पालमपुर: जिला कांगड़ा में सुलह विधानसभा क्षेत्र की पंचायत पनापर को उपजाऊ जमीन के चलते अन्न के गोदाम के नाम से भी जाना जाता है. इन दिनों धान की पनीरी लगाने का सीजन है, लेकिन इस साल इस क्षेत्र के किसान पानी की कमी के चलते धान की पनीरी लगाने से वंचित हो गए हैं.
दो विभागों की लड़ाई में पिस रहे किसान
पंचायत की करीब 1000 करनाल जमीन में पानी लाने वाली कूहल का वजूद खत्म हो गया है. परौर-पुड़बा संपर्क मार्ग के दोनों ओर से किसानों के खेतों की सिंचाई के लिए पानी जाता था. बीते दिनों जल शक्ति विभाग ने सड़क के दोनों छोर पर पाइप लाइन बिछाने और पुरानी पाइप लाइन उखाड़ने के लिए खुदाई की है. इसके चलते दोनों ओर की कूहल पूरी तरह से समाप्त हो गई.
किसानों ने ऐतिहासिक कूहल को बचाने को लेकर काम शुरू होने के वक्त आवाज उठाई थी, लेकिन कोई सुनवाई नहीं है. पंचायत प्रधान सहित गांव के लोगों ने लोक निर्माण विभाग व जल शक्ति विभाग के धीरा स्थित कार्यालयों में संपर्क कर कूहलों को बहाल करने के लिए अधिकारियों से गुहार लगाई है.
किसानों ने जताया रोश
किसानों का कहना है कि उनकी फसल की बिजाई के लिए पर्याप्त पानी नहीं मिल रहा है. जैसे-तैसे फसल के लिए पानी इकट्ठा करके फसल की बिजाई की जा रही है. किसानों ने समस्या के समाधान नहीं होने पर धरना-प्रदर्शन की चेतावनी दी है.
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