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प्राइवेट नौकरी छोड़ रविंद्र ने शुरू किया मशरूम उत्पादन, अब कमा रहे लाखों रुपये - प्राइवेट नौकरी छोड़ रविंद्र ने शुरू किया मशरूम उत्पादन

हमीरपुर के रविंद्र कुमार ने प्राइवेट नौकरी को छोड़ कर उद्यान विभाग की एक योजना के तहत मशरूम उत्पादन का व्यवसाय अपनाया. मशरूम के उत्पादन से रविंद्र को लाखों रुपये की आमदनी हो रही है.

Ravindra left private job and started mushroom production in sujanpur
प्राइवेट नौकरी छोड़ रविंद्र ने शुरू किया मशरूम उत्पादन
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Published : Feb 22, 2020, 11:07 AM IST

हमीरपुर: हिमाचल सरकार कृषि और बागवानी को बढ़वा देने के लिए सालाना लाखों रुपये के बजट का प्रभावधान करती है, ताकि बेरोजगार युवाओं को स्वरोजगार के साधन उपलब्ध करवाए जा सकें. ऐसी ही उद्यान विभाग की एक योजना का जिला हमीरपुर के गांव सहेली भेबड़ के निवासी रविंद्र कुमार ने लाभ उठाया है.

रविंद्र कुमार ने साल 2014-15 में मशरूम का व्यवसाय अपनाया, जिससे रविंद्र कुमार को सालाना लाखों रुपये की आमदनी हो रही है. रविंद्र कुमार ने साल 2013 में प्राइवेट कंपनी से नौकरी छोड़कर घर में ही मशरूम उत्पादन की व्यवसाय शुरू किया था.

व्यवसाय शुरू करने के लिए रविंद्र ने साल 2014-15 में उद्यान विभाग की एमआईडीएच स्कीम का लाभ उठाकर अपने घर में मशरूम उत्पादन के लिए छोटा सा प्लांट तैयार किया.

वीडियो रिपोर्ट.

शुरुआत में पैसे की कमी के चलते उन्हें इस कारोबार करने में कुछ दिक्कतें पेश आई, लेकिन उन्होंने हौसला नहीं हारा. रविंद्र कड़ी मेहनत करते गए और उन्होंने अपने मशरूम के उत्पादन में धीरे-धीरे वृद्धि की.

रविंद्र कुमार द्वारा उत्पादित मशरूम की मांग हमीरपुर जिला के अलवा साथ लगते जिलों में भी है. वहीं, रविंद्र कुमार का कहना है कि मशरूम के उत्पादन के लिए खाद अन्य जिलों से लाने पड़ती थी, लेकिन अब उन्होंने घर में ही खाद बनाने का प्लांट लगा लिया है.

रविंद्र के खुद के बनाए गए खाद प्लांट में जल्द ही खाद बनाने का काम शुरू हो जाएगा. रविंद्र प्रदेश के बेरोजगार युवाओं को संदेश देते हुए कहते हैं, कि सरकार स्वरोजगार अपनाने के लिए कई तरह की योजनाएं चला रही है उन्हें इसका लाभ उठाना चाहिए. बेरोजगार युवाओं को स्वरोजगार अपना कर अपना और अपने परिवार का पालन पोषण करना चाहिए.

ये भी पढ़ें: चिट्टे संग विदेशी गिरफ्तार, दिल्ली में बिना विजा-पासपोर्ट रह रहा था आरोपी

हमीरपुर: हिमाचल सरकार कृषि और बागवानी को बढ़वा देने के लिए सालाना लाखों रुपये के बजट का प्रभावधान करती है, ताकि बेरोजगार युवाओं को स्वरोजगार के साधन उपलब्ध करवाए जा सकें. ऐसी ही उद्यान विभाग की एक योजना का जिला हमीरपुर के गांव सहेली भेबड़ के निवासी रविंद्र कुमार ने लाभ उठाया है.

रविंद्र कुमार ने साल 2014-15 में मशरूम का व्यवसाय अपनाया, जिससे रविंद्र कुमार को सालाना लाखों रुपये की आमदनी हो रही है. रविंद्र कुमार ने साल 2013 में प्राइवेट कंपनी से नौकरी छोड़कर घर में ही मशरूम उत्पादन की व्यवसाय शुरू किया था.

व्यवसाय शुरू करने के लिए रविंद्र ने साल 2014-15 में उद्यान विभाग की एमआईडीएच स्कीम का लाभ उठाकर अपने घर में मशरूम उत्पादन के लिए छोटा सा प्लांट तैयार किया.

वीडियो रिपोर्ट.

शुरुआत में पैसे की कमी के चलते उन्हें इस कारोबार करने में कुछ दिक्कतें पेश आई, लेकिन उन्होंने हौसला नहीं हारा. रविंद्र कड़ी मेहनत करते गए और उन्होंने अपने मशरूम के उत्पादन में धीरे-धीरे वृद्धि की.

रविंद्र कुमार द्वारा उत्पादित मशरूम की मांग हमीरपुर जिला के अलवा साथ लगते जिलों में भी है. वहीं, रविंद्र कुमार का कहना है कि मशरूम के उत्पादन के लिए खाद अन्य जिलों से लाने पड़ती थी, लेकिन अब उन्होंने घर में ही खाद बनाने का प्लांट लगा लिया है.

रविंद्र के खुद के बनाए गए खाद प्लांट में जल्द ही खाद बनाने का काम शुरू हो जाएगा. रविंद्र प्रदेश के बेरोजगार युवाओं को संदेश देते हुए कहते हैं, कि सरकार स्वरोजगार अपनाने के लिए कई तरह की योजनाएं चला रही है उन्हें इसका लाभ उठाना चाहिए. बेरोजगार युवाओं को स्वरोजगार अपना कर अपना और अपने परिवार का पालन पोषण करना चाहिए.

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