हमीरपुर: हमीरपुर विधानसभा क्षेत्र के लोग इस बार नए चेहरे की तलाश में हैं. हमीरपुर विधानसभा क्षेत्र में मुकाबला इस बार त्रिकोणीय है. ऐसे में भाजपा और कांग्रेस के साथी आजाद प्रत्याशी पर भी सबकी नजरें बनी हुई है. हमीरपुर विधानसभा क्षेत्र में महंगाई बेरोजगारी पुरानी पेंशन की बहाली के साथ ही स्थानीय मुद्दे भी प्रबल है. यहां पर बस स्टैंड की खस्ता हालत और नए बस स्टैंड का निर्माण ना होना भी एक बड़ा मुद्दा है. ऐसे में ईटीवी भारत ने शहर के साथ ही हमीरपुर विधानसभा क्षेत्र के दो अलग-अलग क्षेत्रों में जाकर लोगों की राय जानी.
हमीरपुर शहर में युवाओं का कहना है कि महंगाई और बेरोजगारी के मुद्दे पर सरकार विफल रही है. पेपर लीक की वजह से युवाओं को हताशा हाथ लगी है. सरकार की इन विफलताओं के कारण अन्य राज्यों के मुकाबले हिमाचल के साख गिरी है. जिला मुख्यालय हमीरपुर से सटी अणु पंचायत में तो लोग सरकार के कामकाज से कुछ हद तक संतुष्ट दिखे हैं. लेकिन ग्रामीण क्षेत्र के चमनेड एरिया में लोग वर्तमान सरकार के कामकाज से संतुष्ट नजर नहीं आए.
वर्तमान विधायक पर आरोप: हमीरपुर के लोगों का कहना है कि महंगाई और बेरोजगारी के साथ ही स्थानीय तौर पर भी विधायक यहां पर नहीं दिखे हैं, जिस वजह से अब लोग नए चेहरे की तलाश में है चाहे वह किसी भी दल का हो या फिर निर्दलीय. बता दें, हमीरपुर विधानसभा सीट में त्रिकोणीय मुकाबला है. भाजपा ने एक बार फिर से वर्तमान विधायक नरेंद्र ठाकुर को अपना प्रत्याशी बनाया है. तो वहीं, कांग्रेस ने नौकरी छोड़ कर चुनावी रण में कूदने वाले डॉक्टर पुष्पेंद्र वर्मा को चुनावी मैदान में उतारा है. दोनों ही प्रमुख दलों के साथ ही यहां पर आजाद प्रत्याशी आशीष शर्मा भी बड़ी चुनौती बनकर उभरे हैं.
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