धर्मशाला: कैबिनेट मंत्री चंद्र कुमार भारी बारिश से हुए नुकसान का जायजा लेने धर्मशाला पहुंचे. इस दौरान चंद्र कुमार ने बताया कि इस बार बरसात हिमाचल प्रदेश में डरावनी रही है. बरसात तो पहले भी होती रही है, लेकिन इस बार बरसात की वजह से हिमाचल में भारी नुकसान हुआ है. उन्होंने बताया कि चिरपूंजी के बाद धर्मशाला में भारी मात्रा में बरसात होती थी, लेकिन आज लगता है कि सबसे ज्यादा बारिश शिमला में हुई है, उन्होंने बताया कि किस तरह से कुल्लू मनाली और जिला चंबा में बरसात की वजह से प्रलय आई है और इस बारिश की वजह से बहुत से घर बह गए और भारी मात्रा में संपत्ति को नुकसान हुआ है.
दरअसल, चंद्र कुमार ने कहा कि इस बरसात में बहुत से लोगों की जान भी गई है और इन परिस्थितियों में प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने ऐसा कोई रास्ता नहीं छोड़ा है. जहां पर सुखविंदर सिंह सुक्खू नहीं गए हों. उन्होंने बताया कि कांगड़ा जिले में भी नुकसान हुआ है, लेकिन जितना नुकसान कुल्लू मनाली और शिमला में हुआ है उतना नुकसान कांगड़ा जिले में नहीं हुआ है. चंद्र कुमार ने बताया कि प्रदेश में जितने भी डैम अथॉरिटी हैं, चाहे वह पौंग डैम हो या अन्य डैम अथॉरिटी हो कोई भी रिहर्सल नहीं करती है और ना ही समय पर अपने डैम के गेटों को चेक करते हैं.
'मुख्यमंत्री ने डैम अथॉरिटी से की है बात': चंद्र कुमार ने बताया कि जब आपदा की घड़ी आती है तो बिना किसी सूचना के डैम के गेट को खोल देते हैं, जिस कारण तबाही का मंजर सामने आता है. उन्होंने कहा कि कम से कम जितने भी डैम अथॉरिटी है, उन सभी को अपनी कार्य प्रणाली को सुधारना चाहिए. मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने भी डैम अथॉरिटी से भी बात की है और मुख्यमंत्री की तरफ से यह कहा है की जितना नुकसान डैम से पानी छोड़ने की बजह से हुआ है उन सब की भरपाई भी डैम अथॉरिटी को ही करनी पड़ेगी.
'राष्ट्रीय आपदा नहीं किया गया घोषित': चंद्र कुमार ने बताया कि अभी तक भारत सरकार से कोई भी मदद नहीं आई है और हिमाचल प्रदेश में इतनी आपदा आई है. इसको भी राष्ट्रीय आपदा घोषित करना चाहिए था, लेकिन राष्ट्रीय आपदा घोषित नहीं किया गया. उन्होंने बताया की विपक्ष के नेता ने भी कोई भी ज्ञापन नहीं दिया. प्रदेश के मुख्यमंत्री देश के प्रधानमंत्री से मिले और इतनी बड़ी जलप्रलय उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश में हुई और देश के प्रधानमंत्री ने एक दिन भी कोई भी चर्चा नहीं की. उन्होंने बताया कि भारत सरकार को सभी राजनितिक पार्टियों को एक ही दृष्टि के साथ देखना चाहिए.