे हैं. पौंग डैम की गोविंद सागर झील में चार विधानसभाओं देहरा, जसवां-परागपुर एवं ज्वाली की पंद्रह सोसाइटियों के सैंकड़ों मछुआरे मछलियां पकड़र परिवार को पालते हैं, लेकिन लॉकडाउन की वजह से मछुआरे मछलियां नहीं पकड़ पा रहे.

ठेकेदार एवं मछुआरों के बीच एग्रीमेंट लॉकडाउन की वजह से नहीं हो रहे और न ही मछुआरों की लाइसेंस फीस जमा हो पा रही है. बर्फ के कारखाने भी बंद हैं. लॉकडाउन की वजह से दूसरे राज्य में मछली नहीं भेज सकते और ना ही मछली की दुकानें खोलने की परमिशन है.

वीडियो.

पूर्व कर्मचारी कल्याण बोर्ड के उपाध्यक्ष सुरिंदर मनकोटिया ने प्रदेश सरकार के हितों की गुहार लगाई है. कल्याण बोर्ड के उपाध्यक्ष सुरिंदर मनकोटिया ने कहा कि जिस तरह से बाकी दुकानदारों को सरकार की तरफ से ढील दे गई है उसी तरह पोंग डैम के किनारे लगते सभी मछुआरों को मछली पकड़ने की अनुमति भी दी जाए ताकि वह अपना गुजारा कर सकें. काफी समय लॉकडाउन के चलते उन्होंने सरकार से मांग की है कि हमें मछली पकड़ने की अनुमति दे दी जाए.

सुरिंदर मनकोटिया ने बताया कि डैम के तरफ चारों तरफ ढाई तीन हजार से ज्यादा मछुआरे रहते हैं जो कि अपना रोजगार सिर्फ मछली पकड़कर ही चलाते थे. उन्होंने यह भी बताया कि 15 सोसाइटी इसके अंदर आती हैं कोरोना वायरस के चलते जिस तरह से काफी मछुआरों ने बैंकों से लोन लिए थे तो लॉकडाउन के चलते वह अपनी किश्तें दे नहीं पा रहे हैं. उन्होंने सरकार से मांग की है कि या तो उसकी अवधि बढ़ा दी जाए जा तो लोन को माफ कर दिया जाए.

ये भी पढ़ें- 80 साल की 'अम्मा' बनी कोरोना वॉरियर, कोविड से लड़ने के लिए बना रही ये 'हथियार'

देहरा: कोरोना बीमारी में हुए लॉकडाउन की वजह से पोंग डैम के मछुहारे आजकल दयनीय स्थिति से गुजर रहे हैं. पौंग डैम की गोविंद सागर झील में चार विधानसभाओं देहरा, जसवां-परागपुर एवं ज्वाली की पंद्रह सोसाइटियों के सैंकड़ों मछुआरे मछलियां पकड़र परिवार को पालते हैं, लेकिन लॉकडाउन की वजह से मछुआरे मछलियां नहीं पकड़ पा रहे.

ठेकेदार एवं मछुआरों के बीच एग्रीमेंट लॉकडाउन की वजह से नहीं हो रहे और न ही मछुआरों की लाइसेंस फीस जमा हो पा रही है. बर्फ के कारखाने भी बंद हैं. लॉकडाउन की वजह से दूसरे राज्य में मछली नहीं भेज सकते और ना ही मछली की दुकानें खोलने की परमिशन है.

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पूर्व कर्मचारी कल्याण बोर्ड के उपाध्यक्ष सुरिंदर मनकोटिया ने प्रदेश सरकार के हितों की गुहार लगाई है. कल्याण बोर्ड के उपाध्यक्ष सुरिंदर मनकोटिया ने कहा कि जिस तरह से बाकी दुकानदारों को सरकार की तरफ से ढील दे गई है उसी तरह पोंग डैम के किनारे लगते सभी मछुआरों को मछली पकड़ने की अनुमति भी दी जाए ताकि वह अपना गुजारा कर सकें. काफी समय लॉकडाउन के चलते उन्होंने सरकार से मांग की है कि हमें मछली पकड़ने की अनुमति दे दी जाए.

सुरिंदर मनकोटिया ने बताया कि डैम के तरफ चारों तरफ ढाई तीन हजार से ज्यादा मछुआरे रहते हैं जो कि अपना रोजगार सिर्फ मछली पकड़कर ही चलाते थे. उन्होंने यह भी बताया कि 15 सोसाइटी इसके अंदर आती हैं कोरोना वायरस के चलते जिस तरह से काफी मछुआरों ने बैंकों से लोन लिए थे तो लॉकडाउन के चलते वह अपनी किश्तें दे नहीं पा रहे हैं. उन्होंने सरकार से मांग की है कि या तो उसकी अवधि बढ़ा दी जाए जा तो लोन को माफ कर दिया जाए.

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