हमीरपुर: कोरोना महामारी ने हर तबके और क्षेत्र को प्रभावित किया है. इसमें वकालत का पेशा भी शामिल हैं. आम दिनों में कोर्ट कचहरियों में रहने वाली भीड़ कोरोना संक्रमण के इस दौर में गायब है.
कई मामलों में तारीख पर तारीख मिल रही है. जिसका सीधा असर वकीलों की जेब पर भी पड़ रहा है. नोटरी से लेकर कचहरी तक के वकीलों पर कोरोना की मार पड़ी है. कोरोना संकट काल में कोर्ट कचहरी में होने वाले कामकाज पर भी असर पड़ा है.
पहले जहां कोर्ट में भीड़ लगी रहती थी. इन दिनों वीडियो कॉन्फ्रेंसिग और ई-फाइलिंग के जरिये कोर्ट में कामकाज हो रहा है. अनलॉक-1 के बावजूद कोर्ट कचहरियों में भीड़ नहीं है. हमीरपुर में आम लोगों की छोड़िये वकील आने से परहेज कर रहे हैं.
यहां आम दिनों में करीब 300 वकील प्रैक्टिस करते हैं, लेकिन इन दिनों ये आंकड़ा महज 10 फीसदी रह गया है और सिर्फ 30-40 वकील ही नजर आ रहे हैं. कोर्ट में कागजातों का भी कम इस्तेमाल हो रहा है, जिसके चलते ज्यादातर काम ई फाइलिंग के सहारे हो रहे हैं.
इन दिनों सिर्फ जरूरी मामलों की सुनवाई हो रही है. जिसके चलते लगातार पेंडिंग केस का आंकड़ा बढ़ रहा है और मौजूदा हालात को देखते हुए लगता नहीं कि हालात जल्द सामान्य होंगे, ऐसे में कोर्ट में पेंडिंग केस की तादाद में इजाफा होना लाजमी है. 30 जून तक फिलहाल कोर्ट परिसर में काम को बंद रखा गया है. गिने चुने मामलों की सुनवाई हो पा रही है, जिसके चलते वकील भी कम ही नजर आ रहे हैं. नोटरी से कचहरी तक यही हाल है.
कुल मिलाकर कोरोना संक्रमण का सीधा असर कोर्ट कचहरियों और इन वकीलों पर भी पड़ा है. कोरोना संक्रमण के मामले देशभर के साथ हिमाचल में भी बढ़ रहे हैं. वकीलों को उम्मीद है कि एक दिन जिंदगी फिर से पटरी पर लौटेगी और कोर्ट कचहरियों का कामकाज भी आम दिनों की तरह चलेगा.