धर्मशाला: भाजयुमो (भारतीय जनता युवा मोर्चा) कार्यकर्ताओं ने चीन के खिलाफ नारेबाजी करते हुए चीन के राष्ट्रपति का पुतला जलाया. इस दौरान देशवासियों से चीन को सबक सिखाने के लिए चीन निर्मित सामान के बहिष्कार की मांग की. जिला अध्यक्ष प्रणव शर्मा ने कहा कि चीन की शुरू से ही विस्तारवादी नीति रही, इसी के चलते चीन ने गलवान घाटी में इस तरह की हरकत की.
भाजयुमो कार्यकर्ताओं ने कहा कि चीन के साथ एक हमारा एक समझौता था, जिसके तहत हथियार लेकर नहीं जा सकते थे, लेकिन चीनी सैनिक सीमा पर हथियार लेकर आए. हमारी सेना पर हमला किया, जिसमें हमारे कुछ सैनिक शहीद हुए, लेकिन हमारी सेना ने बहादुरी के साथ चीनी हमले का जवाब दिया.
उन्होंने कहा कि चीन की सरकार समझ जाए कि यह 1962 का भारत नहीं है, जिसे चीन डरा लेगा. यह भारत 2020 का भारत है. जिसका नेतृत्व पीएम नरेंद्र मोदी कर रहे हैं. हमारा भारत न किसी के आगे झुकेगा और ना ही किसी से डरेगा. चीन को समझना चाहिए कि हमारी भारतीय सेना बहादुर हैं. चीन समझ जाए कि अब उसकी विस्तारवाद की नीति नहीं चलेगी. समस्त देशवासियों से आग्रह है कि भारतीय सेना का साथ देते हुए चीनी सामान का बहिष्कार करे, जिससे कि चीन को सबक सिखाया जा सके.
ऊना में भी विरोध
भारत-चीन सीमा विवाद को लेकर दोनों ही मुल्कों के बीच तनाव बढ़ता ही जा रहा है. बीते दिनों भारतीय और चीनी सेना के सैनिकों के बीच पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में हुई हिंसक झड़प में 20 भारतीय सैनिक शहीद हो गए थे. जिसके बाद से देशभर में चीन की इस नापाक हरकात का विरोध हो रहा है. ऊना में भी व्यापार मंडल ने चीनी राष्ट्रपति का पोस्टर जला कर विरोध प्रदर्शन किया. प्रदेश व्यापार मंडल ने चीनी सामान न खरीदने और न बेचने की शपथ भी ली. व्यापार मंडल के सदस्यों ने चीनी सामना का बहिष्कार कर शहीद सैनिकों के प्रति अपनी सच्ची श्रद्धांजलि दी.
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