शिमला: हिमाचल सरकार में लोक निर्माण विभाग के मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने रोजगार के मुद्दे पर विपक्ष पर निशाना साधा है. इसके साथ ही उन्होंने नेता प्रतिपक्ष और बीजेपी पर केंद्र से हिमाचल को मिलने वाली मदद रोकने का भी आरोप लगाया है. साथ ही आपदा के समय केंद्र पर मदद न करने का आरोप लगाया.
विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि, '2 साल के कार्यकाल में प्रदेश सरकार ने 42 हजार से अधिक युवाओं को रोजगार के अवसर हिमाचल में प्रदान किए. वहीं पूर्व भाजपा सरकार ने 5 साल के कार्यकाल में केवल 20 हजार सरकारी नौकरियां दी, लेकिन प्रदेश सरकार ने दो सालों में 12 हजार 500 नौकरियां सरकारी क्षेत्र में दीं. प्रदेश सरकार युवाओं को रोजगार देने के लिए प्रतिबद्ध है और सरकार इसके लिए काम कर रही है, लेकिन पिछले कुछ समय से विपक्ष और मुख्य रूप से नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर लगातार तथ्यहीन बयानबाजी कर रहे हैं जो दुर्भाग्यपूर्ण हैं. पूर्व सरकार के घोटालों के चलते जो भर्तियां लटकी हुई थीं उन्हें भी बहाल करने का काम सरकार ने किया. कांग्रेस सरकार ने 20 हजार पदों को अप्रूव कर उन्हें भरने की प्रक्रिया शुरू कर दी है.'
सेब बागवानों के लिए लाए यूनिवर्सल कार्टन
विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि, 'बीजेपी सरकार प्रदेश पर 75 हजार करोड़ का कर्ज छोड़ कर गई. वर्तमान सरकार ने प्रदेश को आर्थिक रूप से मजबूत करने के लिए काम किया.सीएम सुक्खू के नेतृत्व में 443 औद्योगिक प्रस्तावों को स्वीकृति दी गई. साथ ही राजीव गांधी स्वरोजगार योजना के माध्यम से युवाओं को रोजगार दिया जा रहा है. इसके अलावा बागवानों के लिए यूनिवर्सल कार्टन लाया गया और नींबू प्रजाति के फलों का समर्थन मूल्य भी बढ़ाया गया. वर्तमान सरकार ने मनरेगा का दिहाड़ी बढ़ाई और आपदा में क्षतिग्रस हुई सड़कों को मनरेगा के माध्यम से ठीक करवाया. इससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती देने का काम किया गया.'
आपदा में मदद न करने का आरोप
इस दौरान लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर को निशाने पर लिया. विक्रमादित्य सिंह ने नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर पर आरोप लगाते हुए कहा कि 'जयराम ठाकुर लगातार केन्द्र से हिमाचल को मिलने वाली मदद को रोकने का काम कर रहे हैं. केंद्र की हर फंडिंग में हिमाचल की आवाज दबाने का काम किया जा रहा है. हिमाचल आर्थिक रूप से केंद्र पर निर्भर है. जम्मू कश्मीर को बजट में स्पेशल पैकेज दिया गया, लेकिन हिमाचल में आपदा से भारी नुकसान हुआ. करीब 9 हजार करोड़ के नुकसान का आंकलन किया गया, लेकिन केंद्र से एक पैसा नहीं मिला. राजनीति केवल राजनीतिक के लिए नहीं होनी चाहिए. विपक्ष को प्रदेश के हित के लिए राजनीति करनी चाहिए.'
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