भोरंज: उपमंडल भोरंज के विभिन्न कस्बों और नेशनल हाईवे ऊना नेरचौक व इसके आसपास के क्षेत्रों में लावारिस पशुओं की बढ़ती तादाद से लोग परेशान हैं. नेशनल हाईवे की मुख्य सड़क पर बेसहारा पशु घूमते रहते हैं, जो कि आम लोगों व वाहन चालकों के लिए परेशानी का सबब बना हुए हैं.
खासतौर पर वाहन चालकों के लिए ये पशु मुख्य मार्ग पर दुर्घटना का कारण भी बनते हैं. बेसहारा पशुओं से आए दिन छोटी-बड़ी दुर्घटनाएं होती रहती हैं. कभी राहगीर तो कभी दोपहिया वाहन चालक इनकी चपेट में आ जाते हैं. बावजूद इसके सरकार इस पर कोई कदम नहीं उठा पाती है, जिससे लोगों का कहना है कि हम अपना दुखड़ा किसे सुनाएं. प्रशासन भी इस तरह की समस्याओं पर गौर नहीं करता है.
उपमंडल भोरंज में गेंहू की फसल की बर्बादी के बाद अब किसान मक्की की फसल को हो रहे नुकसान से काफी परेशान हैं. खेतों में पहरा देने के बावजूद लावारिस पशु रात को खेतों में घुसकर मक्की की फसल बर्बाद कर दी है. लावारिस पशुओं की समस्या का अभी तक कोई भी हल न निकलने से किसानों में सरकार और प्रशासन के प्रति रोष है.
भोरंज उपमंडल में दो जिलों बिलासपुर और मंडी के संगम स्थल पर होने की वजह से चारों ओर से अज्ञात लोग लावारिस पशुओं को छोड़ रहे हैं. हालांकि हमीरपुर जिला के नगरोटा खड्ड बाज़ार, जाहू और मंडी जिला के भांबला बतैल में गौ सदन खोले गए हैं.
ऐसे में गौ सदन की आड़ में कुछ लोग यहां पर लावारिस पशु छोड़ रहे हैं. जाहू पंचायत में सुनैहल और सीर खड्ड के किनारे,पहली पुल, खड्ड बाजार, चन्दरूहि, भरेड़ी, बेलग, जाहू, सुलगवान बाजार और तलाई गांव में लावारिस पशुओं की संख्या 300 के करीब दर्ज की जा रही है.
मक्की की फसल को लावारिस पशु खाकर जड़ों से ही उखाड़ रहे हैं. लावारिस पशुओं ने मक्की की फसल को पूरी तरह से नष्ट कर दिया है. किसानों का कहना है कि इस समस्या से सरकार व प्रशासन को कई बार अवगत करवाया गया है फिर भी समस्या कम होने की बजाए बढ़ती जा रही है. ऐसे में खेतों की बिजाई करना इसके बाद छोड़ना पड़ेगा.
पपलाह गांव के बिहारी लाल ने बताया उनके गांव में दर्जन भर आवारा पशु रहते हैं जो रात के अंधेरे में पूरे के पूरे खेत को सफाचट कर देते हैं. उन्होंने बढ़िया बीज खेतों में डाला और फिर ट्रैक्टर वाले को भी खेत जोतने के पैसे दिए, उसके बाद खाद की भी दो से तीन बोरियां खेतों में डाली थी. इस बार फसल भी अच्छी थी एक पौधे को दो से तीन सिले लगे थे, लेकिन सारी फसल मो इन लावारिस पशुओं ने साफ कर दिया है.
हनोह के पूर्व प्रधान राजेन्द्र सिंह भी बताते है कि इनसे मक्की की फसल बर्बाद हो चुकी है. दूसरे गांवों के लोग पशुओं को उनके गांव की तरह मोड़ जाते हैं. बाड़बंदी का भी कोई असर नहीं है आखिर किसान कहां जाए. लोगों का कहना है कि शीघ्र उन्हें लावारिस पशुओं से निजात दिलवाई जाए, ताकि किसानों को उनका मेहताना तो मिल सके.
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